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BJP के मंत्री पेश कर रहे कामकाज का रिपोर्ट कार्ड, JDU ने किया किनारा, आखिर क्यों?

बिहार एनडीए में बीजेपी-जेडीयू के बीच अब एक नए मुद्दे पर मतभेद देखा जा रहा है. वह मुद्दा है रिपोर्ट कार्ड का. बीजेपी के मंत्रियों ने जहां साल भर के कामकाज का लेखाजोखा देना (BJP Ministers Report Card) शुरू कर दिया है, वहीं जेडीयू ने इससे दूरी बना रखी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि बीजेपी जेडीयू पर दवाब बनाने की कोशिश कर रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

रिपोर्ट कार्ड पॉलिटिक्स
रिपोर्ट कार्ड पॉलिटिक्स
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Published : Feb 11, 2022, 10:48 PM IST

पटनाः बिहार में नीतीश सरकार (Bihar Nitish Government) के एक साल का साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बीजेपी मंत्रियों की ओर से रिपोर्ट कार्ड जारी किया जा रहा है. अब तक उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Nitin Navin) ने अपने विभाग के सालभर के कामकाज का लेखा जोखा का रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से दिया है. वहीं, जेडीयू के मंत्रियों ने इससे दूरी बना (Politics On Report card of Bjp Ministers In Bihar) रखी है. वह भी तब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का सिलसिला शुरू किया था.

इसे भी पढ़ें-संजय जायसवाल को रिपोर्ट सौंपकर बोले शाहनवाज- 'पार्टी ने दिया मुश्किल काम, आज बिहार में लग रहे उद्योग'

राजनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं कि यह बीजेपी की तरफ से जदयू पर दबाव बनाने की कोशिश है. नीतीश सरकार में 17 ऐसे मंत्री हैं जिनका कार्यकाल 1 साल पूरा हो चुका है. इनमें 9 मंत्री बीजेपी कोटे से हैं. ये हैं शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, प्रमोद कुमार, सम्राट चौधरी, नीरज बबलू, आलोक रंजन झा, जनक राम, नारायण प्रसाद और सुभाष सिंह.

जदयू के आठ मंत्री संजय झा, श्रवण कुमार, लेसी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान और सुमित कुमार सिंह हैं. बीजेपी के दो मंत्री शाहनवाज हुसैन और नितिन नवीन ने रिपोर्ट कार्ड सौंप दी है. खबर है कि बीजेपी के सभी मंत्री अपने-अपने विभागों में किए गए कार्यों की रिपोर्ट सौंपेंगे. लेकिन जदयू के मंत्रियों ने रिपोर्ट कार्ड को लेकर चुप्पी साध ली है.

कभी नीतीश कुमार ने ही हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करने का प्रचलन बनाया था लेकिन यह काफी समय से बंद है. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है बीजेपी पहली बार ऐसा कर रही है. समझिए तो जेडीयू को एक तरह से आईना दिखा रही है. वहीं, इसपर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार सरकार के कैप्टन हैं. ये अच्छी बात है कि मंत्रियों ने जो काम किए हैं उसे बता रहे हैं. यह जदयू पर किसी तरह का दवाब नहीं है.

इसे भी पढ़ें- पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने जारी किया विभाग का रिपोर्ट कार्ड, 1 साल के कामकाज का दिया लेखा-जोखा

इधर, जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार चल रही है. हम लोगों ने '15 साल बेमिसाल' के जरिए पिछले साल ही रिपोर्ट जारी किया था. बीजेपी के मंत्री रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं तो कोई नहीं बात नहीं है. हाल के दिनों में बीजेपी-जेडीयू के बीच कई मुद्दों पर टकराव देखा गया. लिहाजा विपक्ष को भी घेरने का मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने तंज कसते हुए कि लोग सत्ता में मलाई खाने के लिए ही एक साथ हैं.

बिहार में लंबे समय से बीजेपी-जदयू गठबंधन की सरकार है. बीच के कुछ साल दोनों दल एक दूसरे से अलग रहे थे लेकिन अभी नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगातार गठबंधन की सरकार चल रही है. कई मुद्दों पर बीजेपी और जदयू के बीच मतभेद भी है. बीजेपी के मंत्रियों के द्वारा कामकाज की रिपोर्ट पेश करना नया नहीं है.

नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले एनडीए सरकार का हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करना शुरू किया था. यह सिलसिला लंबे समय तक चला भी लेकिन कई सालों से नीतीश कुमार ने रिपोर्ट कार्ड जारी करना बंद कर दिया है. पिछले साल 15 साल बेमिसाल कार्यक्रम का आयोजन कर सरकार के कार्यों को जरुर गिनाया गया लेकिन बीजेपी ने बंद प्रचलन को फिर से शुरू कर दिया है. इस मुद्दे पर भी दोनों दलों के बीच मतभेद देखा जा रही है.

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पटनाः बिहार में नीतीश सरकार (Bihar Nitish Government) के एक साल का साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बीजेपी मंत्रियों की ओर से रिपोर्ट कार्ड जारी किया जा रहा है. अब तक उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Nitin Navin) ने अपने विभाग के सालभर के कामकाज का लेखा जोखा का रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से दिया है. वहीं, जेडीयू के मंत्रियों ने इससे दूरी बना (Politics On Report card of Bjp Ministers In Bihar) रखी है. वह भी तब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का सिलसिला शुरू किया था.

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राजनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं कि यह बीजेपी की तरफ से जदयू पर दबाव बनाने की कोशिश है. नीतीश सरकार में 17 ऐसे मंत्री हैं जिनका कार्यकाल 1 साल पूरा हो चुका है. इनमें 9 मंत्री बीजेपी कोटे से हैं. ये हैं शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, प्रमोद कुमार, सम्राट चौधरी, नीरज बबलू, आलोक रंजन झा, जनक राम, नारायण प्रसाद और सुभाष सिंह.

जदयू के आठ मंत्री संजय झा, श्रवण कुमार, लेसी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान और सुमित कुमार सिंह हैं. बीजेपी के दो मंत्री शाहनवाज हुसैन और नितिन नवीन ने रिपोर्ट कार्ड सौंप दी है. खबर है कि बीजेपी के सभी मंत्री अपने-अपने विभागों में किए गए कार्यों की रिपोर्ट सौंपेंगे. लेकिन जदयू के मंत्रियों ने रिपोर्ट कार्ड को लेकर चुप्पी साध ली है.

कभी नीतीश कुमार ने ही हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करने का प्रचलन बनाया था लेकिन यह काफी समय से बंद है. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है बीजेपी पहली बार ऐसा कर रही है. समझिए तो जेडीयू को एक तरह से आईना दिखा रही है. वहीं, इसपर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार सरकार के कैप्टन हैं. ये अच्छी बात है कि मंत्रियों ने जो काम किए हैं उसे बता रहे हैं. यह जदयू पर किसी तरह का दवाब नहीं है.

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इधर, जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार चल रही है. हम लोगों ने '15 साल बेमिसाल' के जरिए पिछले साल ही रिपोर्ट जारी किया था. बीजेपी के मंत्री रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं तो कोई नहीं बात नहीं है. हाल के दिनों में बीजेपी-जेडीयू के बीच कई मुद्दों पर टकराव देखा गया. लिहाजा विपक्ष को भी घेरने का मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने तंज कसते हुए कि लोग सत्ता में मलाई खाने के लिए ही एक साथ हैं.

बिहार में लंबे समय से बीजेपी-जदयू गठबंधन की सरकार है. बीच के कुछ साल दोनों दल एक दूसरे से अलग रहे थे लेकिन अभी नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगातार गठबंधन की सरकार चल रही है. कई मुद्दों पर बीजेपी और जदयू के बीच मतभेद भी है. बीजेपी के मंत्रियों के द्वारा कामकाज की रिपोर्ट पेश करना नया नहीं है.

नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले एनडीए सरकार का हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करना शुरू किया था. यह सिलसिला लंबे समय तक चला भी लेकिन कई सालों से नीतीश कुमार ने रिपोर्ट कार्ड जारी करना बंद कर दिया है. पिछले साल 15 साल बेमिसाल कार्यक्रम का आयोजन कर सरकार के कार्यों को जरुर गिनाया गया लेकिन बीजेपी ने बंद प्रचलन को फिर से शुरू कर दिया है. इस मुद्दे पर भी दोनों दलों के बीच मतभेद देखा जा रही है.

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