पटना: पिछले 20 साल से बन रहे 60 किलोमीटर सड़क पर टिप्पणी करते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने इसे विलम्बित हाइवे निर्माण का क्लासिक उदाहरण बताया. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खण्डपीठ ने राज्य के अंदर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण व चौड़ीकरण के प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रही जनहित मामलों पर सुनवाई की.
पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के सड़क निर्माण विभाग के आला अधिकारियों को सम्बन्धित जोन के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, भू-अर्जन पदाधिकारियों सहित एनएचएआई, रेलवे, निर्माण करने वाली संवेदक कम्पनी और अन्य पक्षकारों के साथ बैठक कर हाइवे निर्माण में आ रही सारी अड़चनों (impasse in highway construction) को निपटाने के आदेश दिया है.
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कोर्ट ने राज्य सरकार, एनएचएआई और संबंधित संवेदक निर्माण कंपनियों के साथ बैठक के नतीजे की रिपोर्ट को दो हफ्ते में प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन मामलों में पारित पिछले आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति की ओर से यदि कोई आपत्ति दायर होता है तो उक्त आपत्ति का निपटारा करते वक्त निर्माण कार्य किसी भी सूरत में नहीं रुकेगा. कोई भी व्यक्ति अपने आपत्ति विचाराधीन होने की आड़ में कभी भी हाइवे निर्माण कार्य मे कोई बाधा नहीं डालेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
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