पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को पटना रेल कॉरपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बीच समझौता हुआ. इसमें यह निर्णय लिया गया कि अगले पांच सालों में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के द्वारा मेट्रो का परिचालन कार्य संपन्न किया जाएगा. रेल परियोजना के लिए तकरीबन 13 हजार 365 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह मेट्रो 31.39 किलोमीटर में दौड़ेगा.
बनाए जाएंगे दो कोरिडोर
नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सह पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीएमडी चैतन्य प्रसाद ने बताया कि मेट्रो रेल परियोजना में पूर्वी-पश्चिमी और उत्तरी- दक्षिणी कोरिडोर बनाए जाएंगे. पूर्वी-पश्चिमी कोरिडोर में तीन एलिवेटेड स्टेशन, 8 अंडर ग्राउंड स्टेशन और एक ए- ग्रेड स्टेशन शामिल हैं. उत्तरी-दक्षिणी कोरिडोर में 9 एलिवेटेड स्टेशन औक तीन अंडरग्राउंड स्टेशन शामिल हैं.
पांच साल का लक्ष्य
प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पहले भी नई दिल्ली, नोएडा, जयपुर, कोच्चि और मुंबई में मेट्रो निर्माण का काम किया है. उनकी विश्वसनीयता को देखते हुए पटना मेट्रो रेल का काम भी उन्हें ही दिया गया है. पांच साल का लक्ष्य तमाम कॉरिडोर के निर्माण के लिए रखा गया है. लेकिन पहले तीन वर्ष के अंदर राजेंद्र नगर से न्यू अंतर्राज्यीय बस अड्डा का काम पूरा कर लिया जाएगा.
2024 में हो जाएगा पूरा
सीएमडी चैतन्य प्रसाद ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को 482 करोड़ रुपये शुल्क के तौर पर दिया जाएगा. परियोजना का कार्य कई चरणों में किया जाएगा. जिसके अंतिम चरण का कार्य सितंबर 2024 में पूरा हो जाएगा. यह पर्यावरण पोषण परियोजना होगी, जिसमें मेट्रो स्टेशन और डिपो को हरित भवन के रूप में योजनाबद्ध कर सौर ऊर्जा से पूरी तरह अच्छादित किया जाएगा.