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सरकार ने शिक्षा और शिक्षकों के साथ किया क्रूर मजाक: RJD

राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 'शिक्षा और शिक्षकों के प्रति बिहार सरकार की नीयत ठीक नहीं है. सरकार ने शिक्षा और शिक्षक को मजाक का साधन बनाकर रख दिया गया है.'

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Published : Nov 18, 2021, 10:22 PM IST

राजद का बिहार सरकार पर हमला
राजद का बिहार सरकार पर हमला

पटना: बिहार में शिक्षा और शिक्षकों की स्थिति को लेकर राजद (RJD) के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों के प्रति बिहार सरकार की नीयत ठीक नहीं है. शिक्षा और शिक्षक को मजाक का साधन बनाकर रख दिया गया है. राजद नेता ने कहा कि ना तो सरकार यह बताने को तैयार है कि नियुक्ति पत्र शिक्षकों को कब मिलेगा और ना ही यह बताने को तैयार है कि 15% वेतन वृद्धि का लाभ शिक्षकों को कब से मिलेगा.

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''शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक नियोजन सम्बन्धी शिड्यूल और नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि सम्बन्धी दो अधिसूचना जारी की गयी है. दोनों अधिसूचनाएं अधूरी हैं. प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से सम्बन्धित जो अधिसूचना जारी की गयी है, उसमें शेष बचे पदों के लिए केवल काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया गया है. नियुक्ति पत्र कब दिया जाएगा और नियुक्ति कब होगी, अधिसूचना में इसकी कोई चर्चा नहीं है. जिनकी काउंसलिंग हो चुकी है, उन्हें नियुक्ति पत्र कब दिया जायेगा, इसकी भी कोई चर्चा नहीं है.''- चितरंजन गगन, प्रदेश प्रवक्ता, राजद

उन्होंने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के संबंध में सरकार पूर्णतः मौन है. इसी प्रकार दूसरी अधिसूचना नियोजित शिक्षकों के लिए अगस्त 2020 में लिये गये 15% वेतन वृद्धि की घोषणा को लागू करने से सम्बन्धित है. इस आदेश का क्या मतलब जब ऑनलाइन कैल्कुलेटर बना ही नहीं है. ऐसे में वेतन वृद्धि कैसे होगी. ऐसे तो नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि का सपना अधूरा ही रह जाएगा.

ये भी पढ़ें- ETV भारत के सवाल पर बोले CM नीतीश- खुद ही कराना होगा जातीय जनगणना, तो हम करेंगे विचार

चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार ने करीब 3.5 लाख शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसदी वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया है. 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, लेकिन बड़ी बात यह है कि कई बार घोषणा के बावजूद अब तक सरकार ने वह सॉफ्टवेयर तैयार ही नहीं कराया, जिसके जरिए शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा. शिक्षकों की पुरानी मांग है कि वेतन वृद्धि से पहले वेतन विसंगति दूर की जाए. उसके लिए भी सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया है.

अधिसूचना के अनुसार यदि 2021 से जुलाई महीने में मिलने वाले इंक्रीमेंट को सरकार नहीं देती है और सिर्फ जनवरी महीने में देती है तो फिर जुलाई महीने वाले शिक्षकों का वेतन भविष्य में भी जनवरी वाले शिक्षकों के वेतन की तुलना में कम हो जाएगा. राजद प्रवक्ता ने सरकार की पे-मैट्रिक्स संरचना को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि इससे शिक्षकों का नुकसान होगा. 1 अप्रैल के प्रभाव से तैयार पे-मैट्रिक्स में शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का मूल वेतन निर्धारित होने के बाद वार्षिक वेतन वृद्धि जनवरी 2022 से देय होगा.

अब तक साल में जनवरी और जुलाई में दो बार होने वाली विभिन्न शिक्षकों की वेतन वृद्धि अब साल में सिर्फ एक बार जनवरी महीने में ही होगी. ऐसे में अगर अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि का लाभ शिक्षकों को मिलेगा, तो उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि जनवरी में मिलेगी ना कि जुलाई में और जुलाई वाले शिक्षकों को अगले वेतन वृद्धि के लिए जनवरी 2023 तक का इंतजार करना होगा. यही वजह है कि जुलाई में जिन शिक्षकों का वेतन वृद्धि देय है, वे शिक्षक इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

पटना: बिहार में शिक्षा और शिक्षकों की स्थिति को लेकर राजद (RJD) के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों के प्रति बिहार सरकार की नीयत ठीक नहीं है. शिक्षा और शिक्षक को मजाक का साधन बनाकर रख दिया गया है. राजद नेता ने कहा कि ना तो सरकार यह बताने को तैयार है कि नियुक्ति पत्र शिक्षकों को कब मिलेगा और ना ही यह बताने को तैयार है कि 15% वेतन वृद्धि का लाभ शिक्षकों को कब से मिलेगा.

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''शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक नियोजन सम्बन्धी शिड्यूल और नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि सम्बन्धी दो अधिसूचना जारी की गयी है. दोनों अधिसूचनाएं अधूरी हैं. प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से सम्बन्धित जो अधिसूचना जारी की गयी है, उसमें शेष बचे पदों के लिए केवल काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया गया है. नियुक्ति पत्र कब दिया जाएगा और नियुक्ति कब होगी, अधिसूचना में इसकी कोई चर्चा नहीं है. जिनकी काउंसलिंग हो चुकी है, उन्हें नियुक्ति पत्र कब दिया जायेगा, इसकी भी कोई चर्चा नहीं है.''- चितरंजन गगन, प्रदेश प्रवक्ता, राजद

उन्होंने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के संबंध में सरकार पूर्णतः मौन है. इसी प्रकार दूसरी अधिसूचना नियोजित शिक्षकों के लिए अगस्त 2020 में लिये गये 15% वेतन वृद्धि की घोषणा को लागू करने से सम्बन्धित है. इस आदेश का क्या मतलब जब ऑनलाइन कैल्कुलेटर बना ही नहीं है. ऐसे में वेतन वृद्धि कैसे होगी. ऐसे तो नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि का सपना अधूरा ही रह जाएगा.

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चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार ने करीब 3.5 लाख शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसदी वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया है. 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, लेकिन बड़ी बात यह है कि कई बार घोषणा के बावजूद अब तक सरकार ने वह सॉफ्टवेयर तैयार ही नहीं कराया, जिसके जरिए शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा. शिक्षकों की पुरानी मांग है कि वेतन वृद्धि से पहले वेतन विसंगति दूर की जाए. उसके लिए भी सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया है.

अधिसूचना के अनुसार यदि 2021 से जुलाई महीने में मिलने वाले इंक्रीमेंट को सरकार नहीं देती है और सिर्फ जनवरी महीने में देती है तो फिर जुलाई महीने वाले शिक्षकों का वेतन भविष्य में भी जनवरी वाले शिक्षकों के वेतन की तुलना में कम हो जाएगा. राजद प्रवक्ता ने सरकार की पे-मैट्रिक्स संरचना को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि इससे शिक्षकों का नुकसान होगा. 1 अप्रैल के प्रभाव से तैयार पे-मैट्रिक्स में शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का मूल वेतन निर्धारित होने के बाद वार्षिक वेतन वृद्धि जनवरी 2022 से देय होगा.

अब तक साल में जनवरी और जुलाई में दो बार होने वाली विभिन्न शिक्षकों की वेतन वृद्धि अब साल में सिर्फ एक बार जनवरी महीने में ही होगी. ऐसे में अगर अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि का लाभ शिक्षकों को मिलेगा, तो उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि जनवरी में मिलेगी ना कि जुलाई में और जुलाई वाले शिक्षकों को अगले वेतन वृद्धि के लिए जनवरी 2023 तक का इंतजार करना होगा. यही वजह है कि जुलाई में जिन शिक्षकों का वेतन वृद्धि देय है, वे शिक्षक इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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