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RCP सिंह की राज्यसभा उम्मीदवारी पर हो गया फैसला, घोषणा के लिए CM नीतीश किए गए अधिकृत

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) की उपस्थिति में सीएम आवास में चल रही महत्वपूर्ण बैठक समाप्त हो गयी है. पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य सभा उम्मीदवार चयन के लिए अधिकृत किया है. पढ़ें पूरी खबर..

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
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Published : May 20, 2022, 6:43 PM IST

Updated : May 20, 2022, 8:36 PM IST

पटना: आरसीपी सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल खत्म (RCP Singh for Rajya Sabha candidature) हो रहा है. आरसीपी सिंह को एक बार फिर राज्य सभा भेजने और जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की अहम बैठक बुलाई थी. मुख्यमंत्री आवास पर बैठक समाप्त हो चुकी (Meeting In CM House) है. बैठक के बाद मंत्री जमा खान ने कहा हम लोगों ने राज्यसभा के उम्मीदवार चयन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है, वही इस पर निर्णय लेंगे.

ये भी पढ़ें- जदयू में राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस, आरसीपी सिंह का समाप्त हो रहा है कार्यकाल

सीएम नीतीश कुमार पर सब की निगाहेंः सीएम नीतीश कुमार के घोषणा के बाद ही पता चलेगा कि वे आरसीपी सिंह को एक बार फिर से राज्य सभा भेजते हैं या किसी और नेता को राज्य सभा भेजा जायेगा. अगर जेडीयू आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजेगी तो केंद्र में जेडीयू का जो एकमात्र मंत्रिपद है वो भी चला जाएगा. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, मंत्री विजेंद्र यादव, लेसी सिंह, श्रवण कुमार, मदन साहनी, अशोक चौधरी, जयंत कुमार, शीला मंडल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और विधायक उपस्थित थे.

ललन-आरसीपी विवाद से सस्पेंस: बता दें कि बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर चुनाव होना है. आरसीपी सिंह का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है. ऐसे में अगर आरसीपी के नाम पर राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में सहमति नहीं बनती है तो जेडीयू से एकमात्र केंद्रीय मंत्रिपद भी जेडीयू से चला जाएगा. फिलहाल वैसे भी जेडीयू में ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच विवाद के कारण कई तरह की चर्चाएं चल रहीं हैं. आरसीपी सिंह नीतीश के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं. ऐसे में तीसरी बार उनका राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है. फिर भी, नीतीश कुमार चौकाने वाले फैसले के लिए जाने जाते रहे हैं. देखना ये है कि आरसीपी सिंह के नाम पर बैठक में सहमति बनती है या मुद्दा कुछ और निकलकर आता है.

आरसीपी सिंह दो बार जा चुके हैं राज्यसभाः जदयू की तरफ से केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का नाम भी तय माना जा रहा है. आरसीपी सिंह दो बार पहले भी राज्यसभा जा चुके हैं. आरसीपी सिंह के बीजेपी से हाल के दिनों में काफी नजदीकियां देखने को मिली है तो दूसरी तरफ ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के साथ लगातार दूरियां बढ़ने की बातें आती रही है. लेकिन आज भी वे नीतीश कुमार के खासम खास माने जाते हैं. इसलिए आरसीपी सिंह के नाम पर मुहर लगना औपचारिकता है. लेकिन किंग महेंद्र के स्थान पर पार्टी इस महीने होने वाले राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव में किसको उतारती है इस पर सस्पेंस बना हुआ है.

10 जून को होगा चुनावः 10 जून को होने वाले 5 सीटों पर मतदान में 2 सीट बीजेपी को, 1 सीट जदयू को और 2 सीट आरजेडी को मिलना तय माना जा रहा है. शरद यादव की सीट पहले से खाली है. वही आरसीपी सिंह का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. मीसा भारती का भी कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. दूसरी ओर बीजेपी के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे का भी कार्यकाल 7 जुलाई को पूरा हो रहा है.

एक सीट के लिए 41 वोट चाहिएः बिहार में 243 विधायक हैं और इस आधार पर एक सीट के लिए 41 वोट चाहिए. यदि 5 उम्मीदवार ही नामांकन करते हैं तब तो निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा. बीजेपी के पास अभी 77 विधायक हैं तो आरजेडी के पास 76 विधायक और जदयू के पास 45 विधायक एक निर्दलीय का भी समर्थन जदयू को प्राप्त है. आरजेडी और बीजेपी को अपने उम्मीदवार के लिए सहयोगी दलों का समर्थन लेना होगा.

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पटना: आरसीपी सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल खत्म (RCP Singh for Rajya Sabha candidature) हो रहा है. आरसीपी सिंह को एक बार फिर राज्य सभा भेजने और जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की अहम बैठक बुलाई थी. मुख्यमंत्री आवास पर बैठक समाप्त हो चुकी (Meeting In CM House) है. बैठक के बाद मंत्री जमा खान ने कहा हम लोगों ने राज्यसभा के उम्मीदवार चयन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है, वही इस पर निर्णय लेंगे.

ये भी पढ़ें- जदयू में राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस, आरसीपी सिंह का समाप्त हो रहा है कार्यकाल

सीएम नीतीश कुमार पर सब की निगाहेंः सीएम नीतीश कुमार के घोषणा के बाद ही पता चलेगा कि वे आरसीपी सिंह को एक बार फिर से राज्य सभा भेजते हैं या किसी और नेता को राज्य सभा भेजा जायेगा. अगर जेडीयू आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजेगी तो केंद्र में जेडीयू का जो एकमात्र मंत्रिपद है वो भी चला जाएगा. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, मंत्री विजेंद्र यादव, लेसी सिंह, श्रवण कुमार, मदन साहनी, अशोक चौधरी, जयंत कुमार, शीला मंडल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और विधायक उपस्थित थे.

ललन-आरसीपी विवाद से सस्पेंस: बता दें कि बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर चुनाव होना है. आरसीपी सिंह का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है. ऐसे में अगर आरसीपी के नाम पर राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में सहमति नहीं बनती है तो जेडीयू से एकमात्र केंद्रीय मंत्रिपद भी जेडीयू से चला जाएगा. फिलहाल वैसे भी जेडीयू में ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच विवाद के कारण कई तरह की चर्चाएं चल रहीं हैं. आरसीपी सिंह नीतीश के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं. ऐसे में तीसरी बार उनका राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है. फिर भी, नीतीश कुमार चौकाने वाले फैसले के लिए जाने जाते रहे हैं. देखना ये है कि आरसीपी सिंह के नाम पर बैठक में सहमति बनती है या मुद्दा कुछ और निकलकर आता है.

आरसीपी सिंह दो बार जा चुके हैं राज्यसभाः जदयू की तरफ से केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का नाम भी तय माना जा रहा है. आरसीपी सिंह दो बार पहले भी राज्यसभा जा चुके हैं. आरसीपी सिंह के बीजेपी से हाल के दिनों में काफी नजदीकियां देखने को मिली है तो दूसरी तरफ ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के साथ लगातार दूरियां बढ़ने की बातें आती रही है. लेकिन आज भी वे नीतीश कुमार के खासम खास माने जाते हैं. इसलिए आरसीपी सिंह के नाम पर मुहर लगना औपचारिकता है. लेकिन किंग महेंद्र के स्थान पर पार्टी इस महीने होने वाले राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव में किसको उतारती है इस पर सस्पेंस बना हुआ है.

10 जून को होगा चुनावः 10 जून को होने वाले 5 सीटों पर मतदान में 2 सीट बीजेपी को, 1 सीट जदयू को और 2 सीट आरजेडी को मिलना तय माना जा रहा है. शरद यादव की सीट पहले से खाली है. वही आरसीपी सिंह का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. मीसा भारती का भी कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. दूसरी ओर बीजेपी के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे का भी कार्यकाल 7 जुलाई को पूरा हो रहा है.

एक सीट के लिए 41 वोट चाहिएः बिहार में 243 विधायक हैं और इस आधार पर एक सीट के लिए 41 वोट चाहिए. यदि 5 उम्मीदवार ही नामांकन करते हैं तब तो निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा. बीजेपी के पास अभी 77 विधायक हैं तो आरजेडी के पास 76 विधायक और जदयू के पास 45 विधायक एक निर्दलीय का भी समर्थन जदयू को प्राप्त है. आरजेडी और बीजेपी को अपने उम्मीदवार के लिए सहयोगी दलों का समर्थन लेना होगा.

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Last Updated : May 20, 2022, 8:36 PM IST
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