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गर्मी के मौसम में सुबह 5 से 8 बजे तक मिलेगा नल का जल: रामप्रीत पासवान

पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान (PHED Minister Rampreet Paswan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 'बिहार में गर्मी के मौसम में जलापूर्ति (Water supply during summer in Bihar) को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रैल से राज्य के सभी ग्रामीण वार्डों में जलापूर्ति को सुबह 5 बजे से 8 बजे तक कर दिया गया है. शाम को 4 बजे से 7 बजे तक मोटर चलाए जाने का निर्देश दिया गया है.'

पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान
पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान
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Published : Apr 7, 2022, 5:55 PM IST

पटना: पटना लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (Public Health Engineering Department) के मंत्री रामप्रीत पासवान ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी के मौसम में अभी तक किसी भी जिले से वाटर लेवल डाउन होने की शिकायत नहीं आई है, लेकिन विभाग अपने स्तर से हरसंभव पहले से ही तैयारी कर ली है. प्रदेश में पीएचईडी विभाग द्वारा जितने भी चापाकल लगाए गए हैं और वह खराब हो गए हैं तो उनकी मरम्मती का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- PHED मंत्री ने स्वीकारी नल जल योजना में गड़बड़ी की बात, कहा- 'कुछ गड़बड़ तो हुआ है'

हर घर नल का जल से नियमित जलापूर्ति: मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि हर घर नल का जल (Har Ghar Nal ka Jal) द्वारा लक्षित 56,544 वार्डों में से 55,651 वार्डों में काम पूरा हो चुका है. लगभग 82.36 लाख परिवारों को नियमित जलापूर्ति की जा रही है. इतना ही नहीं जलापूर्ति योजना के मॉनिटरिंग के लिए सेंसर आधारित आईओटी मॉनिटरिंग प्रणाली अधिस्थापित किया गया है. नल जल योजना में किसी प्रकार की कोई बाधा ना पहुंचे इसके लिए मरम्मती दल ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया है. जिसमें एक प्लंबर और दो हेल्पर रहते हैं. जो जलापूर्ति में व्यवधान की शिकायत प्राप्त होते ही निर्धारित अवधि में जलापूर्ति सुनिश्चित कराते हैं. विभाग द्वारा 4095 पंचायतों में मरम्मती दल तैनात किए गए हैं.

जल चौपाल से बताया पानी का महत्व: इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि प्रत्येक महीने के प्रथम गुरुवार को विभाग के नियंत्राधीन 56,544 वार्डों में जल चौपाल आयोजित किया जा रहा है. जल चौपाल के माध्यम से लोगों को जल का महत्व समझाया जा रहा है. साथ में पंप ऑपरेटर ग्राम पंचायत के वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति के साथ बैठककर आयोजन की समीक्षा करते हैं. नल जल योजना में हो रही शिकायतों को लेकर पूरे राज्य के लिए टोल फ्री नंबर 1800 1231 121 पर कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की शिकायत कर सकता है.

शिकायतों का 3 दिन में समाधान: शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 दिन के अंदर उसका समाधान किया जाएगा. अभी तक इस टोल फ्री नंबर पर 18807 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से 18003 शिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है. मंत्री ने यह भी बताया कि जिन उपभोक्ताओं के घरों में नल से जल पहुंच रहा है, उनसे प्रतिमाह ₹30 शुल्क लिए जाने हैं, लेकिन बहुत सारी जगहों पर अभी शुरू नहीं हो पाया है. कुछ वार्डों में शुरू हुआ है जिसका वसूली अध्यक्ष वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के द्वारा किया जाना है.

''गर्मी को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रैल से राज्य के सभी ग्रामीण वार्डों में जलापूर्ति योजना को सुबह 5 बजे से 8 बजे तक कर दिया गया है. शाम को 4 बजे से 7 बजे तक मोटर चलाए जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं, पीएचडी विभाग के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति टोलो में विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया गया और मरम्मत योग्य चापाकलों की पहचान कर चापाकल की मरम्मत भी कराई गई है. वैसे बंद चापाकल जिनकी मरम्मत नहीं हो सकती है, उसको विभाग के द्वारा उखाड़ने के लिए भी आदेश दे दिए गए हैं.''- रामप्रीत पासवान, पीएचईडी मंत्री, बिहार सरकार

पीएचईडी मंत्री ने कहा कि नल जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाने का आदेश दिया गया है. साथ ही बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को भी पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि वह अपने क्षेत्र से अवगत कराए कि कहां पर चापाकल की स्थिति ठीक नहीं है, उसको विभाग ठीक कराने का काम करेगा.

ये भी पढ़ें- 'नल जल योजना' के लाभुकों से अब हर महीने 30 रुपये वसूलेगी सरकार

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पटना: पटना लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (Public Health Engineering Department) के मंत्री रामप्रीत पासवान ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी के मौसम में अभी तक किसी भी जिले से वाटर लेवल डाउन होने की शिकायत नहीं आई है, लेकिन विभाग अपने स्तर से हरसंभव पहले से ही तैयारी कर ली है. प्रदेश में पीएचईडी विभाग द्वारा जितने भी चापाकल लगाए गए हैं और वह खराब हो गए हैं तो उनकी मरम्मती का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.

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हर घर नल का जल से नियमित जलापूर्ति: मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि हर घर नल का जल (Har Ghar Nal ka Jal) द्वारा लक्षित 56,544 वार्डों में से 55,651 वार्डों में काम पूरा हो चुका है. लगभग 82.36 लाख परिवारों को नियमित जलापूर्ति की जा रही है. इतना ही नहीं जलापूर्ति योजना के मॉनिटरिंग के लिए सेंसर आधारित आईओटी मॉनिटरिंग प्रणाली अधिस्थापित किया गया है. नल जल योजना में किसी प्रकार की कोई बाधा ना पहुंचे इसके लिए मरम्मती दल ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया है. जिसमें एक प्लंबर और दो हेल्पर रहते हैं. जो जलापूर्ति में व्यवधान की शिकायत प्राप्त होते ही निर्धारित अवधि में जलापूर्ति सुनिश्चित कराते हैं. विभाग द्वारा 4095 पंचायतों में मरम्मती दल तैनात किए गए हैं.

जल चौपाल से बताया पानी का महत्व: इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि प्रत्येक महीने के प्रथम गुरुवार को विभाग के नियंत्राधीन 56,544 वार्डों में जल चौपाल आयोजित किया जा रहा है. जल चौपाल के माध्यम से लोगों को जल का महत्व समझाया जा रहा है. साथ में पंप ऑपरेटर ग्राम पंचायत के वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति के साथ बैठककर आयोजन की समीक्षा करते हैं. नल जल योजना में हो रही शिकायतों को लेकर पूरे राज्य के लिए टोल फ्री नंबर 1800 1231 121 पर कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की शिकायत कर सकता है.

शिकायतों का 3 दिन में समाधान: शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 दिन के अंदर उसका समाधान किया जाएगा. अभी तक इस टोल फ्री नंबर पर 18807 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से 18003 शिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है. मंत्री ने यह भी बताया कि जिन उपभोक्ताओं के घरों में नल से जल पहुंच रहा है, उनसे प्रतिमाह ₹30 शुल्क लिए जाने हैं, लेकिन बहुत सारी जगहों पर अभी शुरू नहीं हो पाया है. कुछ वार्डों में शुरू हुआ है जिसका वसूली अध्यक्ष वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के द्वारा किया जाना है.

''गर्मी को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रैल से राज्य के सभी ग्रामीण वार्डों में जलापूर्ति योजना को सुबह 5 बजे से 8 बजे तक कर दिया गया है. शाम को 4 बजे से 7 बजे तक मोटर चलाए जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं, पीएचडी विभाग के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति टोलो में विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया गया और मरम्मत योग्य चापाकलों की पहचान कर चापाकल की मरम्मत भी कराई गई है. वैसे बंद चापाकल जिनकी मरम्मत नहीं हो सकती है, उसको विभाग के द्वारा उखाड़ने के लिए भी आदेश दे दिए गए हैं.''- रामप्रीत पासवान, पीएचईडी मंत्री, बिहार सरकार

पीएचईडी मंत्री ने कहा कि नल जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाने का आदेश दिया गया है. साथ ही बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को भी पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि वह अपने क्षेत्र से अवगत कराए कि कहां पर चापाकल की स्थिति ठीक नहीं है, उसको विभाग ठीक कराने का काम करेगा.

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