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जेल में बंद भोला उर्फ नितेश ने न्यायालय से लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार

विचाराधीन कैदी भोला उर्फ नितेश ने कहा कि 2 वर्ष से वह जेल में बंद है. जेल में कैदियों को जानवरों की तरह रखा जाता है.

विचाराधीन कैदी भोला उर्फ नितेश
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Published : May 16, 2019, 11:40 AM IST

पटनाः बिहार एसएससी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले के आरोप में जेल में बंद भोला उर्फ नितेश ने न्यायालय से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. भोला वर्ष 2017 में आयोजित इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में आरोपित है. निगरानी की एक विशेष अदालत में उसने एक आवेदन दाखिल किया है, कि वह अब जीना नहीं चाहता है, इसलिए वह इच्छा मृत्यु मांग रहा है.

जेल प्रशासन पर लगाए आरोप
नितेश ने कहा कि जेल में उसकी स्थिति नारकीय हो गई है. वह 2 वर्ष से जेल में है. जेल में कैदियों को जानवरों की तरह रखा जाता है. विशेष न्यायाधीश मधुकर कुमार ने आवेदन को रिकॉर्ड में रखने का आदेश दिया है. इस मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार समेत 41 आरोपित जेल में है. आवेदक ने अदालत पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि वह न्यायालय और संविधान का हमेशा सम्मान करता रहा है, लेकिन अब नहीं. गरीब व्यक्ति न्याय पाने से कोसों दूर है.

बयान देता विचाराधीन कैदी और उसके वकील

न्याय व्यवस्था पर उठाए सवाल
उसने अदालत को बताया कि बिहार महादलित विकास मिशन घोटाले के मुख्य एवं प्राथमिकी में नामजद आरोपी व सेवानिवृत्त अधिकारी केपी रमैया के खिलाफ आरोपपत्र दायर है. बावजूद उन्हें निचली अदालत में समर्पण करते ही नियमित जमानत मिल गई. वहीं आर्म्स एक्ट मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को कुछ महीने में बेल मिल गई. ऐसी न्याय व्यवस्था है.

परीक्षा दने की नहीं मिली अनुमति
आवेदक ने कहा कि 9 जनवरी 2019 को प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने की अनुमति देने के लिए उसने अदालत में आवेदन दिया था. अदालत ने अनुमति दे दी लेकिन आदेश के बावजूद जेल प्रशासन की इजाजत नहीं मिली. वहीं, अपना इलाज करने के लिए भी अदालत से गुजारिश की लेकिन जेल डॉक्टर ने लिख दिया कि यहां इलाज संभव नहीं है. जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद भोला और अपने देश के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहता था. लेकिन उसने आरोप लगाया कि अदालत ने इसकी अनुमति नहीं दी है. इसलिए वह न्यायालय के समक्ष इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रहा है.

पटनाः बिहार एसएससी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले के आरोप में जेल में बंद भोला उर्फ नितेश ने न्यायालय से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. भोला वर्ष 2017 में आयोजित इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में आरोपित है. निगरानी की एक विशेष अदालत में उसने एक आवेदन दाखिल किया है, कि वह अब जीना नहीं चाहता है, इसलिए वह इच्छा मृत्यु मांग रहा है.

जेल प्रशासन पर लगाए आरोप
नितेश ने कहा कि जेल में उसकी स्थिति नारकीय हो गई है. वह 2 वर्ष से जेल में है. जेल में कैदियों को जानवरों की तरह रखा जाता है. विशेष न्यायाधीश मधुकर कुमार ने आवेदन को रिकॉर्ड में रखने का आदेश दिया है. इस मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार समेत 41 आरोपित जेल में है. आवेदक ने अदालत पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि वह न्यायालय और संविधान का हमेशा सम्मान करता रहा है, लेकिन अब नहीं. गरीब व्यक्ति न्याय पाने से कोसों दूर है.

बयान देता विचाराधीन कैदी और उसके वकील

न्याय व्यवस्था पर उठाए सवाल
उसने अदालत को बताया कि बिहार महादलित विकास मिशन घोटाले के मुख्य एवं प्राथमिकी में नामजद आरोपी व सेवानिवृत्त अधिकारी केपी रमैया के खिलाफ आरोपपत्र दायर है. बावजूद उन्हें निचली अदालत में समर्पण करते ही नियमित जमानत मिल गई. वहीं आर्म्स एक्ट मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को कुछ महीने में बेल मिल गई. ऐसी न्याय व्यवस्था है.

परीक्षा दने की नहीं मिली अनुमति
आवेदक ने कहा कि 9 जनवरी 2019 को प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने की अनुमति देने के लिए उसने अदालत में आवेदन दिया था. अदालत ने अनुमति दे दी लेकिन आदेश के बावजूद जेल प्रशासन की इजाजत नहीं मिली. वहीं, अपना इलाज करने के लिए भी अदालत से गुजारिश की लेकिन जेल डॉक्टर ने लिख दिया कि यहां इलाज संभव नहीं है. जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद भोला और अपने देश के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहता था. लेकिन उसने आरोप लगाया कि अदालत ने इसकी अनुमति नहीं दी है. इसलिए वह न्यायालय के समक्ष इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रहा है.

Intro:बिहार एसएससी के परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले के आरोप में जेल में बंद भोला उर्फ नितेश ने न्यायालय से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है, भोला वर्ष 2017 में आयोजित इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2017 में प्रश्न पत्र लीक मामले में वह आरोपित है। निगरानी की एक विशेष अदालत में पेशी के दौरान एक आवेदन दाखिल किया है, कि वह अब जीना नहीं चाहता है,उसने इच्छा मृत्यु का अनुरोध किया है


Body:भोला उर्फ नितेश ने कहा कि जेल में उसकी स्थिति नारकीय हो गई है, वह 2 वर्ष से जेल में है, जेल में कैदियों को जानवरों की तरह रखा जाता है, विशेष न्यायाधीश मधुकर कुमार ने आवेदन को रिकॉर्ड में रखने का आदेश दिया है, इस मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार समेत 41 आरोपित जेल में हैं आवेदन के अनुसार आवेदक ने अदालत पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि वह न्यायालय और संविधान का हमेशा सम्मान करता रहा है, मगर अब नहीं, गरीब व्यक्ति न्याय पाने से कोसों दूर है उसने अदालत को बताया कि बिहार महादलित विकास मिशन घोटाले के मुख्य एवं प्राथमिकी में नामजद आरोपी व सेवानिवृत्त अधिकारी केपी रमैया के खिलाफ आरोपपत्र दायर है बावजूद उन्हें निचली अदालत में समर्पण करते ही नियमित जमानत मिल गई, वहीं आर्म्स एक्ट मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को खुशी महीने में बेल मिल गई ऐसी न्याय व्यवस्था है आवेदक ने कहा कि 9 जनवरी 2019 को प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने की अनुमति देने के लिए उसने अदालत में आवेदन दिया था अदालत ने अनुमति दे दी लेकिन आदेश के बावजूद जेल प्रशासन की इजाजत नहीं मिली, वही अपना इलाज करने के लिए भी अदालत से गुजारिश की लेकिन जेल डॉक्टर ने लिख दिया कि यहां इलाज संभव नहीं है


Conclusion:जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद भोला और अपने देश लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन उसने आरोप लगाया कि अदालत ने इसकी अनुमति नहीं दी है इस रीवा न्यायालय के समक्ष इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रहा है




बाईट-भोला उर्फ नितेश, विचाराधीन कैदी
बाईट-नितेश के वकिल
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