पटना: बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री पद की कैंडिडेट रहीं पुष्पम प्रिया चौधरी ने इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के मुख्यमंत्री के मीम वीडियो को शेयर करते हुए तंज कसा है.
पुष्पम प्रिया ने ट्वीट कर लिखा- 'बिहार की क़िस्मत! किसी ने मनोरंजन के लिए यह बेहतरीन आर्टवर्क भेजा. लेकिन मुझे बहुत मज़ा नहीं आया क्योंकि इसमें जिन दो नक़ली नेताओं का चित्रण किया गया है उनको जब भी मैं देखती हूँ मुझे बिहार के लिए बहुत दुख और अफ़सोस होता है.'
-
बिहार की क़िस्मत! किसी ने मनोरंजन के लिए यह बेहतरीन आर्टवर्क भेजा। लेकिन मुझे बहुत मज़ा नहीं आया। क्योंकि इसमें जिन दो नक़ली नेताओं का चित्रण किया गया है उनको जब भी मैं देखती हूँ मुझे बिहार के लिए बहुत दुख और अफ़सोस होता है। pic.twitter.com/L8SMyDD5zi
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">बिहार की क़िस्मत! किसी ने मनोरंजन के लिए यह बेहतरीन आर्टवर्क भेजा। लेकिन मुझे बहुत मज़ा नहीं आया। क्योंकि इसमें जिन दो नक़ली नेताओं का चित्रण किया गया है उनको जब भी मैं देखती हूँ मुझे बिहार के लिए बहुत दुख और अफ़सोस होता है। pic.twitter.com/L8SMyDD5zi
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020बिहार की क़िस्मत! किसी ने मनोरंजन के लिए यह बेहतरीन आर्टवर्क भेजा। लेकिन मुझे बहुत मज़ा नहीं आया। क्योंकि इसमें जिन दो नक़ली नेताओं का चित्रण किया गया है उनको जब भी मैं देखती हूँ मुझे बिहार के लिए बहुत दुख और अफ़सोस होता है। pic.twitter.com/L8SMyDD5zi
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020
उन्होंने कहा, '30 साल में जब पूरा देश आर्थिक सुधारों के दौर में आगे बढ़ रहा था, बिहार लालू-नीतीश (और दिल्ली के उनके दो पार्टनरों) की ठग राजनीति में फंसा रह गया. 15-15 साल की तानाशाही वाले बहुमत की सरकार से बेहतरी की अपेक्षाएँ होती हैं, उनसे जो न्याय और सुशासन के जुमलों पर सत्ता हथियाते हैं.'
-
30 साल में जब पूरा देश आर्थिक सुधारों के दौर में आगे बढ़ रहा था, बिहार लालू-नीतीश (और दिल्ली के उनके दो पार्टनरों) की ठग राजनीति में फँसा रह गया। 15-15 साल की तानाशाही वाले बहुमत की सरकार से बेहतरी की अपेक्षाएँ होती हैं, उनसे जो न्याय और सुशासन के जुमलों पर सत्ता हथियाते हैं।
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">30 साल में जब पूरा देश आर्थिक सुधारों के दौर में आगे बढ़ रहा था, बिहार लालू-नीतीश (और दिल्ली के उनके दो पार्टनरों) की ठग राजनीति में फँसा रह गया। 15-15 साल की तानाशाही वाले बहुमत की सरकार से बेहतरी की अपेक्षाएँ होती हैं, उनसे जो न्याय और सुशासन के जुमलों पर सत्ता हथियाते हैं।
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 202030 साल में जब पूरा देश आर्थिक सुधारों के दौर में आगे बढ़ रहा था, बिहार लालू-नीतीश (और दिल्ली के उनके दो पार्टनरों) की ठग राजनीति में फँसा रह गया। 15-15 साल की तानाशाही वाले बहुमत की सरकार से बेहतरी की अपेक्षाएँ होती हैं, उनसे जो न्याय और सुशासन के जुमलों पर सत्ता हथियाते हैं।
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020
पुष्पम ने आगे लिखा, 'इनकी क़िस्मत की हवा के नरम-गरम होने के बीच यह तो तय है कि बिहार की क़िस्मत इन दोनों की राजनीति की विदाई से ही बदलेगी, लेकिन फिर बिहार की क़िस्मत को बाबूजी-बेटाजी की राजनीति की हवा न लग जाए. #30YearsLockdown'
-
इनकी क़िस्मत की हवा के नरम-गरम होने के बीच यह तो तय है कि बिहार की क़िस्मत इन दोनों की राजनीति की विदाई से ही बदलेगी, लेकिन फिर बिहार की क़िस्मत को बाबूजी-बेटाजी की राजनीति की हवा न लग जाए। #30YearsLockdown
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">इनकी क़िस्मत की हवा के नरम-गरम होने के बीच यह तो तय है कि बिहार की क़िस्मत इन दोनों की राजनीति की विदाई से ही बदलेगी, लेकिन फिर बिहार की क़िस्मत को बाबूजी-बेटाजी की राजनीति की हवा न लग जाए। #30YearsLockdown
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020इनकी क़िस्मत की हवा के नरम-गरम होने के बीच यह तो तय है कि बिहार की क़िस्मत इन दोनों की राजनीति की विदाई से ही बदलेगी, लेकिन फिर बिहार की क़िस्मत को बाबूजी-बेटाजी की राजनीति की हवा न लग जाए। #30YearsLockdown
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) December 7, 2020
बता दें कि पूरे साल राज्य और कुछ मायनों में राष्ट्रीय स्तर पर भी पुष्पम प्रिया की चर्चा हुई. बिहार में चुनाव का ऐलान हुआ तो उनका नाम सुर्खियों में आने लगा लेकिन जब 10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो उनकी पार्टी का प्रदर्शन तो छोड़िए पुष्पम प्रिया चौधरी अपनी भी जमानत नहीं बचा पाईं.
पटना के बांकीपुर सीट से बीजेपी के नीतिन नवीन को चुनौती दे रही पुष्पम प्रिया चौधरी को 5189 वोट मिले जो कुल वोट फीसदी का महज 3.69 फीसदी हिस्सा था. वहीं मधुबनी के बिस्फी सीट से तो उनका प्रदर्शन और भी बुरा रहा और उन्हें महज 1521 वोट मिले जो कुल मत का एक फीसदी (0.85) भी नहीं था.