पटना: बिहार में कोरोना वायरस ने अब लोगों को डराना शुरू कर दिया है. मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. गिरती रिकवरी रेट भी सरकार के लिए चिंता का सबब है. आम लोगों के बाद अब खास भी संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं.
अब तक 200 लोगों की मौत
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए बिहार सरकार ने 900 करोड़ रुपये खर्च किए. लेकिन, उसका असर नहीं दिखाई दे रहा है. संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना वायरस से अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है.
एनएमसीएच में 70 से ज्यादा मौतें
पिछले 1 महीने के अंदर रिकवरी रेट में भी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है. बिहार में फिलहाल कुल मिलाकर कोरोना के 9624 एक्टिव केस है. राजधानी पटना में संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. औसतन 500 मरीज रोजाना मिल रहे हैं. अकेले एनएमसीएच में 70 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है.
मौत के आंकड़े बढ़े, रिकवरी रेट घटी
मौत का आंकड़ा पहले जहां 0.65% था वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 0.80% हो चुका है. कुछ दिनों पहले रिकवरी रेट 76% के आसपास थी जो घटकर 65% के पास आ चुकी है. कोरोना वायरस से विधान पार्षद सुनील कुमार और समस्तीपुर के सिविल सर्जन की मौत हो गई.
विपक्ष का चौतरफा हमला
विपक्ष ने सरकार पर चौतरफा हमला बोला है. हम के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि हालातों से निपटने में सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है. कोरोना वार्ड में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं होते हैं और उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है.
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'बढ़ेगा जांच का दायरा'
जेडीयू कोटे के मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि लाइलाज बीमारी को लेकर सरकार की चिंता है. आने वाले दिनों में हम जांच का दायरा बढ़ाने वाले हैं. फिलहाल अनुमंडल स्तर पर और अगले सप्ताह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
सरकार की दलील
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि हम लगातार कोरोना से निपटने की कोशिश कर रहे हैं. देश में बिहार तीसरी बड़ी आबादी वाला राज्य है और जनसंख्या घनत्व के हिसाब से पहले नंबर का राज्य है. बावजूद इसके संक्रमण के लिहाज से हम राष्ट्रीय स्तर पर 11वें स्थान के बाद हैं. रिकवरी रेट या मृत्यु दर के मामले में भी बिहार राष्ट्रीय स्तर से बेहतर हालात में हैं.