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UP चुनाव पर JDU की दिल्ली में बैठक, BJP से सीटों पर बातचीत के लिये RCP हुए अधिकृत - दिल्ली में बैठक

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ अहम बैठक की. बैठक में यूपी चुनाव को लेकर चर्चा हुई. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को बीजेपी नेताओं के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत करने की जिम्मेवारी दी गई है. पढ़ें रिपोर्ट...

जदयू की बैठक
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Published : Sep 28, 2021, 4:03 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 4:31 PM IST

नयी दिल्ली/पटनाः जेडीयू (JDU) के केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह एवं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव KC त्यागी मौजूद थे. बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) पर चर्चा हुई है. सूत्रों के अनुसार UP में करीब दो दर्जन सीटों पर जदयू चुनाव लड़ना चाहती है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को बीजेपी (BJP) के नेताओं के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है.

यह भी पढ़ें- UP विधानसभा चुनाव को लेकर JDU ने ठोकी ताल तो सकते में आई BJP

बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि NDA में रहकर UP चुनाव लड़ना पहली प्राथमिकता होगी. UP चुनाव के लिए BJP से गठबंधन हो और जदयू को दो दर्जन सीटें मिलें, इसके लिए आरसीपी सिंह को बीजेपी से बातचीत के लिये अधिकृत किया गया है. RCP सिंह जल्द BJP के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे.

BJP से गठबंधन अगर नहीं भी हो पाया, तब भी UP चुनाव में जदयू उतरेगी. सूत्रों के अनुसार तब 200 सीटों पर जदयू अकेले चुनाव लड़ सकती है. जदयू अकेले चुनाव लड़ेगी, तो नीतीश कुमार UP में कई सारी रैलियां भी करेंगे. बीजेपी से बात नहीं बनने पर इस रणनीति पर जदयू काम करेगी. UP के हर जिले में जदयू अपना संगठन खड़ा करने में जुट गई है.

बता दें UP में जदयू की नजर कुर्मी समुदाय पर है, जो फिलहाल BJP के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. अगर जदयू अकेले चुनाव लड़ती है तो इससे BJP के वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है. UP में करीब 3 दर्जन विधानसभा सीटों पर कुर्मी समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं. नीतीश कुमार खुद कुर्मी समुदाय से आते हैं और वह कुर्मी-कुशवाहा (लव-कुश) समीकरण को भी मजबूत कर रहे हैं.

उसी के तहत उपेंद्र कुशवाहा की जदयू में वापसी हुई और उनको संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा हैं. जदयू में कुशवाहा नेताओं को तरजीह दी जा रही है. UP में कुर्मी कुशवाहा करीब 8 फीसदी हैं. UP में जदयू अकेले चुनाव लड़ी तो बड़ी संख्या में कुर्मी कुशवाहा समुदाय जदयू के साथ जा सकते हैं, जिसका सीधा नुकसान BJP को होगा.

बता दें कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों की नई सूची भी जारी की है. इसमें केसी त्यागी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाए गए हैं. वहीं 9 महासचिव और पांच सचिव बनाए गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. वहीं सांसद आलोक कुमार सुमन को कोषाध्यक्ष बनाया गया है.

यह भी पढ़ें- यूपी विस चुनाव को लेकर बिहार में सियासी हलचल तेज, JDU ने यूं ठोकी ताल

नयी दिल्ली/पटनाः जेडीयू (JDU) के केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह एवं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव KC त्यागी मौजूद थे. बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) पर चर्चा हुई है. सूत्रों के अनुसार UP में करीब दो दर्जन सीटों पर जदयू चुनाव लड़ना चाहती है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को बीजेपी (BJP) के नेताओं के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है.

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बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि NDA में रहकर UP चुनाव लड़ना पहली प्राथमिकता होगी. UP चुनाव के लिए BJP से गठबंधन हो और जदयू को दो दर्जन सीटें मिलें, इसके लिए आरसीपी सिंह को बीजेपी से बातचीत के लिये अधिकृत किया गया है. RCP सिंह जल्द BJP के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे.

BJP से गठबंधन अगर नहीं भी हो पाया, तब भी UP चुनाव में जदयू उतरेगी. सूत्रों के अनुसार तब 200 सीटों पर जदयू अकेले चुनाव लड़ सकती है. जदयू अकेले चुनाव लड़ेगी, तो नीतीश कुमार UP में कई सारी रैलियां भी करेंगे. बीजेपी से बात नहीं बनने पर इस रणनीति पर जदयू काम करेगी. UP के हर जिले में जदयू अपना संगठन खड़ा करने में जुट गई है.

बता दें UP में जदयू की नजर कुर्मी समुदाय पर है, जो फिलहाल BJP के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. अगर जदयू अकेले चुनाव लड़ती है तो इससे BJP के वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है. UP में करीब 3 दर्जन विधानसभा सीटों पर कुर्मी समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं. नीतीश कुमार खुद कुर्मी समुदाय से आते हैं और वह कुर्मी-कुशवाहा (लव-कुश) समीकरण को भी मजबूत कर रहे हैं.

उसी के तहत उपेंद्र कुशवाहा की जदयू में वापसी हुई और उनको संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा हैं. जदयू में कुशवाहा नेताओं को तरजीह दी जा रही है. UP में कुर्मी कुशवाहा करीब 8 फीसदी हैं. UP में जदयू अकेले चुनाव लड़ी तो बड़ी संख्या में कुर्मी कुशवाहा समुदाय जदयू के साथ जा सकते हैं, जिसका सीधा नुकसान BJP को होगा.

बता दें कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों की नई सूची भी जारी की है. इसमें केसी त्यागी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाए गए हैं. वहीं 9 महासचिव और पांच सचिव बनाए गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. वहीं सांसद आलोक कुमार सुमन को कोषाध्यक्ष बनाया गया है.

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Last Updated : Sep 28, 2021, 4:31 PM IST
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