पटना: एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के देहांत के बाद पार्टी में बंटवारे के बाद उपजी स्थिति के बीच उनकी पत्नी रीना पासवान (Reena Paswan) ने अपने बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वह अपने को लेकर काफी चिंतित हैं. यही वजह है कि उनके दोस्तों को हमेशा चिराग के साथ रहने के लिए कहती हूं. उन्होंने कहा कि मेरे लिए इससे बड़ी तकलीफ की बात और क्या होगी कि 44 साल तक परिवार में रहने के बाद भी अब मुझे अपने पति के साथ क्या संबंध रहा है, यह बताना पड़ रहा है.
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रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच छिड़ी जंग में पहली बार रीना पासवान ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री और अपने देवर पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ मंत्री पद पाने के लिए परिवार और पार्टी को तोड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान उन्हें मंत्री बनाना चाहते थे, इसीलिए 2019 लोकसभा चुनाव में मुझसे हाजीपुर से चुनाव लड़ने की जिद करते थे, लेकिन मुझे राजनीति में नहीं है. इसलिए मैंने उन्हें मना कर दिया था.
मीडिया से बातचीत के दौरान रीना ने कहा कि पशुपति पारस को मंत्री बनने की महत्वाकांक्षा थी, जिस वजह से उन्होंने बीमार चल रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान के अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही उनसे दूरियां बनानी शुरू कर दी थी.
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रीना पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान के जिंदा रहते ही पशुपति पारस उन्हें ब्लैकमेल करने लगे थे. रामविलास पासवान अपने भाई के कारण घुट-घुट कर जी रहे थे. उन्होंने दावा किया कि जिन्हें पारस 'भगवान' स्वरूप बताते रहते हैं, उनके अस्पताल में भर्ती होने पर एक बार भी उनके परिवार के सदस्य उनको देखने नहीं आए थे.
चिराग की मां ने कहा कि अगर पारस को मंत्री ही बनना था तो वह मुझसे कहते. मैं सब कुछ दे देती, लेकिन वह अब झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं. रीना पासवान ने यहां तक कहा कि पारस ही नहीं, उनकी पत्नी तक ने उनसे बात करना छोड़ दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि आज वह सिर्फ इसलिए मीडिया के सामने आई है, पारस का झूठ अब उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।. यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार के साथ चुनाव नहीं लड़ने का फैसला रामविलास पासवान का ही था.