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2024 में नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए बिखरे विपक्ष को एक मंच पर लाने में जुटे लालू, UP चुनाव से तय होगा गठबंधन का भविष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD President Lalu Prasad Yadav) ने एक्शन प्लान तैयार किया. इसके मुताबिक योजना को कार्य रूप दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव एक तरह से लालू की कोशिशों के लिए लिटमस टेस्ट होगा.

RJD President Lalu Prasad Yadav
RJD President Lalu Prasad Yadav
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Published : Aug 11, 2021, 10:04 PM IST

पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD President Lalu Prasad Yadav) स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद फिर से सक्रिय राजनीति में दस्तक दे चुके हैं. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के कंधों पर बिहार की जिम्मेदारी सौंपकर वे दिल्ली की सियासत को धार देने में लग गए हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भी लालू विपक्षी गोलबंदी में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें: शरद यादव से मिलकर बोले लालू- 'जनता परिवार फिर से होगा एकजुट, नीतीश के लिए कोई जगह नहीं'

लालू प्रसाद यादव देश में बीजेपी विरोधी राजनीति को धार देने में जुटे हैं. तीसरे मोर्चे को लेकर वे समाजवादी नेताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, शरद पवार, कपिल सिब्बल और उमर अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं से मिलकर वे वर्तमान राजनीतिक हालात पर मंथन कर चुके हैं.

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर लालू नए राजनीतिक समीकरण को आकार देना चाहते हैं. पार्टी नेता उत्तर प्रदेश चुनाव को सेमीफाइनल की तरह ले रहे हैं. उनको भरोसा है कि जिस तरीके से बिहार में लालू यादव के प्रयासों से महागठबंधन ने आकार लिया था, उसी तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर भी महागठबंधन को आकार मिलेगा.

ये भी पढ़ें: Lalu Return's: अपने रंगत में आकर लालू ने बदल दी है फिजा, दिल्ली से पटना तक सियासी हलचल

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari) कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. केंद्र की सरकार तमाम मोर्चों पर असफल साबित हुई है. वे कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव बीजेपी विरोधी राजनीतिक दलों को एकजुट करने में जुटे हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव सेमीफाइनल होगा और 2024 लोकसभा चुनाव फाइनल होगा, जिसमें हम लोग मिलकर बीजेपी को चित करने में कामयाब होंगे.

आरजेडी के दावे पर बीजेपी नेता और बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन कहते हैं कि लालू यादव पहले भी प्रयास कर के देख चुके हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी. इस बार फिर हारे हुए खिलाड़ियों के साथ मिलकर वो जंग जीतना चाहते हैं. पिछली बार की तरह इस बार भी उन्हें कामयाबी हासिल होने वाली नहीं है.

ये भी पढ़ें: लालू यादव को बड़ा झटका: चारा घोटाला डोरंडा कोषागार केस में कोर्ट ने खारिज की याचिका

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि लालू प्रसाद यादव कई बार राष्ट्रीय स्तर पर गोलबंदी की कोशिश कर चुके हैं. आंशिक तौर पर तो उन्हें सफलता मिली है, लेकिन उसके नतीजे नहीं निकले हैं. वे कहते हैं कि इस बार भी लालू प्रसाद यादव इसी कोशिश में जुटे हैं, ऐसे में यह देखना होगा कि वास्तव में गठबंधन आकार ले पाता है या नहीं.

हालांकि लालू की इन कोशिशों के बीच कानूनी दांव-पेंच के कारण भी अड़ंगा खड़ा हो सकता है, क्योंकि चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में फैसला आना बाकी है. आपको बताएं कि बुधवार को इस मामले में बचाव पक्ष की याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें फिजिकल बहस के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. सीबीआई कोर्ट ने कहा कि बचाव पक्ष की ओर से अधिकतम पांच पक्षकार कोर्ट में उपस्थित हो सकेंगे.

पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD President Lalu Prasad Yadav) स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद फिर से सक्रिय राजनीति में दस्तक दे चुके हैं. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के कंधों पर बिहार की जिम्मेदारी सौंपकर वे दिल्ली की सियासत को धार देने में लग गए हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भी लालू विपक्षी गोलबंदी में जुटे हैं.

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लालू प्रसाद यादव देश में बीजेपी विरोधी राजनीति को धार देने में जुटे हैं. तीसरे मोर्चे को लेकर वे समाजवादी नेताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, शरद पवार, कपिल सिब्बल और उमर अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं से मिलकर वे वर्तमान राजनीतिक हालात पर मंथन कर चुके हैं.

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर लालू नए राजनीतिक समीकरण को आकार देना चाहते हैं. पार्टी नेता उत्तर प्रदेश चुनाव को सेमीफाइनल की तरह ले रहे हैं. उनको भरोसा है कि जिस तरीके से बिहार में लालू यादव के प्रयासों से महागठबंधन ने आकार लिया था, उसी तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर भी महागठबंधन को आकार मिलेगा.

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आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari) कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. केंद्र की सरकार तमाम मोर्चों पर असफल साबित हुई है. वे कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव बीजेपी विरोधी राजनीतिक दलों को एकजुट करने में जुटे हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव सेमीफाइनल होगा और 2024 लोकसभा चुनाव फाइनल होगा, जिसमें हम लोग मिलकर बीजेपी को चित करने में कामयाब होंगे.

आरजेडी के दावे पर बीजेपी नेता और बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन कहते हैं कि लालू यादव पहले भी प्रयास कर के देख चुके हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी. इस बार फिर हारे हुए खिलाड़ियों के साथ मिलकर वो जंग जीतना चाहते हैं. पिछली बार की तरह इस बार भी उन्हें कामयाबी हासिल होने वाली नहीं है.

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वहीं, वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि लालू प्रसाद यादव कई बार राष्ट्रीय स्तर पर गोलबंदी की कोशिश कर चुके हैं. आंशिक तौर पर तो उन्हें सफलता मिली है, लेकिन उसके नतीजे नहीं निकले हैं. वे कहते हैं कि इस बार भी लालू प्रसाद यादव इसी कोशिश में जुटे हैं, ऐसे में यह देखना होगा कि वास्तव में गठबंधन आकार ले पाता है या नहीं.

हालांकि लालू की इन कोशिशों के बीच कानूनी दांव-पेंच के कारण भी अड़ंगा खड़ा हो सकता है, क्योंकि चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में फैसला आना बाकी है. आपको बताएं कि बुधवार को इस मामले में बचाव पक्ष की याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें फिजिकल बहस के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. सीबीआई कोर्ट ने कहा कि बचाव पक्ष की ओर से अधिकतम पांच पक्षकार कोर्ट में उपस्थित हो सकेंगे.

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