पटना: कांग्रेस चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के क्षेत्रीय दलों (Rahul Gandhi remark on regional parties) पर सवाल उठाए जाने और बिहार कांग्रेस नेताओं के गठबंधन के नाम पर समझौता नहीं करने के साफ संदेश के बाद यह तय माना जा रहा है बिहार में कांग्रेस अब बिना आरजेडी (RJD Congress Alliance) आगे बढ़ने की रणनीति पर चलेगी.
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दरअसल, पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से दोनों दलों के रिश्ते में दरार उभरी है, जो समय के साथ और गहराते चली जा रही है. विधानसभा चुनाव के बाद तीन सीटों पर हुए उपचुनाव हो या विधानपरिषद के चुनाव, दोनों पार्टिया अलग-ऊलग प्रत्याशी उतार चुके हैं. स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद चुनाव के दौरान राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) ने हालांकि कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ गठबंधन बना रहेगा.
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.. तो बिहार में RJD का साथ छोड़ेगी कांग्रेस? : इधर, चिंतन शिविर के बाद तय माना जा रहा है कि भविष्य में कांग्रेस खुद को मजबूत कर अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी. राजद हालांकि इस बयान पर सीधे तौर पर तो कांग्रेस पर निशाना नहीं साध रही लेकिन उसे आइना दिखाने से भी नहीं चूक रही. राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा कहते हैं कि कांग्रेस अगर आंकड़ों पर नजर डालेगी तो तो वे अपना बयान वापस ले लेंगे. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से मिलकर सरकार चला रही है.
मनोज झा (RJD Leader Manoj Jha) ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) की सलाह को दोहराते हुए कहा कि 220-225 सीटें हैं, जहां भाजपा और कांग्रेस सीधी लड़ाई में है. कांग्रेस को अन्य जगहों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए और एक सह-यात्री के विचार पर समझौता करना चाहिए. इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल कहते हैं कि बिहार कांग्रेस के नेताओं का रवैया चिंतन शिविर में आश्चर्यजनक रहा है. कांग्रेस 'परिवार' के समक्ष पहली बार हिम्मत दिखाते हुए बिहार कांग्रेस के नेताओं ने राजद का साथ छोड़ने की सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि 'परिवार' के कारण ही बिहार में राजद लगातार मजबूत होती गयी और कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व पूरी तरह से नष्ट, भ्रष्ट और ध्वस्त हो गया.
चिंतन शिवर में क्या कहा था राहुल गांधी? : राहुल गांधी ने चिंतन शिविर में यह बात कही थी कि पूरे देश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों से अलग होकर चुनाव लड़ना होगा. क्योंकि उनके पास विजन नहीं है. जिसकी वजह से कांग्रेस अपना जनाधार खो रही है.
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