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'फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर UPSC में भी चल रही आरक्षण की डकैती, मोदी जी रोकें इसे' - महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक

जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने ट्वीट कर कहा कि नवाब मलिक ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी कर बता दिया कि यूपीएससी में भी डकैती चल रही है. लिहाजा वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हैं कि इस डकैती को रोकी जाए.

Jitan Ram Manjhi
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Published : Oct 25, 2021, 7:33 PM IST

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर देश में आरक्षण का लाभ लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे (NCB Officer Sameer Wankhede) को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के आरोपों के आधार पर ट्वीट करते हुए कहा कि यूपीएससी (UPSC) में भी ये डकैती चल रही है.

ये भी पढ़ें: मांझी का संगीन आरोप, कहा- 'फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर गद्दी पर बैठे हैं पांच सांसद'

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर फिर दोहराया कि देश में कई लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर गलत तरीके से आरक्षण की डकैती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी होने से पता चलता है कि यूपीएससी में भी ये डकैती चल रही है.

  • पांच दिन पहले मैंने कहा था कि SC/ST/OBC के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर देश में आरक्षण की डकैती हो रही है।
    आज.@nawabmalikncp जी ने NCB अधिकारी समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी कर बता दिया कि #UPSC में भी ये डकैती चल रही है।@narendramodi जी आपसे आग्रह है आप इस डकैती पर रोक लगावाएं

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) October 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मांझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'पांच दिन पहले मैंने कहा था कि SC/ST/OBC के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर देश में आरक्षण की डकैती हो रही है. आज नवाब मलिक जी ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी कर बता दिया कि यूपीएससी में भी ये डकैती चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह है आप इस डकैती पर रोक लगावाएं.'

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के कथित जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी ट्वीट की थी. उस कॉपी के मुताबिक समीर के पिता का नाम दाऊद है और उनका धर्म मुस्लिम है. इसकी वजह से वानखेड़े के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी के रूप में चयन के बारे में एक और विवाद पैदा हो गया, क्योंकि उन्हें यूपीएससी में उनका चयन आरक्षण श्रेणी के तहत एक हिंदू के रूप में हुआ था.

उधर, इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े का कहना है कि उनका नाम ज्ञानदेव है और उनका दाऊद नाम से कोई लेना-देना नहीं है. सारे आरोप झूठे हैं. इधर, एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने जांच भी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: भक्त चरण दास को मिला मांझी का साथ, लालू से पूछा- आप दलितों से इतनी नफरत क्यों करते हैं?

आपको याद दिलाएं कि इससे पहले भी जीतनराम मांझी ने कहा था कि लोकसभा, विधानसभा, जिला परिषद, पंचायत समितियों एवं निकाय के अन्य चुनावों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर निर्वाचित सदस्यों की सदस्यता रद्द कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग का गठन हो. उक्त आयोग की सिफारिश के आलोक में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर निर्वाचित हुए जनप्रतिनिधि पर मुकदमा दर्ज करते हुए उनकी सदस्यता रद्द की जाए.

उन्होंने नाम लेते हुए कहा था, 'पंजाब के फरीदकोट से कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, यूपी के आगरा से बीजेपी सांसद एसपी बघेल, महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा, पश्चिम बंगाल के आरामबाग सीट से टीएमसी सांसद आफरीन अली, महाराष्ट्र के सोलापुर से बीजेपी सांसद जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी, यह लोग जहां से सांसद हैं, वह एससी लोकसभा सीट है. यह लोग फर्जी SC जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सांसद बने हुए हैं.'

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर देश में आरक्षण का लाभ लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे (NCB Officer Sameer Wankhede) को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के आरोपों के आधार पर ट्वीट करते हुए कहा कि यूपीएससी (UPSC) में भी ये डकैती चल रही है.

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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर फिर दोहराया कि देश में कई लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर गलत तरीके से आरक्षण की डकैती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी होने से पता चलता है कि यूपीएससी में भी ये डकैती चल रही है.

  • पांच दिन पहले मैंने कहा था कि SC/ST/OBC के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर देश में आरक्षण की डकैती हो रही है।
    आज.@nawabmalikncp जी ने NCB अधिकारी समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी कर बता दिया कि #UPSC में भी ये डकैती चल रही है।@narendramodi जी आपसे आग्रह है आप इस डकैती पर रोक लगावाएं

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) October 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मांझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'पांच दिन पहले मैंने कहा था कि SC/ST/OBC के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर देश में आरक्षण की डकैती हो रही है. आज नवाब मलिक जी ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे का प्रमाण पत्र जारी कर बता दिया कि यूपीएससी में भी ये डकैती चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह है आप इस डकैती पर रोक लगावाएं.'

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के कथित जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी ट्वीट की थी. उस कॉपी के मुताबिक समीर के पिता का नाम दाऊद है और उनका धर्म मुस्लिम है. इसकी वजह से वानखेड़े के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी के रूप में चयन के बारे में एक और विवाद पैदा हो गया, क्योंकि उन्हें यूपीएससी में उनका चयन आरक्षण श्रेणी के तहत एक हिंदू के रूप में हुआ था.

उधर, इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े का कहना है कि उनका नाम ज्ञानदेव है और उनका दाऊद नाम से कोई लेना-देना नहीं है. सारे आरोप झूठे हैं. इधर, एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने जांच भी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: भक्त चरण दास को मिला मांझी का साथ, लालू से पूछा- आप दलितों से इतनी नफरत क्यों करते हैं?

आपको याद दिलाएं कि इससे पहले भी जीतनराम मांझी ने कहा था कि लोकसभा, विधानसभा, जिला परिषद, पंचायत समितियों एवं निकाय के अन्य चुनावों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर निर्वाचित सदस्यों की सदस्यता रद्द कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग का गठन हो. उक्त आयोग की सिफारिश के आलोक में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर निर्वाचित हुए जनप्रतिनिधि पर मुकदमा दर्ज करते हुए उनकी सदस्यता रद्द की जाए.

उन्होंने नाम लेते हुए कहा था, 'पंजाब के फरीदकोट से कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, यूपी के आगरा से बीजेपी सांसद एसपी बघेल, महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा, पश्चिम बंगाल के आरामबाग सीट से टीएमसी सांसद आफरीन अली, महाराष्ट्र के सोलापुर से बीजेपी सांसद जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी, यह लोग जहां से सांसद हैं, वह एससी लोकसभा सीट है. यह लोग फर्जी SC जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सांसद बने हुए हैं.'

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