पटना : सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने पटना हाईकोर्ट में नए जजों की नियुक्ति हेतु न्यायिक पदाधिकारी कोटे से सात नामों की अनुशंसा की है. इनमें न्यायिक पदाधिकारी कोटे से शैलेंद्र सिंह, अरुण कुमार झा, जितेंद्र कुमार, अलोक कुमार पाण्डेय, सुनील दत्त मिश्रा, चंद्र प्रकाश सिंह एवं चंद्र शेखर झा के नाम शामिल हैं. इन नामों पर केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़ कर 34 हो जाएगी. पटना हाईकोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत पद 53 हैं जिसमें से केवल 27 जज ही कार्यरत हैं.
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जनसंख्या के अनुपात में जजों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता : वरीय अधिवक्ता और एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने इसका स्वागत किया है. उनका कहना है कि पटना हाईकोर्ट में न सिर्फ जजों के रिक्त पदों को भरे जाने की जरूरत है, बल्कि जनसंख्या के अनुपात में जजों की संख्या बढ़ाने की भी काफी आवश्यकता है. बता दें कि गत वर्ष 20 अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सात नए जजों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ थी.
7 जजों का हुआ था शपथ ग्रहण : चीफ जस्टिस संजय करोल ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से स्थानांतरित जज जस्टिस राजन गुप्ता, कर्नाटक हाईकोर्ट से स्थानांतरित जज जस्टिस पी वी बजनथ्री और केरल हाईकोर्ट से स्थानांतरित जज जस्टिस ए एम बदर को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. इसके साथ ही चार नवनियुक्त जजों संदीप कुमार, पूर्णेन्दु सिंह, सत्यव्रत वर्मा और राजेश कुमार वर्मा ने भी पटना हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली थी.
संदीप कुमार जज बनने के पहले पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट थे. इसके साथ ही वे कुछ वर्षों तक बिहार सरकार के वकील के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. पूर्णेंदु सिंह जज बनने से पहले पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के वकील रह चुके हैं. वहीं, सत्यव्रत वर्मा जज नियुक्त होने से पूर्व पटना हाईकोर्ट में झारखंड सरकार के वकील रह चुके हैं. इसके साथ ही राजेश कुमार वर्मा जज बनने से पहले पटना हाईकोर्ट में बिहार एवं केंद्र सरकार दोनों के वकील रह चुके हैं.
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