पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से 'पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन' (PM Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission Scheme) की शुरुआत की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम के संबोधन को राजधानी पटना में बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव (Nandkishore Yadav) समेत तमाम लोगों ने सुना.
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प्रधानमंत्री मोदी ने 'पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ मिशन' के तहत 64 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट पूरे देश मे स्वास्थ विभाग को दिया है, ताकि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ और बेहतरीन हो. इस कड़ी में पटना साहिब के विधायक और पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने जिला दर्ज प्राप्त हॉस्पिटल गुरुगोविंद सिंह अस्पताल में प्रधानमंत्री का वीडियो कॉन्फेसिंग कार्यक्रम में भाग लेकर महत्वाकांक्षी योजनाओं को जाना और कहा कि अब जिला दर्जा प्राप्त अस्पताल भी हर सुविधाओं से लैस होगा, ताकि किसी मरीज को कोई परेशानी न हो.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को ताकत देने और भविष्य में महामारियों से बचाव के लिए हमारी तैयारी उच्च स्तर की हो, गांव और ब्लॉक स्तर तक हमारे हेल्थ सिस्टम में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता आए, इसके लिए आज काशी से मुझे 64000 करोड़ रुपए के आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य मिला. भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने के लिए हम तैयार हों, इसके लिए अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को आज तैयार किया जा रहा है.
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पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तीन बड़े पहलू हैं. पहला, बीमारी का पता लगाने और उसके इलाज के लिए विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है. इसके तहत गांवों और शहरों में 'हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर' खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों की शुरुआत में ही पता लगाने की सुविधा होगी. दूसरा पहलू, रोगों की जांच के लिए टेस्टिंग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. तीसरा पहलू देश में मौजूद लैब्स को और बेहतर बनाने से जुड़ा है. महामारियों के दौरान जांच के लिए बायोसेफ्टी लेवल—तीन की लैब चाहिए. ऐसी 15 नई लैब को क्रियाशील किया जाएगा. आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से देश के कोने-कोने में इलाज से लेकर क्रिटिकल रिसर्च तक एक पूरा इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है.
आपको बताएं कि इस योजना में 17,788 ग्रामीण तथा 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के विकास के लिये समर्थन प्रदान करने तथा सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं 11 राज्यों में 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना करने के लक्ष्य शामिल हैं. इसके अलावा 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में 'क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक' स्थापित करने में सहायता करना, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र तथा इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं एवं 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत करना भी इस योजना का लक्ष्य है.