पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि गंभीर रोगों से पीड़ित गरीब मरीजों के बेहतर इलाज को लेकर राज्य सरकार मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. इस कोष से 14 असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए राशि दी जाती है. यह प्रदेश के अलावा प्रदेश के बाहर जाकर इलाज कराने के लिए भी लागू होती है. इस योजना के तहत ₹20000 से ₹500000 तक की सहायता राशि दी जाती है. इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर माह तक 7342 मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है.
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में 11180 मरीज लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से ₹100000 की सहायता राशि देने का प्रावधान है. सरकार ढाई लाख रुपये से कम आय तथा प्रदेश के सरकारी और सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इलाज कराने वाले रोगी को ही यह सहायता राशि देती है.
' यहां अस्पतालों से इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में रेफर करने वाले रोगी को भी हृदय रोग, कैंसर, कुल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, एड्स, हेपेटाइटिस, कोकिलेर इम्प्लांट, ट्रांसजेंडर सर्जरी, नेत्र रोग समेत 14 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती है.' :- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में स्वास्थ्य विभाग में आर्थिक सहायता के लिए 13155 आवेदन आए जिसमें से 11180 आवेदन स्वीकृत किए गए. इसके लिए सरकार की तरफ से ₹936302500 की स्वीकृति प्रदान की गई. इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर तक 8583 आवेदन आए जिसमें से 7342 मरीजों के इलाज मद में ₹653038000 की मंजूरी प्रदान की गई. स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों को इलाज कराने में किसी तरह की परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखता है.
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