पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके परिवार के 17 ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई (CBI) ने छापेमारी (CBI Raid At Lalu Yadav Patna Delhi Residence) की है. वहीं पटना राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है. सीबीआई ने ये कार्रवाई भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में की है, जिसका विरोध शुरू हो चुका है. आरजेडी (RJD) कार्यकर्ता इसको लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
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सीबीआई छापेमारी पर भड़के RJD नेता : आरजेडी ने इस छापेमारी को लालू प्रसाद और उनके परिजन को परेशान करने का आरोप लगाया है. आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार (RJD MLC sunil singh on cbi raid ) ने कहा कि सीबीआई (CBI) छापेमारी कर रही, लेकिन बाबा जी ठुल्लू मिल रहा है. सीबीआई की ये कार्रवाई बदले की कार्रवाई है.
विरोध में धरने पर बैठे RJD कार्यकर्ता, जमकर नारेबाजी : छापेमारी के बीच बड़ी संख्या में लालू प्रसाद यादव के समर्थक राबड़ी देवी के पटना के आवास के बाहर खड़े हैं. आरजेडी नेताओं और कार्यकर्ताों ने छापेमारी पर आक्रोश जताया है. आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि आरजेडी प्रमुख और उनके परिजन को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने इसे बदले की कारवाई बताते हुए कहा कि तेजस्वी देश के बाहर हैं जबकि लालू प्रसाद दिल्ली में हैं. इस बीच, आरजेडी के नेता शक्ति यादव ने कहा कि विरोधी लालू और तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे हैं. इस कारण इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.
रेल मंत्री रहते घोटाला करने का आरोप : जानकारी के मुताबिक, यह मामला भर्ती घोटाले से जुड़ा है. आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. खबरों की मानें तो लालू यादव के अलावा, उनके परिवार के सदस्यों को भी नये मामले में आरोपी बनाया गया है. बता दें कि साल 2004 से साल 2009 के बीच लालू रेलमंत्री थे.
जानकारी के अनुसार, पटना, गोपालगंज, दिल्ली, मध्यप्रदेश के भोपाल में छापेमारी हो रही है. मीसा भारती के आवास पर भी छापेमारी चल रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फिलहाल पटना में नहीं हैं. तेज प्रताप यादव और राबड़ी देवी यहां हैं. इस बीच, लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर अधिकारियों ने बताया है कि जांच एजेंसी ने दिल्ली व बिहार में 17 स्थानों पर छापे मारे. उन्होंने बताया कि यह कथित घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील सरकार यानी यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे.
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