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बिहार के ऑक्सीजन मैन गौरव राय बने 'पैडमैन', अब तक लगवा चुके 61 सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन

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Published : Apr 21, 2022, 10:41 PM IST

बिहार में ऑक्सीजन मैन के नाम से मशहूर गौरव राय (Oxygen Man Gaurav Rai of Bihar) कोरोना काल में सांसों के मसीहा थे, जो मरीजों को मुफ्त में ऑक्सीजन मुहैया करवाते थे लेकिन अब गौरव राय बिहार में घूम-घूमकर महिलाओं में स्वास्थ्य और सेहत के प्रति अलख जगाते हुए जगह-जगह सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवा रहे हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट..

बिहार के ऑक्सीजन मैन गौरव राय
बिहार के ऑक्सीजन मैन गौरव राय

पटना: पुरानी कहावत है 'हेल्थ इज वेल्थ', अगर सेहत अच्छी तो सबकुछ बेहतर है. राजधानी पटना के रहने वाले गौरव राय इसी बात पर अमल करते हैं. बिहार के ऑक्सीजन मैन गौरव राय (Oxygen Man Gaurav Rai) अब पैडमैन बन चुके हैं. जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन देकर कोरोना काल में अपने काम के लिए तालियां बटोरने वाले गौरव राय अब पैड मशीन लगाने के काम में लग गए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना त्रासदी: महामारी में मरीजों के लिए 'संजीवनी' बांट रहे ऑक्सीजन मैन

गौरव राय का सराहनीय कार्य: दरअसल, महिलाओं में हेल्थ के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से निस्वार्थ भाव से काम कर रहे गौरव उन गिने चुने लोगों में शामिल हैं, जो अपने दम पर महिलाओं में सेहत के प्रति अलख जगाने का कार्य कर रहे हैं. महिलाओं में वर्जना समझे जाने वाले पीरियड्स को लेकर गौरव विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं. महिलाओं में वर्जना समझे जाने वाले पीरियड्स को लेकर गौरव विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं.

''हम भले ही आज 21वीं सदी में जी रहे हो, लेकिन पीरियड्स को लेकर आज भी हमारे समाज में पुरूष तो दूर की बात है, महिलाएं भी खुलकर बोलने से झिझकती हैं. शहरी क्षेत्रों में पढ़ी लिखी औरतों में थोड़ी अवेयरनेस है, लेकिन गांव या फिर रिमोट एरिया में अभी ऐसे विषयों पर यह सब्जेक्ट अभी चर्चा के लिए वर्जित है.''- गौरव राय, पैडमैन

700 से ज्यादा मशीन लगाने का लक्ष्य: गौरव बताते हैं कि मेरी योजना एक साल में कम से कम 750 स्कूल कॉलेजों में वेंडिंग मशीन को लगाने की है. राजधानी में सबसे पहला वेंडिंग मशीन सीडीए बिल्डिंग के पास स्थित सरकारी स्कूल में लगवाई थी. इसके बाद बीएन आर्य स्कूल, नाला रोड में शिव मंदिर के पास स्थित कन्या विद्यालय में भी ऐसी वेंडिंग मशीनें लगवा चुका हूं. राजधानी के अलावा फतुहा व खुसरूपुर के सरकारी स्कूल और जहानाबाद में एसएस कॉलेज, एसएन सिन्हा बीएड कॉलेज और अरवल जिले में दो मशीनों को लगवा चुका हूं. गौरव बताते हैं कि अभी तक 61 मशीनों (61 Sanitary Pad Vending Machine) को अपनी जेब से लगवा चुका हूं. हां, ये जरूर है कि मेरे काम को देखते हुए अब दान देने वाले भी साथ आ रहे हैं. मेरे घर वाले, रिलेटिव्स भी साथ दे रहे हैं.

सामाजिक कार्यो में लगे रहते हैं गौरव: गौरव का एकमात्र उद्देश्य समाज की सेवा करना है. कोविड की दूसरी लहर में जरूरतमंद लोगों के बीच ऑक्सीजन की सप्लाई करने से फेमस हो चुके गौरव का नाम ऑक्सीजन मैन भी रह चुका है. न केवल सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन बल्कि अभी तक वह जरूरतमंदों व स्कूली बच्चियों को अपनी जेब से 107 साइकिल भी दान कर चुके हैं. इसमें 25 साइकिल उनको डोनेशन में मिली थी. जरूरतमंद महिलाओं के बीच 21 सिलाई मशीन भी बांट चुके हैं. वह कहते हैं कि मेरा ध्येय बस यही है कि पूरे मन से लोगों की मदद कर सकूं. स्वच्छ व स्वस्थ बच्चियां ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकती हैं.

राजधानी के रजिस्ट्री ऑफिस के पास स्थित जिला प्रशासन के वन स्टॉप सेंटर में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन को लगाये जाने पर यहां के ऑफिसर प्रमिला खूब सराहती हैं. वह कहती हैं कि यह पहल बहुत सराहनीय है. हमारे यहां हर रोज 30 से 40 महिलाएं आती हैं. ऑफिस में भी महिला स्टाफ हैं. हर दिन चार से पांच महिलाओं को इसकी जरूरत पड़ती है. ऐसे में इस मशीन से बहुत मदद मिलती है. इस मशीन में पांच रूपये का सिक्का डालने पर एक पैड निकलता है. खुले पैसे न होने से दिक्कत न हो, इसके लिए यहां पर पांच रूपये का सिक्का भी रखा रहता है. वह कहती हैं कि इस विषय पर लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. थोड़ा बहुत बदलाव भी नजर आ रहा है. गौरव कहते हैं कि कुछ और जगहों पर भी ऐसी मशीनों को लगाने के लिए प्रक्रिया जारी है. जल्द ही कुछ और मशीनें लगाई जाएंगी.

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पटना: पुरानी कहावत है 'हेल्थ इज वेल्थ', अगर सेहत अच्छी तो सबकुछ बेहतर है. राजधानी पटना के रहने वाले गौरव राय इसी बात पर अमल करते हैं. बिहार के ऑक्सीजन मैन गौरव राय (Oxygen Man Gaurav Rai) अब पैडमैन बन चुके हैं. जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन देकर कोरोना काल में अपने काम के लिए तालियां बटोरने वाले गौरव राय अब पैड मशीन लगाने के काम में लग गए हैं.

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गौरव राय का सराहनीय कार्य: दरअसल, महिलाओं में हेल्थ के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से निस्वार्थ भाव से काम कर रहे गौरव उन गिने चुने लोगों में शामिल हैं, जो अपने दम पर महिलाओं में सेहत के प्रति अलख जगाने का कार्य कर रहे हैं. महिलाओं में वर्जना समझे जाने वाले पीरियड्स को लेकर गौरव विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं. महिलाओं में वर्जना समझे जाने वाले पीरियड्स को लेकर गौरव विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं.

''हम भले ही आज 21वीं सदी में जी रहे हो, लेकिन पीरियड्स को लेकर आज भी हमारे समाज में पुरूष तो दूर की बात है, महिलाएं भी खुलकर बोलने से झिझकती हैं. शहरी क्षेत्रों में पढ़ी लिखी औरतों में थोड़ी अवेयरनेस है, लेकिन गांव या फिर रिमोट एरिया में अभी ऐसे विषयों पर यह सब्जेक्ट अभी चर्चा के लिए वर्जित है.''- गौरव राय, पैडमैन

700 से ज्यादा मशीन लगाने का लक्ष्य: गौरव बताते हैं कि मेरी योजना एक साल में कम से कम 750 स्कूल कॉलेजों में वेंडिंग मशीन को लगाने की है. राजधानी में सबसे पहला वेंडिंग मशीन सीडीए बिल्डिंग के पास स्थित सरकारी स्कूल में लगवाई थी. इसके बाद बीएन आर्य स्कूल, नाला रोड में शिव मंदिर के पास स्थित कन्या विद्यालय में भी ऐसी वेंडिंग मशीनें लगवा चुका हूं. राजधानी के अलावा फतुहा व खुसरूपुर के सरकारी स्कूल और जहानाबाद में एसएस कॉलेज, एसएन सिन्हा बीएड कॉलेज और अरवल जिले में दो मशीनों को लगवा चुका हूं. गौरव बताते हैं कि अभी तक 61 मशीनों (61 Sanitary Pad Vending Machine) को अपनी जेब से लगवा चुका हूं. हां, ये जरूर है कि मेरे काम को देखते हुए अब दान देने वाले भी साथ आ रहे हैं. मेरे घर वाले, रिलेटिव्स भी साथ दे रहे हैं.

सामाजिक कार्यो में लगे रहते हैं गौरव: गौरव का एकमात्र उद्देश्य समाज की सेवा करना है. कोविड की दूसरी लहर में जरूरतमंद लोगों के बीच ऑक्सीजन की सप्लाई करने से फेमस हो चुके गौरव का नाम ऑक्सीजन मैन भी रह चुका है. न केवल सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन बल्कि अभी तक वह जरूरतमंदों व स्कूली बच्चियों को अपनी जेब से 107 साइकिल भी दान कर चुके हैं. इसमें 25 साइकिल उनको डोनेशन में मिली थी. जरूरतमंद महिलाओं के बीच 21 सिलाई मशीन भी बांट चुके हैं. वह कहते हैं कि मेरा ध्येय बस यही है कि पूरे मन से लोगों की मदद कर सकूं. स्वच्छ व स्वस्थ बच्चियां ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकती हैं.

राजधानी के रजिस्ट्री ऑफिस के पास स्थित जिला प्रशासन के वन स्टॉप सेंटर में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन को लगाये जाने पर यहां के ऑफिसर प्रमिला खूब सराहती हैं. वह कहती हैं कि यह पहल बहुत सराहनीय है. हमारे यहां हर रोज 30 से 40 महिलाएं आती हैं. ऑफिस में भी महिला स्टाफ हैं. हर दिन चार से पांच महिलाओं को इसकी जरूरत पड़ती है. ऐसे में इस मशीन से बहुत मदद मिलती है. इस मशीन में पांच रूपये का सिक्का डालने पर एक पैड निकलता है. खुले पैसे न होने से दिक्कत न हो, इसके लिए यहां पर पांच रूपये का सिक्का भी रखा रहता है. वह कहती हैं कि इस विषय पर लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. थोड़ा बहुत बदलाव भी नजर आ रहा है. गौरव कहते हैं कि कुछ और जगहों पर भी ऐसी मशीनों को लगाने के लिए प्रक्रिया जारी है. जल्द ही कुछ और मशीनें लगाई जाएंगी.

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