पटना: वैसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय तक राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होने की बात अक्सर करते हैं. कोई भी कार्यक्रम हो अपनी पीठ थपथपाते नजर आते हैं. लेकिन नीति आयोग के द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स ने इसकी पोल खोलकर रख दी है.
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नीति आयोग ने स्वास्थ्य सुविधाओं के आधार पर राज्यों का हेल्थ इंडेक्स (Niti aayog Health Index) जारी किया है. हेल्थ इंडेक्स के अनुसार, बड़े राज्यों में केरल ने एक बार फिर हेल्थ परफॉर्मेंस के मामले में अव्वल रैंक हासिल की है. इस रैकिंग में बिहार 18वें स्थान (Health Index Bihar) पर है. हालांकि इससे नीचे देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तरप्रदेश है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु और तेलंगाना ने अपना परफॉर्मेंस सुधारते हुए दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है.
बता दें कि नीति आयोग ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) और विश्व बैंक के साथ मिलकर यह रिपोर्ट बनाई है. रैंकिंग के लिए 2019-20 में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए किए गए उपायों को आधार बनाया गया है.
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रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने में मिजोरम छोटे राज्यों की कैटिगरी में अव्वल रहा. केंद्र शासित प्रदेशों की कैटिगरी में दिल्ली और जम्मू और कश्मीर निचले पायदान पर रहे, हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन को बेहतर करने में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया.
हेल्थ इंडेक्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कामकाज और क्रमिक प्रदर्शन को मापने तथा उनकी तुलना करने का एक माध्यम है. हेल्थ इंडेक्स एक ऐसा पैमाना है, जिसमें 24 संकेतकों को शामिल किया गया है. ये संकेतक स्वास्थ्य क्षेत्र में कामकाज के सभी प्रमुख पक्षों से जुड़े हैं. इसका मकसद राज्यों में काम्पिटिशन पैदा करना और हेल्थ को लेकर चल रहे सुधार कार्यों का मूल्यांकन करना है.
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