पटना/नई दिल्ली: रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपनी लिखित याचिका में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पटना पुलिस को 25 जुलाई को 'जीरो एफआईआर' मानते हुए मामले को मुंबई पुलिस को हस्तांतरित कर देना चाहिए.
रिया ने यह भी कहा कि राजपूत के पिता ने उस पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. शीर्ष अदालत ने पहले ही रिया की स्थानांतरण याचिका (मामले को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने) पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
जीरो FIR दर्ज कर मामला ट्रांसफर करें मुंबई
अपनी लिखित याचिका में रिया ने कहा कि एफआईआर का पटना में किसी अपराध से कोई कनेक्शन नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में ज्यादा से ज्यादा यह किया जा सकता है कि पटना में एक जीरो एफआईआर दर्ज करके फिर इस मामले को अधिकार क्षेत्र वाले पुलिस स्टेशन को भेजा जा सकता है.
रिया ने कहा कि बिहार में जांच पूरी तरह से अवैध है और इस तरह की अवैध कार्यवाही को सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को सौंपे पूरा मामला
रिया ने कहा है कि अगर मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और अगर सुप्रीम कोर्ट अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर मामले को सीबीआई को सौंपता है तो उन्हें आपत्ति नहीं होगी.
कानून के विपरीत मामले का स्थानांतरण
लिखित याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता को कोई आपत्ति नहीं है, अगर भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत इस न्यायालय की प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में सीबीआई को जांच का हस्तांतरण किया जाता है. अन्यथा, बिहार पुलिस का सीबीआई में वर्तमान में किया गया स्थानांतरण पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र के बिना है और यह कानून के विपरीत है.
उन्होंने दलील दी कि बिहार पुलिस के इशारे पर सीबीआई को जांच का हस्तांतरण पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र की अनदेखी है.