पेरिस: फ्रांस के प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की सरकार को फ्रेंच नेशनल असेंबली में बुधवार को ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की सरकार को विपक्षी दलों ने महज तीन महीने में ही गिरा दिया है. इस बड़े उलटफेर के बाद फ्रांस में राजनीतिक संकट गहरा गया है.
बुधवार को संसद में उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 331 सांसदों ने मतदान किया, जबकि सरकार को गिराने के लिए 288 वोटों की ही जरूरत थी.
बार्नियर की सरकार छह दशकों से अधिक समय में अविश्वास मत से गिराई जाने वाली पहली सरकार बन गई है. उम्मीद है कि वह अपना और अपनी सरकार का इस्तीफा फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सौंपेंगे. आशंका यह भी है कि, आने वाले साल यानी की 2025 के लिए देश के बजट को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद मिशेल बार्नियर फ्रांस के इतिहास में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले शख्स बन गए हैं. बार्नियर सिर्फ 91 दिन प्रधानमंत्री रहे, जबकि उनकी सरकार मात्र 74 दिन ही चल पाई.
फ्रांस में इसी साल जुलाई में हुए आम चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. जिसके बाद इमैनुएल राष्ट्रपति मैक्रों ने मिशेल बार्नियर के नेतृत्व में सरकार का ऐलान किया था.
खबर के मुताबिक, फ्रांस में सामाजिक सुरक्षा बजट को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा था. फ्रांस की वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद बार्नियर सरकार ने इसे बिना वोटिंग ही पास कराने का फैसला कर लिया. सरकार के इस कदम का विपक्षी दलों ने भारी विरोध किया. इसके बाद संसद में बार्नियर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.
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