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याद है.. CM नीतीश कुमार ने कहा था- शराब पीएंगे तो मरेंगे ही

जहरीली शराब पर नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि अगर शराबबंदी में कोई पीता है तो उसका परिणाम उसे खुद भुगतना पड़ेगा. समाज सुधार अभियान के दौरान कई बार उन्होंने इस बात का जिक्र किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

nitish kumar
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Published : Mar 22, 2022, 10:33 AM IST

Updated : Mar 22, 2022, 12:26 PM IST

पटना : कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से बिहार में 72 घंटे में 41 लोगों की मौत (Death due to Poisonous Liquor in Bihar) हो चुकी है. प्रदेश के पांच जिलों के लोग कराह रहे हैं. हालांकि प्रशासन इस थ्योरी से इत्तेफाक नहीं रखता है. उसका साफ कहना है कि पहले से बीमार लोगों की मौत हुई है. किसी के भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि जिनके परिजनों की मौत हुई है वो प्रशासन के दावे को सच नहीं मान रहे हैं.

यह भी पढ़ें - होली में जमीन पर अधूरी रह गई तैयारी.. आसमान में खाक छानते रहे ड्रोन और हेलीकॉप्टर, 41 की मौत से उठे सवाल

'दारू पीएंगे तो मरेंगे ही' : ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बिहार कराह रहा (Bihar hooch tragedy) है. इससे पहले भी कई बार बिहार में जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar on Poisonous Liquor) कई बार कह चुके हैं कि 'दारू पीएंगे तो मरेंगे ही.' सीएम नीतीश का कहना है कि बिहार में 2016 से शराबबंदी है. बावजूद इसके लोग गड़बड़ करते रहते हैं. माफिया शराब की तस्करी में लगे रहते हैं. उनपर लगाम लगाने के लिए सरकार प्रयासरत है.

ये भी पढ़ें - मोतिहारी से 'समाज सुधार अभियान' का शुभारंभ: बोले CM नीतीश- जो शराब पीयेगा वह मरेगा ही

शराब छोड़कर नीरा पीने की सलाह : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान के दौरान कई बार इस बात का जिक्र करते हुए कहा है कि गड़बड़ी करने वाले तो कुछ भी करेंगे. वो पैसे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. ऐसे में अगर आप शराबबंदी में शराब पीते हों तो वो जहर हो. जहर पीएंगे तो मरेंगे ही. सीएम नीतीश कुमार ने लोगों से शराब छोड़कर नीरा पीने की सलाह दी है.

गोपाल मंडल के बिगड़े बोल : हालांकि नीतीश कुमार के विधायक इसे अपने तरीके से समझाते हैं. ''नीतीश कुमार तो कह ही रहे हैं कि मरोगे. नकली दारू बना रहा है बेच रहा है, तो मरबे करेगा. पीता काहे है मरने के लिए..ये बात होना भी चाहिए, खाली भी जगह होना चाहिए ना..इसी तहर मरते जाएगा तो कुछ तो जनसंख्या घटते जाएगा ना. नीतीश कुमार बोल रहे हैं, हल्ला कर रहे हैं, बंद कर रहे हैं..फिर दारू बनाकर क्यों पीते हो.''- गोपाल मंडल, विधायक, जेडीयू

'अ'पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत: भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?

बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत: बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. परिवार वालों की मानें तो इनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया कि मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम ने मरने वालों के घर पहुंचकर जानकारी इकट्ठा की है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करती है, लेकिन इस मामले में अपनी इंटरनल रिपोर्ट पर भरोसा करके ये कह दिया कि मौत बीमारी से हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'?

मधेपुरा में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.

सिवान में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: वहीं, सिवान में भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई, फिर पेट दर्द हुआ, फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.

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पटना : कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से बिहार में 72 घंटे में 41 लोगों की मौत (Death due to Poisonous Liquor in Bihar) हो चुकी है. प्रदेश के पांच जिलों के लोग कराह रहे हैं. हालांकि प्रशासन इस थ्योरी से इत्तेफाक नहीं रखता है. उसका साफ कहना है कि पहले से बीमार लोगों की मौत हुई है. किसी के भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि जिनके परिजनों की मौत हुई है वो प्रशासन के दावे को सच नहीं मान रहे हैं.

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'दारू पीएंगे तो मरेंगे ही' : ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बिहार कराह रहा (Bihar hooch tragedy) है. इससे पहले भी कई बार बिहार में जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar on Poisonous Liquor) कई बार कह चुके हैं कि 'दारू पीएंगे तो मरेंगे ही.' सीएम नीतीश का कहना है कि बिहार में 2016 से शराबबंदी है. बावजूद इसके लोग गड़बड़ करते रहते हैं. माफिया शराब की तस्करी में लगे रहते हैं. उनपर लगाम लगाने के लिए सरकार प्रयासरत है.

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शराब छोड़कर नीरा पीने की सलाह : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान के दौरान कई बार इस बात का जिक्र करते हुए कहा है कि गड़बड़ी करने वाले तो कुछ भी करेंगे. वो पैसे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. ऐसे में अगर आप शराबबंदी में शराब पीते हों तो वो जहर हो. जहर पीएंगे तो मरेंगे ही. सीएम नीतीश कुमार ने लोगों से शराब छोड़कर नीरा पीने की सलाह दी है.

गोपाल मंडल के बिगड़े बोल : हालांकि नीतीश कुमार के विधायक इसे अपने तरीके से समझाते हैं. ''नीतीश कुमार तो कह ही रहे हैं कि मरोगे. नकली दारू बना रहा है बेच रहा है, तो मरबे करेगा. पीता काहे है मरने के लिए..ये बात होना भी चाहिए, खाली भी जगह होना चाहिए ना..इसी तहर मरते जाएगा तो कुछ तो जनसंख्या घटते जाएगा ना. नीतीश कुमार बोल रहे हैं, हल्ला कर रहे हैं, बंद कर रहे हैं..फिर दारू बनाकर क्यों पीते हो.''- गोपाल मंडल, विधायक, जेडीयू

'अ'पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत: भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?

बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत: बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. परिवार वालों की मानें तो इनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया कि मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम ने मरने वालों के घर पहुंचकर जानकारी इकट्ठा की है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करती है, लेकिन इस मामले में अपनी इंटरनल रिपोर्ट पर भरोसा करके ये कह दिया कि मौत बीमारी से हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'?

मधेपुरा में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.

सिवान में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: वहीं, सिवान में भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई, फिर पेट दर्द हुआ, फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.

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Last Updated : Mar 22, 2022, 12:26 PM IST
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