पटना: राजधानी पटना में मां ब्लड सेंटर का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन (Maa Blood Bank Inaugurated by CM Nitish Kumar) किया. रविवार को पटना के दरियापुर गोला ब्रह्म स्थान मंदिर के निकट नवनिर्मित ब्लड बैंक, मां ब्लड सेंटर का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मां वैष्णो देवी सेवा समिति के इस सार्थक पहल की सराहना की. उम्मीद जताई कि ब्लड सेंटर का संचालन समाज के हित में निस्वार्थ भाव से मां वैष्णो देवी सेवा समिति परिवार करता रहेगा. कार्यक्रम के दौरान भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि उन्होंने खुद रक्तदान किया है और स्वास्थ्य क्षेत्र में इस प्रकार की सामाजिक पहल की आवश्यकता है.
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'यह निजी क्षेत्र में प्रदेश का पहला ननकमर्शियल ब्लड बैंक है. इसके सफल संचालन के लिए सरकार द्वारा हर संभव सहायता की जाएगी. यहां गरीब बीमार बच्चों को निशुल्क ब्लड उपलब्ध होगा और यह एक बड़ी पहल है.' - अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि प्रदेश के लिए आज गौरव का क्षण है कि प्रदेश का पहला नॉन कमर्शियल ब्लड बैंक का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया है. यह प्रदेश का 102 वां ब्लड बैंक है.
'साल 2014-15 में ब्लड बैंक की संख्या प्रदेश में 75 थी और आज के समय में 102 हो गई है. मां वैष्णो देवी सेवा समिति के संस्थापक मुकेश हिसारिया द्वारा प्रदेश के ब्लड बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए जो कुछ भी सलाह दिए जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग उस पर गंभीरता से अमल करता है. कोरोना काल में मां वैष्णो देवी सेवा समिति ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाज हित में काफी काम किया. सरकार और समाज को हर संभव सहयोग दिया है. समय पर रक्त प्राप्त होने से हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती है. इस कड़ी में यह मां ब्लड बैंक सेंटर काफी उपयोगी साबित होगा. जल्द ही मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में प्रदेश का दूसरा थैलेसीमिया डे केयर सेंटर शुरू किया जाएगा.' - मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
'थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों को ब्लड की काफी आवश्यकता पड़ती है. थैलेसीमिया के मरीज को 15 दिन में एक यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ती है. प्रदेश में 4,000 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे हैं. वही देश भर में इनकी संख्या ढाई लाख है. इन बच्चों के लिए देशभर में महीने में पांच लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ती है. मैं आग्रह करुंगा कि समाज में शादी से पहले दंपत्ति अपना HBA2 जो थैलेसीमिया माइनर पता करने का टेस्ट होता है वह करा ले तो दो थैलेसीमिया माइनर का विवाह होने से रोक सकते हैं.' - मुकेश हिसारिया, संस्थापक, मां वैष्णो देवी सेवा समिति
उन्होंने कहा कि दो थैलेसीमिया माइनर के बच्चों में 80 फीसदी से अधिक थैलेसीमिया पीड़ित होने की संभावना होती है. यहां सेंटर पर थैलेसीमिया और हिमोफीलिया के मरीजों को निशुल्क ब्लड दिए जाएंगे. इसके अलावा गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी निशुल्क ब्लड की सुविधा दी जाएगी. समाज के काफी संख्या में संपन्न लोगों का उन्हें सहयोग प्राप्त हो रहा है और उनके सहयोग से यह सेंटर चलेगा. उन्होंने लोगों से अपील किया कि रक्तदान के क्षेत्र में आगे आए और जो लोग 18 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और 60 वर्ष से कम उम्र के और स्वस्थ है तो ऐसे लोगों को स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए.
नवनिर्मित ब्लड बैंक, मां ब्लड सेंटर के उद्घाटन पर राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, विधान परिषद लल्लन सर्राफ, आचार्य किशोर कुणाल समेत समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद थे.
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