पटना: राजधानी पटना (Patna) में अब शहर की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) से की जाएगी. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर परियोजना के तहत पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड और एल एंड टी कंपनी के बीच करार हुआ है. इसके तहत शहर में विभिन्न स्थानों पर कुल 2750 हाईटेक तकनीक के कैमरे का इंस्टॉलेशन होगा, जो शहर की हर गतिविधियों पर नजर रखेगा. इसके साथ ही इस परियोजना के तहत शहर में 50 जगहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स एवं पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी.
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किसी आपदा या कोई बड़ी घटना समेत किसी भी इमरजेंसी के हालात में आम नागरिक कॉल बॉक्स के माध्यम से सीधे प्रशासन को सूचित कर सकते हैं. इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर का कंट्रोल रूम पटना के एसएसपी कार्यालय परिसर में नवनिर्मित भवन में तैयार किया गया है. कंट्रोल रूम में स्थित डाटा सेंटर के माध्यम से पूरे शहर की सघन निगरानी की व्यवस्था की जाएगी.
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की पब्लिक रिलेशन ऑफिसर हर्षिता ने बताया कि इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर परियोजना के तहत पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड और एलएनटी कंपनी के बीच करार हुआ है. इसके तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर 2750 हाईटेक कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे और इसको लेकर ऑप्टिकल नेटवर्क भी विकसित किया जा रहा है. लोगों को पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इमरजेंसी कॉल बैक की सुविधा भी दी जाएगी.
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''जिन जगहों पर 2750 हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे, उन जगहों को चिन्हित किया गया है और जरूरत पड़ने पर भविष्य में कैमरों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि इन कैमरों से मिली फीड को वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए डिकोड किया जाएगा. इस तकनीक के माध्यम से जो भी गुमशुदा लोग हैं या शहर में कहीं कुछ अप्रत्याशित घटना घट रही है, तो इसकी सूचना सीधे कंट्रोल रूम के पास जाएगी और त्वरित कार्रवाई हो पाएगी.''- हर्षिता कुमारी, पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की पब्लिक रिलेशन ऑफिसर
उन्होंने बताया कि कोई वांटेड क्रिमिनल है और कैमरे में कहीं कैद हो जाता है तो इसकी सूचना सीधे कंट्रोल रूम के पास मिलेगी और वहां से इस मैसेज को सीधे संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचाया जाएगा. इस तकनीक के माध्यम से भीड़ में भी किसी एक चेहरे को आसानी से पहचाना जा सकता है. इन कैमरों के माध्यम से ओवर स्पीडिंग की भी निगरानी की जाएगी. यदि कोई लिमिटेड स्पीड का उल्लंघन करता है या बिना हेलमेट सवारी करता है या ट्रिपल लोडिंग सवारी करता है तो इसकी डिजिटल मॉनिटरिंग होगी और सीधे उनके घर पर ई चालान भेज दिया जाएगा. इसके लिए शहर में करीब 220 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का रिंग तैयार किया जा रहा है.
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हर्षिता कुमारी ने बताया कि हाईटेक कैमरे के अलावा 50 जगहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इमरजेंसी कॉल बॉक्स की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके जरिए प्रशासन वक्त वक्त पर लोगों को जनहित में अपना संदेश पहुंचाएगा. इसके साथ ही कोई भी आपदा के समय में या इमरजेंसी के हालात में यदि कोई व्यक्ति प्रशासन को सूचना देना चाहता है तो इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम के माध्यम से सीधे कंट्रोल रूम को सूचित कर सकता है और सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.