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बलात्कार के मामले में 20 साल कैद की सजा पाये अभियुक्त को पटना HC ने किया बरी - PATNA HIGH COURT

पटना उच्च न्यायालय ने नाबालिग से रेप के अभियुक्त को बरी कर दिया. निचली अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी. पढ़ें खबर

कॉसेप्ट फोटो.
कॉसेप्ट फोटो. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 28, 2024, 8:28 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. बलात्कार करने के एक मामले में 20 साल कैद की पाये सजा पाये अभियुक्त को बरी कर दिया. जस्टिस आशुतोष कुमार एवं जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दीपक कुमार (बदला हुआ नाम) की अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया. साथ ही रिहा करने का आदेश दिया.

पटना HC ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला : दरअसल, पीड़िता ने बहेड़ा (दरभंगा) थाना में प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि अभियुक्त ने वर्ष 2020 में शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. इसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई. बाद में वह शादी से मुकर गया.

पटना उच्च न्यायालय
पटना उच्च न्यायालय (Etv Bharat)

20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई : दरभंगा की विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) एवं पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत अभियुक्त को दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई.

पंचायती के बाद दर्ज की गई थी प्राथमिकी : पटना उच्च न्यायालय ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि यौन उत्पीड़न या गर्भपात के कोई लक्षण नहीं पाए गए. कोर्ट ने यह भी पाया कि प्राथमिकी एक पंचायती के बाद दर्ज की गई थी, जिसमें पीड़िता के पिता को 6 लाख रुपये मिले थे.

HC ने तुरंत रिहा करने का दिया आदेश : दलील सुनने और गवाहों की गवाही के बाद पटना हाई कोर्ट ने अपीलकर्ता के खिलाफ आरोपों को संदिग्ध पाते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया.

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पटना : पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. बलात्कार करने के एक मामले में 20 साल कैद की पाये सजा पाये अभियुक्त को बरी कर दिया. जस्टिस आशुतोष कुमार एवं जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दीपक कुमार (बदला हुआ नाम) की अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया. साथ ही रिहा करने का आदेश दिया.

पटना HC ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला : दरअसल, पीड़िता ने बहेड़ा (दरभंगा) थाना में प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि अभियुक्त ने वर्ष 2020 में शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. इसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई. बाद में वह शादी से मुकर गया.

पटना उच्च न्यायालय
पटना उच्च न्यायालय (Etv Bharat)

20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई : दरभंगा की विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) एवं पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत अभियुक्त को दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई.

पंचायती के बाद दर्ज की गई थी प्राथमिकी : पटना उच्च न्यायालय ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि यौन उत्पीड़न या गर्भपात के कोई लक्षण नहीं पाए गए. कोर्ट ने यह भी पाया कि प्राथमिकी एक पंचायती के बाद दर्ज की गई थी, जिसमें पीड़िता के पिता को 6 लाख रुपये मिले थे.

HC ने तुरंत रिहा करने का दिया आदेश : दलील सुनने और गवाहों की गवाही के बाद पटना हाई कोर्ट ने अपीलकर्ता के खिलाफ आरोपों को संदिग्ध पाते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया.

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