पटना: महान शिक्षाविद और भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का पटना विश्वविद्यालय से पुराना नाता रहा है. पटना कॉलेज के 100वीं वर्षगांठ पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पटना विश्वविद्यालय आए थे और उन्होंने यहां काफी समय बिताया था. विश्वविद्यालय के विभागों का मुआयना और शिक्षकों के साथ बैठकर विचार-विमर्श भी किया था. इस दौरान उन्होंने छात्रों को भी संबोधित किया था.
आज पटना विश्वविद्यालय के साथ डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की कुछ पुरानी यादें रही हैं. इसके संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी क्या कहते हैं, आइये सुनते हैं-
शिक्षक दिवस के पीछे का इतिहास
गौरतलब है कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इसके पीछे एक कहानी है. एक बार उनके कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करने का मन बनाया था. इसपर डॉ. सर्वपल्ली ने कहा था कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा. उसी दिन से उनके जन्मदिन पर पूरे देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
'शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना नहीं'
पटना विश्वविद्यालय के प्रांगण में डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा था कि शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना ही नहीं है. जानकारी का अपना महत्व है. बौद्धिक और लोकतांत्रिक भावना का भी अपना महत्व है. इन भावनाओं के साथ छात्र उत्तरदायी नागरिक बनते हैं. जबतक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होगा तबतक शिक्षकों को एक मिशन का रूप नहीं मिल पाएगा.