पटना: बिहार में छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन के तहत 23 फरवरी से (Primary Teachers Get Appointment Letter From February 23) पटना समेत बिहार के ज्यादातर जिलों में शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू होगा. हालांकि बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ेगा, जिनके सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं. इनमें ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या भी ज्यादा है जिनके मैट्रिक और इंटर के सर्टिफिकेट में स्पेलिंग में त्रुटि पाया गया है.
ये भी पढ़ें- 25 फरवरी की तैयारी में बाधक बने जिलों को अल्टीमेटम, फिजिकल टीचर की बहाली भी मार्च में पूरा करने का टारगेट
दरअसल, मुजफ्फरपुर और मधुबनी समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी मिले हैं जिनके मैट्रिक या इंटर के सर्टिफिकेट में पिता का नाम या अन्य किसी तरह का त्रुटि है. वहीं कुछ ऐसी नियोजन इकाई भी हैं जहां नगर परिषद से नगर निगम बनाया गया है या नगर निकाय में किसी तरह का परिवर्तन हुआ है. वहां भी फिलहाल शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाएगा. जब तक कि नए निकाय का गठन नहीं हो जाता लेकिन 23 फरवरी से पटना समेत ज्यादातर जिलों में करीब 42000 चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो जाएगा. प्राथमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक नियुक्ति पत्र मिलने के दौरान चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को शपथ पत्र के साथ काउंसलिंग कराने का रिसीविंग और डाक टिकट के साथ लिफाफा देना होगा.
बता दें कि, 15 फरवरी को बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने घोषणा करते हुए कहा था कि, 23 फरवरी से विभिन्न नियोजन इकाइयों के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ही वे योगदान कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें 30 दिन का वक्त मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि, 562 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं जबकि 300 से ज्यादा अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं जिनकी जांच चल रही है. जमुई समेत विभिन्न नियोजन इकाइयों में अलग-अलग तिथि पर नियुक्ति पत्र देने की जानकारी मिली है.
ये भी पढ़ें- चर्चा में शिक्षा विभाग का स्व घोषणा पत्र- 'दहेज ना लूंगा और ना दूंगा'
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP