पटना: बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र इस बार बदला बदला सा होगा. इसबार का सत्र विधानसभा और विधान परिषद में नहीं होगा. सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर इस बार मॉनसून सत्र गांधी मैदान के पास स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में आयोजित होगा.
मॉनसून सत्र 3 अगस्त से शुरु
3 अगस्त से शुरु होने वाला मॉनसून सत्र 6 अगस्त तक चलेगा. हालांकि सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण ये सत्र 2 दिनों से अधिक चलने के आसार नहीं है. बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र को लेकर सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल में गतिविधियां बढ़ने लगी है. जल्द ही बिहार विधानसभा का कैंप कार्यालय यहां काम भी शुरु करेगा.
सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए मंजूरी
विधानसभा और विधान परिषद के अधिकारी ज्ञान भवन में कार्यवाही का संचालन कैसे होगा इसकी पड़ताल कर चुके हैं. कोरोना वायरस के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसलिए 800 सीट वाले ज्ञान भवन को मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दी है. इसके बाद ही संसदीय कार्य मंत्री ने भी पिछले दिनों अधिसूचना जारी की.
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विधानमंडल सत्र को लेकर 31 जुलाई बैठक
दूसरे तल पर बिहार विधानसभा की कार्यवाही होगी. इसी तल पर सीएम, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री का कक्ष भी रहेगा. ज्ञान भवन में विधान परिषद की कार्यवाही भी होगी. विधानमंडल सत्र को लेकर 31 जुलाई को ज्ञान भवन में दिनभर बैठके होंगी.
वरीय अधिकारियों के साथ सुरक्षा बैठक
सत्र के दौरान गांधी मैदान और आसपास की यातायात व्यवस्था को लेकर सुबह 11:30 बजे से बैठक होगी. इसके अलावा प्रेस सलाहकार समिति की भी बैठक होनी है. मॉनसून सत्र की कार्यवाही के लिए सर्वदलीय बैठक भी होगी और इसी में तय होगा कि 3 अगस्त से 6 अगस्त तक चलने वाले सत्र को कितना छोटा किया जाए.
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4 दिनों तक चलेगी कार्यवाही
हालांकि पहले के तय कार्यक्रम के अनुसार मानसून सत्र में पहले दिन यानी 3 अगस्त को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020 में प्रथम अनुपूरक बजट पेश होगा. साथ ही अध्यादेश की प्रतियां सदन पटल पर रखी जाएंगी. अगले दिन 4 अगस्त को राजकीय विधेयक पर चर्चा होगी. 5 अगस्त को प्रथम अनुपूरक बजट पर वाद विवाद और मतदान होगा. आखिर में 6 अगस्त को गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा होगी.
मानसून सत्र होगा ऐतिहासिक
बिहार विधानमंडल के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही अलग स्थानों पर संचालित हो रही है. इसलिए मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा.