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नाबार्ड ने किया राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन, 1,45,809 करोड़ ऋण देने का अनुमान - etv news

पटना के होटल मौर्या में नाबार्ड का राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान नाबार्ड ने राज्य फोकस पेपर जारी किया. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे. पढ़ें रिपोर्ट...

नाबार्ड ने किया राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन
नाबार्ड ने किया राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन
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Published : Dec 28, 2021, 10:59 PM IST

पटनाः बिहार के पटना में नाबार्ड द्वारा मंगलवार को होटल मौर्या में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन (NABARD organized State Loan Seminar) किया गया, जिसमें राज्य फोकस पेपर 2022-23 का अनावरण किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे. राज्य ऋण संगोष्ठी में राज्य फोकस पेपर जारी किया गया है. जिससे बिहार के 38 जिलों में 2022-23 के लिए 1,45,809 करोड़ की ऋण संभाव्यता का अनुमान है.

यह भी पढ़ें- पटना: कोरोना काल में नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निभाई अहम भूमिका

'बिहार में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है. राज्य में उत्पादन और उत्पादकता दोनों में वृद्धि हुई है. आज की बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण थी. हर जिले में हर वर्ष कृषि क्षेत्र में कितना क्रेडिट जाना चाहिए, नाबार्ड द्वारा पहले ही आकलन किया जाता है. 2022-23 के लिए कितना क्रेडिट फ्लो होना चाहिए, नाबार्ड के द्वारा यह भी आकलन किया गया है. सभी जिलों से किए गए आकलन को राज्य फोकस पेपर में सम्मिलित किया गया है.' -डॉ. सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड

नाबार्ड ने किया राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और आरबीआई की प्राथमिकता नीतियों और योजनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य फोकस पेपर को रिलीज किया गया है. जो राज्य फोकस पेपर में ऋण प्रवाह का संकलन किया गया है, उसी आधार पर जिलों की बैंक अगले साल का ऋण योजना बनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि एसपीओ किसान उत्पादक संगठन एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में उभर रहा है जो कि लघु और सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है.

'नाबार्ड द्वारा राज्य फोकस पेपर 2022-23 रिलीज किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है. कृषि ने बिहार में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं. नए आधुनिकता के हिसाब से कृषि को बढ़ावा दिया जाए और मौसम के मार से किसानों को किस तरह से बचाया जाए, नाबार्ड के द्वारा कृषि के विकास में बहुत काम किया गया है. नाबार्ड द्वारा कृषि ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नबार्ड अहम भूमिका निभाई है. आने वाले दिनों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए और कदम उठाएगी.' -तार किशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का कृषि रोडमैप तैयार है और किस तरह से किसानों को लाभ हो, इसके लिए राज्य सरकार आकलन भी करती रहती है. प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुना करने का जो लक्ष्य रखा गया है, उस पर बेहतर ढंग से काम करते हुए राज्य सरकार आगे बढ़ रही है. नाबार्ड उसमें काफी सहयोग कर रहा है.

बता दें कि नाबार्ड ने राज्य फोकस पेपर जारी किया है, उसके अनुसार 2022-23 के लिए 1,45,809 करोड़ की ऋण संभाव्यता का अनुमान दिया गया है. जिसमें अल्पावधि और दीर्घावधि की संभावना क्रम से 49,529 करोड़ और 38,345 करोड़ है. कृषि सावधि ऋण के तहत डेयरी 7132 करोड़, जल संसाधन 3762 करो एमएसएमई के तहत ऋण संभाव्यता का आकलन 39,370 करोड़ किया गया है.

नाबार्ड के द्वारा एमएसएमई भंडारण इत्यादि में अधिक ऋण प्रवाह की जरूरत को ध्यान में रखते हुए और आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन में ऋण एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. इसी को ध्यान में रखते हुए नाबार्ड का राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन करके विस्तृत रूप से चर्चा की गई. बता दें कि नाबार्ड राज्य सरकार को ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के माध्यम से राज्य में ग्रामीण आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है.

यह भी पढ़ें- बिहार को 3 हजार करोड़ का ऋण देगा नाबार्ड, विकास पर होंगे खर्च

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पटनाः बिहार के पटना में नाबार्ड द्वारा मंगलवार को होटल मौर्या में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन (NABARD organized State Loan Seminar) किया गया, जिसमें राज्य फोकस पेपर 2022-23 का अनावरण किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे. राज्य ऋण संगोष्ठी में राज्य फोकस पेपर जारी किया गया है. जिससे बिहार के 38 जिलों में 2022-23 के लिए 1,45,809 करोड़ की ऋण संभाव्यता का अनुमान है.

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'बिहार में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है. राज्य में उत्पादन और उत्पादकता दोनों में वृद्धि हुई है. आज की बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण थी. हर जिले में हर वर्ष कृषि क्षेत्र में कितना क्रेडिट जाना चाहिए, नाबार्ड द्वारा पहले ही आकलन किया जाता है. 2022-23 के लिए कितना क्रेडिट फ्लो होना चाहिए, नाबार्ड के द्वारा यह भी आकलन किया गया है. सभी जिलों से किए गए आकलन को राज्य फोकस पेपर में सम्मिलित किया गया है.' -डॉ. सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड

नाबार्ड ने किया राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और आरबीआई की प्राथमिकता नीतियों और योजनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य फोकस पेपर को रिलीज किया गया है. जो राज्य फोकस पेपर में ऋण प्रवाह का संकलन किया गया है, उसी आधार पर जिलों की बैंक अगले साल का ऋण योजना बनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि एसपीओ किसान उत्पादक संगठन एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में उभर रहा है जो कि लघु और सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है.

'नाबार्ड द्वारा राज्य फोकस पेपर 2022-23 रिलीज किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है. कृषि ने बिहार में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं. नए आधुनिकता के हिसाब से कृषि को बढ़ावा दिया जाए और मौसम के मार से किसानों को किस तरह से बचाया जाए, नाबार्ड के द्वारा कृषि के विकास में बहुत काम किया गया है. नाबार्ड द्वारा कृषि ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नबार्ड अहम भूमिका निभाई है. आने वाले दिनों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए और कदम उठाएगी.' -तार किशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का कृषि रोडमैप तैयार है और किस तरह से किसानों को लाभ हो, इसके लिए राज्य सरकार आकलन भी करती रहती है. प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुना करने का जो लक्ष्य रखा गया है, उस पर बेहतर ढंग से काम करते हुए राज्य सरकार आगे बढ़ रही है. नाबार्ड उसमें काफी सहयोग कर रहा है.

बता दें कि नाबार्ड ने राज्य फोकस पेपर जारी किया है, उसके अनुसार 2022-23 के लिए 1,45,809 करोड़ की ऋण संभाव्यता का अनुमान दिया गया है. जिसमें अल्पावधि और दीर्घावधि की संभावना क्रम से 49,529 करोड़ और 38,345 करोड़ है. कृषि सावधि ऋण के तहत डेयरी 7132 करोड़, जल संसाधन 3762 करो एमएसएमई के तहत ऋण संभाव्यता का आकलन 39,370 करोड़ किया गया है.

नाबार्ड के द्वारा एमएसएमई भंडारण इत्यादि में अधिक ऋण प्रवाह की जरूरत को ध्यान में रखते हुए और आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन में ऋण एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. इसी को ध्यान में रखते हुए नाबार्ड का राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन करके विस्तृत रूप से चर्चा की गई. बता दें कि नाबार्ड राज्य सरकार को ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के माध्यम से राज्य में ग्रामीण आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है.

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