ETV Bharat / city

NCRB ने जारी किये आंकड़ें, दंगों में अव्वल है बिहार

एनसीआरबी के 2017 के आंकड़े के मुताबिक बिहार दंगों में अव्वल रहा. आंकड़े में 2017 में बिहार में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक, जातीय और जमीन जायदाद को लेकर दंगे हुए. महिलाओं से संबंधित अपराध और हत्या के मामले में भी बिहार में इजाफा हुआ है. देखें पूरी रिपोर्ट-

एनसीआरबी
author img

By

Published : Oct 22, 2019, 11:17 PM IST

पटना: एनसीआरबी ने 2017 के अपराध से जुड़े आंकड़ें जारी कर दिये हैं. इस रिपोर्ट की मानें तो बिहार में कानून व्यवस्था की हालत खराब है. आंकड़ों की मानें तो बिहार हर तरह के दंगों में अव्वल रहा है. एनसीआरबी के साल 2017 के आंकड़ों में बिहार में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक, जातीय और जमीन जायदाद को लेकर दंगे हुए.

एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, भारत में दंगे तो कम हुए हैं, लेकिन दंगा पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है. 2017 में बिहार में दंगों के 11,698 मामले दर्ज हुए.

सांप्रदायिक दंगे में कमी
2016 की तुलना में 2017 में भारत में सांप्रदायिक दंगों की संख्या में कमी आई. सांप्रदायिक दंगों की संख्या 2016 में 869 और 2017 में 723 रही. एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक पीड़ितों की संख्य में भी कमी आई. पीड़ितों की संख्या 2016 में 1,139 और 2017 में 1,092 रही.

bihar
बिहार में दंगे

वहीं, सांप्रदायिक दंगों के मामले में भी बिहार अव्वल रहा. साल 2017 में बिहार में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक दंगों के 163 मामले सामने आए.

जमीन जायदाद को लेकर दंगा
जमीन जायदाद के मामले भारत में होने वाले दंगों के मुख्य कारणों में से एक है. 2017 के आंकड़े के मुताबिक सभी दंगों में जमीन जायदाद की वजह से होने वाले दंगे 22% और सभी दंगों के पीड़ितों में जमीन जायदाद के दंगों के पीड़ित 35% रहे.

वहीं, जमीन जायदाद के दंगों में भी बिहार अव्वल रहा. साल 2017 में बिहार में कुल 7,030 मामले दर्ज हुए. वहीं, जमीन जायदाद के विवाद को लेकर हत्या के मामले में भी बिहार अव्वल रहा. इस मामले की वजह से बिहार में 939 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं.

दलितों पर अत्याचार
2016 की तुलना में 2017 में दलितों पर अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है. 2017 में देश में दलितों पर अत्याचार के कुल 43,203 मामले सामने आए हैं. इस मामले में उत्तरप्रदेश पहले नंबर पर और बिहार दूसरे नंबर पर रहा.

दलितों पर अत्याचार के मामले में बिहार में भी इजाफा हुआ. बिहार में दलितों पर अत्याचार के 2016 में 5,701 और 2017 में 6,746 मामले सामने आए. यानि, 2017 में कुल 1,045 अधिक मामले सामने आए.

bihar
बिहार में बढ़ता क्राइम

हत्या के मामले: यूपी में घटे, तो बिहार में बढ़े
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक 2017 में भारत में हत्या के कुल 28,653 मामले दर्ज किए गए. इस मामले में भी उत्तरप्रदेश पहले नंबर पर और बिहार दूसरे नंबर पर रहा. लेकिन, 2016 की तुलना में 2017 में उत्तरप्रदेश में हत्या के मामले में कमी आई और बिहार में इजाफा हुआ.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 2017 के दौरान 2,803 मर्डर के मामले सामने आए, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 2,581 था.

महिलाओं के प्रति अपराध
बिहार में साल 2015, 2016 और 2017 में क्रमश: 13,904, 13,400 और 14,711 मामले महिलाओं के प्रति अपराध के दर्ज किए गए.

दुष्कर्म के मामले
2016 की तुलना में 2017 में दुष्कर्म के मामले में कमी आई है. भारत में 2016 में 36,657 और 2017 में 31,237 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं.

bihar
महिलाओं पर अत्याचार

वहीं, बिहार में दुष्कर्म के मामले में 284 मामले का इजाफा देखने को मिला. बिहार में 2016 में 321 ओर 2017 में 605 दुष्कर्म के मामले सामने आए.

दहेज को लेकर मौत के मामले
2017 में दहेज को लेकर मौत के मामले में भी उत्तर प्रदेश पहले और बिहार दूसरे नंबर पर रहा. बिहार में 2017 में दहेज को लेकर मौत के मामले में 94 का इजाफा हुआ. इस मामले में बिहार में 2016 में 987 और 2017 में 1081 मामले दर्ज किए गए.

पटना: एनसीआरबी ने 2017 के अपराध से जुड़े आंकड़ें जारी कर दिये हैं. इस रिपोर्ट की मानें तो बिहार में कानून व्यवस्था की हालत खराब है. आंकड़ों की मानें तो बिहार हर तरह के दंगों में अव्वल रहा है. एनसीआरबी के साल 2017 के आंकड़ों में बिहार में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक, जातीय और जमीन जायदाद को लेकर दंगे हुए.

एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, भारत में दंगे तो कम हुए हैं, लेकिन दंगा पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है. 2017 में बिहार में दंगों के 11,698 मामले दर्ज हुए.

सांप्रदायिक दंगे में कमी
2016 की तुलना में 2017 में भारत में सांप्रदायिक दंगों की संख्या में कमी आई. सांप्रदायिक दंगों की संख्या 2016 में 869 और 2017 में 723 रही. एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक पीड़ितों की संख्य में भी कमी आई. पीड़ितों की संख्या 2016 में 1,139 और 2017 में 1,092 रही.

bihar
बिहार में दंगे

वहीं, सांप्रदायिक दंगों के मामले में भी बिहार अव्वल रहा. साल 2017 में बिहार में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक दंगों के 163 मामले सामने आए.

जमीन जायदाद को लेकर दंगा
जमीन जायदाद के मामले भारत में होने वाले दंगों के मुख्य कारणों में से एक है. 2017 के आंकड़े के मुताबिक सभी दंगों में जमीन जायदाद की वजह से होने वाले दंगे 22% और सभी दंगों के पीड़ितों में जमीन जायदाद के दंगों के पीड़ित 35% रहे.

वहीं, जमीन जायदाद के दंगों में भी बिहार अव्वल रहा. साल 2017 में बिहार में कुल 7,030 मामले दर्ज हुए. वहीं, जमीन जायदाद के विवाद को लेकर हत्या के मामले में भी बिहार अव्वल रहा. इस मामले की वजह से बिहार में 939 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं.

दलितों पर अत्याचार
2016 की तुलना में 2017 में दलितों पर अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है. 2017 में देश में दलितों पर अत्याचार के कुल 43,203 मामले सामने आए हैं. इस मामले में उत्तरप्रदेश पहले नंबर पर और बिहार दूसरे नंबर पर रहा.

दलितों पर अत्याचार के मामले में बिहार में भी इजाफा हुआ. बिहार में दलितों पर अत्याचार के 2016 में 5,701 और 2017 में 6,746 मामले सामने आए. यानि, 2017 में कुल 1,045 अधिक मामले सामने आए.

bihar
बिहार में बढ़ता क्राइम

हत्या के मामले: यूपी में घटे, तो बिहार में बढ़े
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक 2017 में भारत में हत्या के कुल 28,653 मामले दर्ज किए गए. इस मामले में भी उत्तरप्रदेश पहले नंबर पर और बिहार दूसरे नंबर पर रहा. लेकिन, 2016 की तुलना में 2017 में उत्तरप्रदेश में हत्या के मामले में कमी आई और बिहार में इजाफा हुआ.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 2017 के दौरान 2,803 मर्डर के मामले सामने आए, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 2,581 था.

महिलाओं के प्रति अपराध
बिहार में साल 2015, 2016 और 2017 में क्रमश: 13,904, 13,400 और 14,711 मामले महिलाओं के प्रति अपराध के दर्ज किए गए.

दुष्कर्म के मामले
2016 की तुलना में 2017 में दुष्कर्म के मामले में कमी आई है. भारत में 2016 में 36,657 और 2017 में 31,237 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं.

bihar
महिलाओं पर अत्याचार

वहीं, बिहार में दुष्कर्म के मामले में 284 मामले का इजाफा देखने को मिला. बिहार में 2016 में 321 ओर 2017 में 605 दुष्कर्म के मामले सामने आए.

दहेज को लेकर मौत के मामले
2017 में दहेज को लेकर मौत के मामले में भी उत्तर प्रदेश पहले और बिहार दूसरे नंबर पर रहा. बिहार में 2017 में दहेज को लेकर मौत के मामले में 94 का इजाफा हुआ. इस मामले में बिहार में 2016 में 987 और 2017 में 1081 मामले दर्ज किए गए.

Intro:Body:

CRIME


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.