पटना: बिहार विधानसभा की 2 सीटों- कुशेश्वरस्थान और तारापुर के लिए होने वाले उपचुनाव (Bihar assembly by-election) में लोजपा (LJP) ने अपना प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) की पार्टी के इस फैसले से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जदयू (JDU) को बिहार विधानसभा चुनाव की तरह परेशानी हो सकती है.
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लोजपा की वजह से ही जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई है. बिहार विधानसभा चुनाव की तरह इस उपचुनाव में एनडीए (NDA) में पुरजोर एकता दिखाई दे रही है. एनडीए के घटक दलों ने दोनों सीटों से जेडीयू का प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. जदयू ने कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी और तारापुर से राजीव कुमार सिंह के नाम का ऐलान किया है. वहीं, लोजपा ने जदयू के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
वह किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि इन दोनों सीटों के लिए लोजपा के प्रत्याशियों की घोषणा अभी नहीं की गयी है. उम्मीद जताई जा रही है कि 1 से 2 दिनों के अंदर बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा. इसके बाद लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाएंगे. दूसरी ओर, महागठबंधन की ओर से भी इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है. आरजेडी की ओर से आज उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होने की संभावना है.
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चिराग पासवान एक ओर जहां नीतीश कुमार का लगातार विरोध करते आ रहे हैं, वहीं वे महागठबंधन या यूं कहें कि तेजस्वी को भी अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं. इसीलिए अकेले चुनाव में उतरने का फैसला लिया है. कयास यह भी लगाये जा रहे थे कि चिराग पासवान महागठबंधन के साथ जा सकते हैं परंतु ऐसा होता नहीं दिख रहा है. अगर वह महागठबंधन के साथ जाते हैं तो उन्हें तेजस्वी यादव को अपना नेता मानना पड़ेगा और इसके लिए वे तैयार नहीं हैं. समझा जा रहा है कि चिराग सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतारना चाहते हैं.
सवाल यह भी उठ रहा है कि लोजपा का चुनाव चिह्न बंगला को लेकर दोनों गुटों के तरफ से लगातार दावे किए जा रहे हैं. हालांकि चुनाव आयोग को तय करना है कि लोजपा के बंगले का असली हकदार कौन होगा. चिराग पासवान गुट के बिहार संसदीय दल के अध्यक्ष और विधान परिषद के पूर्व सदस्य हुलास पांडे ने दावा किया है कि चुनाव आयोग द्वारा लगातार चिराग पासवान को ही किसी तरह का भी नोटिस भेजा जा रहा है. इससे यह जाहिर होता है कि चुनाव आयोग चिराग पासवान को ही लोजपा का असली हकदार मानता है.
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