पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने केंद्र सरकार पर हिंदुत्व का कार्ड खेलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भारत में एनआरसी और नागरिकता कानून लागू किया गया है. केंद्र सरकार जानती है कि साक्षरता दर कम है और धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा सकता है. इसीलिए इस तरह के कार्ड खेले गए हैं.
'पुलिस की दमनकारी नीति'
मांझी ने देश में चल रहे उग्र आंदोलन और उसपर पुलिसिया कार्रवाई के बारे में कहा कि एनआरसी और सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलनों के लिए पुलिस दमनकारी नीति अपना रही है. बिहार में भी कई जगहों पर धारा 144 लगायी गई है. पप्पू यादव को भी नजरबंद कर दिया गया है. यह पुलिस की दमनकारी नीति है.
'पोस्टर वॉर उचित नहीं'
राम मांझी ने कहा कि प्रदेश में जारी पोस्टर वॉर उचित नहीं है. सबसे पहले बिहार के विकास के बारे में सोचना चाहिए. राज्य का विकास ना तो केंद्र सरकार कर रही है और ना ही राज्य सरकार का इस ओर ध्यान है. गलत पोस्टर लगा कर सरकार का काम प्रचारित-प्रसारित करने की कोशिश की जा रही है, जबकि सच्चाई यही है कि धरातल पर बिहार में कोई काम नहीं हो रहा है.
'जारी रहेगा सीएए का विरोध'
सीएए के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार बंद का ऐलान किया है. मांझी की पार्टी हम ने भी उसका समर्थन किया है. 21 दिसंबर को महागठबंधन का भी बिहार बंद है इन हालातों में पटना की मुख्य जगहों पर धारा 144 लगाने को जीतन राम मांझी दमनकारी नीति मानते हैं.उनका कहना है कि आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस इस तरह की नीति अपना रही है. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, सीएए का विरोध जारी रहेगा.