रांची/पटना: लालू यादव को चारा घोटाला मामले में 17 अप्रैल को ही हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. जिसके बाद लालू यादव को रिहा करने का आदेश जारी हो गया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका मामले में रिलीज ऑर्डर जारी कर दिया.
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इससे पहले लालू यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार की तरफ से गुरुवार को सबसे पहले जमानत से संबंधित बेल बॉन्ड फर्निश किया गया. इसके बाद अदालत की तरफ से निर्धारित की गई 10 लाख की राशि जमा कराई गई. अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि वेलर के तौर पर निशिकांत और राजू गोप कोर्ट में उपस्थित हुए थे.
करोड़ों रुपये के चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट से दुमका कोषागार मामले में भी शनिवार को जमानत मिल गई थी. लालू को जमानत मिलते ही बिहार की सियासत गरमा गई थी और उनके समर्थकों का जोश देखते ही बन रहा था. लालू प्रसाद को जमानत मिलने के बाद भी उनके परिवार के लोगों ने एम्स में ही रखने का फैसला लिया था.
शर्तों पर दी गई जमानत
जमानत देने के साथ ही झारखंड हाई कोर्ट ने कई शर्तें भी रखीं हैं, जिन्हें लालू यादव को मानना होगा. कोर्ट आदेश के मुताबिक बिना अनुमति के वे देश से बाहर नहीं जाएंगे और ना ही अपना पता और मोबाइल नंबर बदलेंगे. वहीं, 1-1 लाख का बेल बांड और 5-5 लाख निजी मुचलकों पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था.
23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं लालू यादव
लालू यादव को दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट से 17 अप्रैल को जमानत मिल गई थी. उस समय उनके वकील ने बताया था कि लालू यादव की ओर से 19 अप्रैल को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानती बॉन्ड भर दिया जाएगा और वे जेल से बाहर आ जाएंगे. देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपए की राशि के गबन के मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद से यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं. उन्हें चारा घोटाले से संबंधित अन्य तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है. फिलहाल लालू यादव न्यायिक हिरासत में दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं.