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बेगूसराय की घटना पर सियासी घमासान अब भी जारी, राजनीतिक दल एक-दूसरे को नीचा दिखाने में नहीं छोड़ रहे कसर

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Published : Sep 18, 2022, 2:08 PM IST

Updated : Sep 18, 2022, 2:46 PM IST

बेगूसराय में दहशतगर्दों ने कुछ दिनों पहले एनएच पर 30 किलोमीटर तक डेढ़ घंटे घूम-घूमकर लोगों पर गोलियां बरसाई थी. इस घटना ने पूरे बिहार में भूचाल ला दिया. इसके बाद इस मामले को लेकर सूबे में सियासी बयानबाजियों एक अंतहीन सिलसिला सा शुरू हो गया है. सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

बेगूसराय की घटना पर सियासी घमासान
बेगूसराय की घटना पर सियासी घमासान

पटना: बिहार के बेगूसराय में बाइक पर बैठकर एनएच पर तीस किलोमीटर तक डेढ़ घंटे घूम-घूमकर गोलियों की बरसात करने की दुस्साहसी घटना(Begusarai firing case ) ने राजनीतिक दलों को एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का मौका दे दिया है. बिहार के राजनीतिक दल आमने-सामने हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वोट बैंक की राजनीति साधने के लिए मर्यादा की सीमा भी नेताओं ने लांघ दी है.

ये भी पढ़ेंः बेगूसराय की घटना पर मुख्यमंत्री का बयान शर्मनाक, बीजेपी नेता ने कसा तंज

नहीं थम रही सियासी बयानबाजीः बेगूसराय गोलीबारी की घटना एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए चार अपराधियों में दो हिस्ट्रीशीटर बताए जा रहे हैं. पुलिस अपराधियों के राजनीतिक रिश्ते को खंगाल रही है. अपराधियों की सीडीआर निकाले जा रहे हैं. बेगूसराय गोलीबारी कांड ने बिहार के सियासत में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है. धर्म और जातिवाद के नाम पर राजनीति करने में नेता जुट गए हैं. पक्ष और विपक्ष आमने सामने है.

बीजेपी और जेडीयू आमने सामनेः बेगूसराय घटना के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह आतंकी घटना है और घटना से साजिश की बू आ रही है. ठीक दूसरे दिन सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को टारगेट कर हमला किया गया था. बात यहीं नहीं रुकी और गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर ही गोली चलाने का आरोप लगा दिया. मैदान-ए-जंग में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी भी कूद गए.

जांच एजेंसियों पर भी उठा रहे अंगुलीः सुशील मोदी ने कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई या फिर एनआईए से कराई जानी चाहिए. बिहार सरकार की एजेंसियों पर उन्हें भरोसा नहीं है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सुशील जी आप अपराधियों के पकड़े जाने से असहज हैं और अपराधियों के पकड़े जाने से आप लोगों को डर सता रहा है कि कहीं पूरी साजिश बेनकाब ना हो जाए. इसलिए अपने तोता सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं. चिंता मत कीजिए पुलिस प्रशासन पूरी निष्पक्षता के साथ जांच कर रही है.

"बीजेपी अनर्गल प्रलाप कर रही है. बेगूसराय की घटना में बीजेपी की भूमिका संदिग्ध है और पुलिस को बीजेपी की भूमिका की जांच करनी चाहिए" -परिमल राज, जेडीयू प्रवक्ता


एक दूसरे पर पलटवार जारीः जेडीयू और बीजेपी के बीच तलवारें खींच गई है. जेडीयू प्रवक्ता परिमल राज ने कहा है कि बेगूसराय की घटना में बीजेपी की भूमिका संदिग्ध है और पुलिस को बीजेपी की भूमिका की जांच करनी चाहिए. जेडीयू के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया. बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि जेडीयू की मंशा भाजपा को बदनाम करने की है. नीतीश कुमार ने दूसरे ही दिन जातिवादी बयान देकर संदेश दे दिया. बिहार की जनता सब समझ रही है. समय आने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.

"जेडीयू की मंशा भाजपा को बदनाम करने की है. नीतीश कुमार ने दूसरे ही दिन जातिवादी बयान देकर संदेश दे दिया. बिहार की जनता सब समझ रही है. समय आने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा " -विनोद शर्मा, बीजेपी के प्रवक्ता


राजनेता अपराध को जाति से न जोड़ेंः वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि बिहार एक बार फिर 90 के दशक में जाता हुआ दिख रहा है. आपराधिक घटनाओं को जाति और धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है. राजनेताओं को अपराध को लेकर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. सियासत के लिए किसी भी मुद्दे को जाति से नहीं जोड़ना चाहिए. नहीं तो आगे इसका परिणाम बुरा हो सकता है.

"बिहार एक बार फिर 90 के दशक में जाता हुआ दिख रहा है. आपराधिक घटनाओं को जाति और धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है. राजनेताओं को अपराध को लेकर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए" -कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

पटना: बिहार के बेगूसराय में बाइक पर बैठकर एनएच पर तीस किलोमीटर तक डेढ़ घंटे घूम-घूमकर गोलियों की बरसात करने की दुस्साहसी घटना(Begusarai firing case ) ने राजनीतिक दलों को एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का मौका दे दिया है. बिहार के राजनीतिक दल आमने-सामने हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वोट बैंक की राजनीति साधने के लिए मर्यादा की सीमा भी नेताओं ने लांघ दी है.

ये भी पढ़ेंः बेगूसराय की घटना पर मुख्यमंत्री का बयान शर्मनाक, बीजेपी नेता ने कसा तंज

नहीं थम रही सियासी बयानबाजीः बेगूसराय गोलीबारी की घटना एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए चार अपराधियों में दो हिस्ट्रीशीटर बताए जा रहे हैं. पुलिस अपराधियों के राजनीतिक रिश्ते को खंगाल रही है. अपराधियों की सीडीआर निकाले जा रहे हैं. बेगूसराय गोलीबारी कांड ने बिहार के सियासत में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है. धर्म और जातिवाद के नाम पर राजनीति करने में नेता जुट गए हैं. पक्ष और विपक्ष आमने सामने है.

बीजेपी और जेडीयू आमने सामनेः बेगूसराय घटना के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह आतंकी घटना है और घटना से साजिश की बू आ रही है. ठीक दूसरे दिन सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को टारगेट कर हमला किया गया था. बात यहीं नहीं रुकी और गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर ही गोली चलाने का आरोप लगा दिया. मैदान-ए-जंग में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी भी कूद गए.

जांच एजेंसियों पर भी उठा रहे अंगुलीः सुशील मोदी ने कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई या फिर एनआईए से कराई जानी चाहिए. बिहार सरकार की एजेंसियों पर उन्हें भरोसा नहीं है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सुशील जी आप अपराधियों के पकड़े जाने से असहज हैं और अपराधियों के पकड़े जाने से आप लोगों को डर सता रहा है कि कहीं पूरी साजिश बेनकाब ना हो जाए. इसलिए अपने तोता सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं. चिंता मत कीजिए पुलिस प्रशासन पूरी निष्पक्षता के साथ जांच कर रही है.

"बीजेपी अनर्गल प्रलाप कर रही है. बेगूसराय की घटना में बीजेपी की भूमिका संदिग्ध है और पुलिस को बीजेपी की भूमिका की जांच करनी चाहिए" -परिमल राज, जेडीयू प्रवक्ता


एक दूसरे पर पलटवार जारीः जेडीयू और बीजेपी के बीच तलवारें खींच गई है. जेडीयू प्रवक्ता परिमल राज ने कहा है कि बेगूसराय की घटना में बीजेपी की भूमिका संदिग्ध है और पुलिस को बीजेपी की भूमिका की जांच करनी चाहिए. जेडीयू के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया. बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि जेडीयू की मंशा भाजपा को बदनाम करने की है. नीतीश कुमार ने दूसरे ही दिन जातिवादी बयान देकर संदेश दे दिया. बिहार की जनता सब समझ रही है. समय आने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.

"जेडीयू की मंशा भाजपा को बदनाम करने की है. नीतीश कुमार ने दूसरे ही दिन जातिवादी बयान देकर संदेश दे दिया. बिहार की जनता सब समझ रही है. समय आने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा " -विनोद शर्मा, बीजेपी के प्रवक्ता


राजनेता अपराध को जाति से न जोड़ेंः वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि बिहार एक बार फिर 90 के दशक में जाता हुआ दिख रहा है. आपराधिक घटनाओं को जाति और धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है. राजनेताओं को अपराध को लेकर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. सियासत के लिए किसी भी मुद्दे को जाति से नहीं जोड़ना चाहिए. नहीं तो आगे इसका परिणाम बुरा हो सकता है.

"बिहार एक बार फिर 90 के दशक में जाता हुआ दिख रहा है. आपराधिक घटनाओं को जाति और धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है. राजनेताओं को अपराध को लेकर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए" -कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

Last Updated : Sep 18, 2022, 2:46 PM IST
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