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बिहार में अभी भी है बाहुबलियों का बोलबाला, सभी पार्टियों ने सिर आंखों पर बैठाया

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Published : Apr 2, 2019, 8:43 PM IST

Updated : Apr 2, 2019, 10:08 PM IST

चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद राजनीति में बाहुबलियों की एंट्री पर तो रोक लगी है. लेकिन राजनीतिक दल राजनीति में बाहुबली के प्रवेश को रोकने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है.

politics of bihar

पटना: लोकतंत्र के समक्ष राजनीति में अपराधीकरण बड़ी चुनौती है. चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राजनीतिक दल बाहुबलियों को मैदान में उतारने से परहेज तो कर रहे हैं. उनके धन-बल-रुतबे का प्रयोग करने के लिए बाहुबलियों की जगह उनके परिजनों को चुनाव के मैदान में उतारा जा रहा है.

ईटीवी संवाददाता

चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद राजनीति में बाहुबलियों कीएंट्री पर तो रोक लगी है. लेकिन राजनीतिक दल राजनीति में बाहुबली के प्रवेश को रोकने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है. खासतौर पर राजद में बाहुबलियों के रिश्तेदारों की कमी नहीं है.

यहां इनको मिली जगह
राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब, राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी और डेहरी विधानसभा से अलकतरा घोटाले में सजा काट रहे इलियास हुसैन के पुत्र मैदान में हैं. जहानाबाद सीट पर बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया है .

politics of bihar
हिना शहाब, पत्नी शहाबुद्दीन

अनंत सिंह की चाल
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी बाहुबली की पत्नी मैदान में है. मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मुंगेर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने ही बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन को सुपौल सीट सेप्रत्याशी बनाया है.

politics of bihar
नीलम देवी, पत्नी अनंत सिंह

एनडीए की भी होगी बात
बात अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की करें, तो यहां भी बाहुबली मैदान में हैं. जेडीयू कोटे से बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह सिवान लोकसभा सीट से उम्मीदवार है. जेडीयू ने भागलपुर लोकसभा सीट पर भी बाहुबली नेता अजय मंडल को मैदान में उतारा है.

politics of bihar
कविता सिंह, पत्नी अजय सिंह

नित्यानंद की छवि
भाजपा ने बाहुबलियों को अधिक तवज्जो नहीं दी है. लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उजियारपुर से लोकसभा प्रत्याशी नित्यानंद राय की छवि भी अपने गृह जिले में बाहुबली नेता की है. बाहुबली का प्रवेश राजनीति में ना हो इसे लेकर राजनीतिक दल दावे तो करते हैं, लेकिन जब उसे व्यवहार में लाने की बात होती है तो कथनी और करनी में काफी अंतर आ जाता है.

politics of bihar
नित्यानंद राय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

राजद का जवाब...
इस बाबत, जब राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि बाहुबली के रिश्तेदारों को टिकट देने में कोई बुराई नहीं है. अगर उनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता है तो उन्हें राजनीति में आना चाहिए.

एडीआर के संयोजक राजीव कुमार

पटना: लोकतंत्र के समक्ष राजनीति में अपराधीकरण बड़ी चुनौती है. चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राजनीतिक दल बाहुबलियों को मैदान में उतारने से परहेज तो कर रहे हैं. उनके धन-बल-रुतबे का प्रयोग करने के लिए बाहुबलियों की जगह उनके परिजनों को चुनाव के मैदान में उतारा जा रहा है.

ईटीवी संवाददाता

चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद राजनीति में बाहुबलियों कीएंट्री पर तो रोक लगी है. लेकिन राजनीतिक दल राजनीति में बाहुबली के प्रवेश को रोकने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है. खासतौर पर राजद में बाहुबलियों के रिश्तेदारों की कमी नहीं है.

यहां इनको मिली जगह
राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब, राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी और डेहरी विधानसभा से अलकतरा घोटाले में सजा काट रहे इलियास हुसैन के पुत्र मैदान में हैं. जहानाबाद सीट पर बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया है .

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हिना शहाब, पत्नी शहाबुद्दीन

अनंत सिंह की चाल
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी बाहुबली की पत्नी मैदान में है. मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मुंगेर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने ही बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन को सुपौल सीट सेप्रत्याशी बनाया है.

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नीलम देवी, पत्नी अनंत सिंह

एनडीए की भी होगी बात
बात अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की करें, तो यहां भी बाहुबली मैदान में हैं. जेडीयू कोटे से बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह सिवान लोकसभा सीट से उम्मीदवार है. जेडीयू ने भागलपुर लोकसभा सीट पर भी बाहुबली नेता अजय मंडल को मैदान में उतारा है.

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कविता सिंह, पत्नी अजय सिंह

नित्यानंद की छवि
भाजपा ने बाहुबलियों को अधिक तवज्जो नहीं दी है. लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उजियारपुर से लोकसभा प्रत्याशी नित्यानंद राय की छवि भी अपने गृह जिले में बाहुबली नेता की है. बाहुबली का प्रवेश राजनीति में ना हो इसे लेकर राजनीतिक दल दावे तो करते हैं, लेकिन जब उसे व्यवहार में लाने की बात होती है तो कथनी और करनी में काफी अंतर आ जाता है.

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नित्यानंद राय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

राजद का जवाब...
इस बाबत, जब राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि बाहुबली के रिश्तेदारों को टिकट देने में कोई बुराई नहीं है. अगर उनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता है तो उन्हें राजनीति में आना चाहिए.

एडीआर के संयोजक राजीव कुमार
Intro:लोकतंत्र के समक्ष राजनीति का अपराधीकरण बड़ी चुनौती है चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राजनीतिक दल बाहुबलियों को मैदान में उतारने से परहेज तो कर रहे हैं उनके थन बल के इस्तेमाल के लिए बाहुबलियों के परिजनों को चुनाव के मैदान में उतारा जाता है


Body:चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के शक्ति के बाद राजनीति में बाहुबली एंट्री पर रोक लगी है लेकिन राजनीतिक दल राजनीति में बाहुबली के प्रवेश को रोकने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैl ज्यादातर बाहुबली अपनी पत्नी को मैदान में उतार देते हैं धन और बाहुबल के सहारे वह चुनाव जीतने में भी कामयाब हो जाते हैं l
खासतौर पर राजद में बाहुबलियों के रिश्तेदारों की कमी नहीं है राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहब राजबल्लभ यादव की पत्नी और डेहरी विधानसभा से अलकतरा घोटाले में सजा काट रहे इलियास हुसैन के पुत्र मैदान में है जहानाबाद सीट पर बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया है l
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी बाहुबली मैदान में है मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मुंगेर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार हैंl कांग्रेस पार्टी ने बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन को सुपौल सीट पर प्रत्याशी बनाया है
बात अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की कर ले तो यहां भी बाहुबली मैदान में है जेडीयू कोटे से बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह सिवान लोकसभा सीट से उम्मीदवार है जेडीयू ने भागलपुर लोकसभा सीट पर भी बाहुबली नेता अजय मंडल को मैदान में उतारा है l
भाजपा ने बाहुबलियों को अधिक तवज्जो नहीं दी है लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उजियारपुर से लोकसभा के प्रत्याशी नित्यानंद राय की छवि भी अपने गृह जिले में बाहुबली नेता की है



Conclusion:बाहुबली का प्रवेश राजनीति में ना हो इसे लेकर राजनीतिक दल दावे तो करते हैं लेकिन जब उसे व्यवहार में लाने की बात होती है तो कथनी और करनी में काफी अंतर आ जाता है l
इस बाबत जब राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि बाहुबली के रिश्तेदारों को टिकट देने में कोई बुराई नहीं है अगर उनके अंदर नेतृत्व क्षमता है तो उन्हें राजनीति में आना चाहिए l
भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने बाहुबली ओं के मसले पर राजद को घेरा है और कहा है कि जिस पार्टी के अध्यक्ष ही सजा काट रहे हो उसमें हिना साहब राजबल्लभ यादव की पत्नी और इलियास हुसैन के रिश्तेदारों को अगर करती जाती है तो इसमें आश्चर्य क्या है उधर जेडीयू का कहना है कि सभी राजनीति दलों को इस पर विचार करना चाहिए कि कैसे राजनीति में बाहुबली और उनके रिश्तेदारों के इंट्री पर रोक लगेl जदयू प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी ने टिकट बंटवारे के दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा है
इधर चुनाव सुधार के लिए काम कर रहे एडीआर के संयोजक राजीव कुमार ने कहा है कि बाहुबली नेताओं के रिश्तेदारों का राजनीति में आना चिंता का विषय है इसके समाधान के लिए सिविल सोसायटी और राजनीतिक दलों को साथ मिलकर काम करना होगा और उसका समाधान ढूंढने की जरूरत है
Last Updated : Apr 2, 2019, 10:08 PM IST
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