पटना: बीपीएससी पेपर लीक (BPSC Paper Leak case) मामले में आर्थिक अपराध इकाई और एसआईटी की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. बीपीएससी पेपर लीक मामले की जांच के दौरान आर्थिक अपराध इकाई को कई अहम सबूत मिले हैं. इस मामले में एक आईएएस अधिकारी समेत तीन दर्जन लोगों से पूछताछ (IAS officer questioned in BPSC paper leak case) की गयी है. और दो लोगों को गिरफ्तार (Two more arrested in BPSC exam paper leak case) भी किया गया है. हालांकि जांच एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है. चार लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था. इसमें बीपीएससी के एक अधिकारी शामिल थे.
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बड़े गैंग के शामिल होने की आशंका: विशेष सूत्रों के अनुसार इस पेपर लीक मामले में एक बहुत बड़े गैंग के शामिल होने की आशंका जतायी जा रही है. जांच के दौरान इसके तार जुड़ते जा रहे हैं. सबूते मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की बनाई गई एसआईटी की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. इस पर छापामारी के दौरान दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा लगभग 3 दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है. इस पूरे मामले का तार आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज (Veer Kunwar Singh College Arrah) के अलावा उत्तर बिहार के कुछ जिलों जैसे मधुबनी से भी जुड़ता दिख रहा है. राजधानी पटना के लोहानीपुर सहित कई स्थानों पर छापेमारी की गई है. अन्य कुछ जिलों में भी छापेमारी हो रही है.
जल्द होगा बड़ा खुलासा: आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एफआईआर में दर्ज वह मोबाइल नंबर, जिससे बीपीएससी के अधिकारी को लीक पेपर भेजा गया था, वह एक के आईएएस अधिकारी का है. उनसे भी पूछताछ की गयी है. हालांकि अब तक इनसे पूछताछ मोबाइल फोन के माध्यम से ही की गयी है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने उस नंबर के बारे में जानकारी जुटायी जिससे लीक पेपर भेजा गया था. उम्मीद जताई जा रही है कि इस पूरे मामले में जल्द ही बड़ा खुलासा होगा.
बीपीएससी के अधिकारियों और कर्मचारियों पर नजर: आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीपीएससी पेपर लीक मामले में बीपीएससी ऑफिस में काम करने वाले कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भी संलिप्तता नजर आ रही है. इस वजह से बीपीएससी कार्यालय में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गयी है. उनकी जांच की जा रही है. इसके अलावा आईएएस अधिकारी को जिस नंबर से व्हाट्सएप के माध्यम से क्वेश्चन पेपर भेजा गया था, उस नंबर की भी पड़ताल की जा रही है. हालांकि संभावना जतायी जा रही है कि आईएएस अधिकारी ने बीपीएससी को मदद पहुंचाने के लिए ही प्रश्न पत्र भेजा था लेकिन यह जांच के बाद स्पष्ट हो पायेगा.
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