पटना : पूरे बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध जारी (Agnipath scheme protest) है. शनिवार को बिहार बंद के दौरान मसौढ़ी में जमकर तांडव किया गया. मसौढ़ी में 3 घंटे तक उपद्रव चलता रहा. जगह-जगह सड़कों पर आगजनी, रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों मसौढ़ी पहुंचे. लगातार गली-गली में छापेमारी चल रही है. अब तक 61 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
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''लगातार ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है. 30 लोगों को गिरफ्तारी की गई है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की गई है. आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हैं. किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा. लोगों से शांति की अपील की गई थी, लेकिन लोगों ने हद से ज्यादा ही तोड़फोड़ और विरोध प्रदर्शन किया है. करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है.''- चंद्रशेखर सिंह, डीएम, पटना
चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि तारेगना रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से जला दिया गया है. टिकट काउंटर से लेकर यात्रियों के बैठने की जगह स्टोररूम को पूरी तरह से तोड़फोड़ करते हुए जला दिया है. जीआरपी थाना को भी लोगों ने आग के हवाले करते हुए पूरी तरह से क्षतिग्रस्त करते हुए 11 वाहनों को भी जला दिया है.
मौके पर पहुंचे पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, ''अभी परिस्थिति नियंत्रण में है. यहां पर काफी संख्या में पहुंचे लोगों ने तारेगना स्टेशन को घेर लिया था. काफी तोड़फोड़ की गयी थी. इसके बाद पुलिस बल को भेजकर स्थिति को नियंत्रित किया गया है. जो जब्ती के पुराने वाहन होते हैं उसमें आग लगायी गयी थी. काफी संख्या में भीड़ थी जिसे खदेड़ा गया है. 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तरफ से हवाई फायरिंग की गयी और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए.''
मसौढ़ी में जमकर हुआ बवाल : बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में मसौढ़ी में जमकर उपद्रव हुआ है. ऐसा लग रहा था जैसे पूरा मसौढ़ी 3 घंटे के लिए अनकंट्रोल हो गया है. पूरा मसौढ़ी शहर अस्त-व्यस्त हो गया है. मौके पर पहुंचे डीएम और एसएसपी ने जायजा लेते हुए उपद्रवियों को नहीं बख्शने की बात कही है. वहीं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही है. तारेगना रेलवे स्टेशन पर उपद्रवी जीआपी बैरक में घुस गए और पुलिस पर पथराव कर दिया. बेकाबू होते हालात को देखते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है. उपद्रवियों ने दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है. 50 राउंड फायरिंग भी हुई है. इस घटना में कई पुलिसकर्मी चोटिल हो चुके हैं.
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.