ETV Bharat / city

सोशल मीडिया पर छायी रहने वाली RJD ने वर्चुअल चुनाव प्रचार से बनाई दूरी

विशेषज्ञ भी डिजिटल प्रचार की सफलता को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. प्रोफेसर डीएम दिवाकर का कहना है कि देश में नोटबंदी और जीएसटी के समय डिजिटाईजेशन पर जोर दिया गया. ये प्रयोग पूरी तरह सफल नहीं हुए. अब चुनाव प्रचार में डिजिटाईजेशन का इस्तेमाल हो रहा है, देखना है इसमें पार्टियों को कितनी सफलता मिलती है.

RJD
RJD
author img

By

Published : Jul 19, 2020, 6:36 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर बीजेपी और जेडीयू वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार में जुटी है. वहीं प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस ने इस वर्चुअल मीडियम से दूरी बना ली है. सोशल साइट्स पर छायी रहने वाली आरजेडी वर्चुअल चुनाव प्रचार का लगातार विरोध कर रही है.

सोशल मीडिया में आगे रहने वाली पार्टी वर्चुअल में पीछे
बिहार विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने हैं. चुनाव आयोग लगातार तैयारी कर रहा है. लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण राजनीतिक दलों की गतिविधियां वर्चुअल माध्यम तक ही सीमित है. लेकिन, आरजेडी और लालू परिवार सोशल साइट्स पर छाए रहने के बावजूद वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार से भाग रही है.

RJD
निर्वाचन विभाग

आरजेडी का तंज
इसके अलावा पार्टी लगातार इसका विरोध भी कर रही है. विपक्ष की अधिकांश पार्टियां चुनाव आयोग से चुनाव को टालने का आग्रह कर चुकी हैं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जिंदगी बचाना है. लेकिन बीजेपी, जेडीयू को किसी भी तरह से सत्ता चाहिए.

पक्ष का पलटवार
वही सत्ताधारी दल बीजेपी और जेडीयू चुनाव प्रचार में वर्चुअल माध्यम का जबरदस्त इस्तेमाल कर रहे हैं. जेडीयू की ओर से आरजेडी पर तंज भी कसा जा रहा है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है आरजेडी सोशल साइट पर सबसे आगे रहने का दावा करने वाली पार्टी है. लेकिन, यही पार्टी वर्चुअल माध्यम से इसलिये भाग रही है क्योंकि इनकी कोई तैयारी नहीं है. जनता के लिए कुछ काम ही नहीं किया है तो संवाद किस विषय पर करेंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

डिजिटल प्रचार की सफलता पर सवाल
विशेषज्ञ भी डिजिटल प्रचार की सफलता को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. प्रोफेसर डीएम दिवाकर का कहना है कि देश में नोटबंदी और जीएसटी के समय डिजिटाईजेशन पर जोर दिया गया. ये प्रयोग पूरी तरह सफल नहीं हुए. अब चुनाव प्रचार में डिजिटाईजेशन का इस्तेमाल हो रहा है, देखना है इसमें पार्टियों को कितनी सफलता मिलती है.

सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर वर्चुअल प्रचार मजबूरी
विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि वर्चुअल माध्यम में लाभ बीजेपी और जेडीयू को मिलेगा. इसके पीछे तर्क ये हैं कि आरजेडी के मुकाबले बाकी दोनों पार्टियों का वोट बैंक डिजिटल माध्यम को एडॉप्ट करने में ज्यादा सक्षम है. वहीं सत्ताधारी दल के नेताओं की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में आरजेडी नेता लोगों के घर घर तक गए थे. लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ. विपक्ष की ओर से वर्चुअल माध्यम को खर्चीला बताने पर भी सत्ता पक्ष की ओर से लगातार दलील दी जा रही है. सत्ता पक्ष का कहना है कि इससे सस्ता कुछ हो ही नहीं सकता है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर बीजेपी और जेडीयू वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार में जुटी है. वहीं प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस ने इस वर्चुअल मीडियम से दूरी बना ली है. सोशल साइट्स पर छायी रहने वाली आरजेडी वर्चुअल चुनाव प्रचार का लगातार विरोध कर रही है.

सोशल मीडिया में आगे रहने वाली पार्टी वर्चुअल में पीछे
बिहार विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने हैं. चुनाव आयोग लगातार तैयारी कर रहा है. लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण राजनीतिक दलों की गतिविधियां वर्चुअल माध्यम तक ही सीमित है. लेकिन, आरजेडी और लालू परिवार सोशल साइट्स पर छाए रहने के बावजूद वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार से भाग रही है.

RJD
निर्वाचन विभाग

आरजेडी का तंज
इसके अलावा पार्टी लगातार इसका विरोध भी कर रही है. विपक्ष की अधिकांश पार्टियां चुनाव आयोग से चुनाव को टालने का आग्रह कर चुकी हैं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जिंदगी बचाना है. लेकिन बीजेपी, जेडीयू को किसी भी तरह से सत्ता चाहिए.

पक्ष का पलटवार
वही सत्ताधारी दल बीजेपी और जेडीयू चुनाव प्रचार में वर्चुअल माध्यम का जबरदस्त इस्तेमाल कर रहे हैं. जेडीयू की ओर से आरजेडी पर तंज भी कसा जा रहा है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है आरजेडी सोशल साइट पर सबसे आगे रहने का दावा करने वाली पार्टी है. लेकिन, यही पार्टी वर्चुअल माध्यम से इसलिये भाग रही है क्योंकि इनकी कोई तैयारी नहीं है. जनता के लिए कुछ काम ही नहीं किया है तो संवाद किस विषय पर करेंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

डिजिटल प्रचार की सफलता पर सवाल
विशेषज्ञ भी डिजिटल प्रचार की सफलता को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. प्रोफेसर डीएम दिवाकर का कहना है कि देश में नोटबंदी और जीएसटी के समय डिजिटाईजेशन पर जोर दिया गया. ये प्रयोग पूरी तरह सफल नहीं हुए. अब चुनाव प्रचार में डिजिटाईजेशन का इस्तेमाल हो रहा है, देखना है इसमें पार्टियों को कितनी सफलता मिलती है.

सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर वर्चुअल प्रचार मजबूरी
विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि वर्चुअल माध्यम में लाभ बीजेपी और जेडीयू को मिलेगा. इसके पीछे तर्क ये हैं कि आरजेडी के मुकाबले बाकी दोनों पार्टियों का वोट बैंक डिजिटल माध्यम को एडॉप्ट करने में ज्यादा सक्षम है. वहीं सत्ताधारी दल के नेताओं की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में आरजेडी नेता लोगों के घर घर तक गए थे. लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ. विपक्ष की ओर से वर्चुअल माध्यम को खर्चीला बताने पर भी सत्ता पक्ष की ओर से लगातार दलील दी जा रही है. सत्ता पक्ष का कहना है कि इससे सस्ता कुछ हो ही नहीं सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.