पटना: शनिवार को बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) की ओर से सभी विधायकों को संविधान की मूल प्रति बांटी (Original Copy of Constitution) गई. इसके पीछे का मूल उद्देश्य ये है कि सभी विधायकों को संविधान की जानकारी हो. सदन में ये चर्चा हुई कि देश को आजादी मिले 75 साल हो गए लेकिन अधिकार और कर्तव्य के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है. लोग अधिकार की बात तो करते हैं लेकिन कर्तव्य को नहीं समझते हैं. इसी विषय पर बिहार विधान सभा में चर्चा की गई और नेताओं ने अपने-अपने विचार भी रखे.
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विपक्ष ने दी सत्ता पक्ष को नसीहत: सभी विधायकों ने इस पहल का स्वागत किया. हालांकि इस दौरान विपक्षी विधायकों ने संविधान को लेकर सत्ता पक्ष पर तंज भी कसा. आरजेडी विधायक राहुल तिवारी ने कहा कि तमाम विधायकों को संविधान की कॉपी दी गई है, यह एक सकारात्मक पहल है. जनप्रतिनिधि भी संविधान के प्रति जागरूक होंगे और अपने इतिहास को करीब से समझ पाएंगे. वहीं, सीपीआई माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि संविधान के हिसाब से सभी को चलना चाहिए. संविधान की प्रति देना एक सकारात्मक कदम है लेकिन बीजेपी के लोगों ने संविधान को ताक पर रख दिया है और जन भावनाओं के खिलाफ काम कर रहे हैं.
बीजेपी ने बताया ऐतिहासिक कदम: भारतीय जनता पार्टी के विधायक अरुण शंकर ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है. विधायकों को संविधान की कॉपी दिए जाने से हम अपने इतिहास और संस्कृति को जान पाएंगे. संविधान के मूल प्रति के जरिए हम अपनी संस्कृति को भी जान पाएंगे.
जेडीयू ने स्वागत योग्य कदम बताया: वहीं, जेडीयू नेता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि संविधान की कॉपी दिया जाना स्वागत योग्य कदम है. संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को संविधान के प्रति जागरूक होना चाहिए. अध्यक्ष की पहल का हम स्वागत करते हैं.
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