पटना: पूरे देश में बीजेपी धन के मामले में सबसे अमीर पार्टी है (BJP Richest Party In India) लेकिन जब बिहार की बात करेंगे तो बीजेपी की सहयोगी नीतीश कुमार की जदयू सबसे अमीर पार्टी बनी हुई है. यह स्थिति तब है जब जदयू बिहार में अब तीसरे नंबर की पार्टी है. जदयू के नेता इससे गदगद हैं और कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के प्रति हर वर्ग के लोगों का विश्वास बना हुआ है. वहीं विपक्ष आश्चर्य जता रहा है और कह रहा है कि वोट घट रहा है और नोट बढ़ रहा है. एडीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार जदयू बिहार में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से अधिक चंदा इकट्ठा करने में सफल हुई है और बिहार की सबसे अमीर पार्टी बन गई है.
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JDU को सबसे अधिक मिला चंदा : यही नहीं जदयू क्षेत्रीय दलों में भी सबसे अधिक चंदा जमा करने वाली पार्टी इस बार बनी है. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू को बिहार में सबसे अधिक चंदा मिला था. 2004-5 से 2014- 15 के 11 साल में जदयू की कुल आय 54 करोड थी. जिसमें अज्ञात स्त्रोत से 37 करोड़ मिले थे जो कुल आय का 72% था और ज्ञात स्त्रोत से केवल 14 करोड की राशि मिली थी. वहीं 11 साल में आरजेडी को 23 करोड़ और एलजेपी को केवल 7 करोड़ मिला था.
देश में क्षेत्रियों दलों में सबसे अमीर JDU : बिहार में 2014 के बाद से जदयू की स्थिति लगातार खराब हुई है. 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी को केवल 2 सीटों पर जीत मिली थी. 2020 विधानसभा चुनाव में पार्टी केवल 43 सीटों पर ही जीत पाई और तीसरे नंबर की पार्टी बिहार में बन गई. जदयू से अधिक सहयोगी बीजेपी को और विरोधी दल आरजेडी को सीटें मिली. लेकिन इसके बावजूद जदयू को सबसे ज्यादा चंदा मिलता रहा और इस बार भी एडीआर की रिपोर्ट से साफ है कि नीतीश कुमार की जदयू चंदा इकट्ठा करने में लोगों के विश्वास पर खड़ी उतरी है.
'जो भी चंदा और धन पार्टी को मिला है. वह नीतीश कुमार के चेहरे के बूते ही मिला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 से लेकर अब तक जो काम किया है, उसी का प्रतिफल है कि हम लोग जिससे भी आग्रह किए लोगों ने कूपन के माध्यम से, बांड के माध्यम से, चेक के माध्यम से, रशीद और आरटीजीएस के माध्यम से धन की मदद की है. हम लोगों को अच्छी सफलता मिली है. हम लोगों ने बताया था कि पार्टी को प्रदेश, जिला और प्रखंड के साथ पंचायत स्तर तक विस्तार करना है. दूसरे प्रांत में भी संगठन का विस्तार करना है और आपने देखा कि मणिपुर में हम लोग चुनाव जीते, उससे पहले अरुणाचल में चुनाव जीते थे. अब नागालैंड की तैयारी कर रहे हैं.' - ललन सराफ, विधान पार्षद सह कोषाध्यक्ष, जदयू
बिहार में JDU सबसे अमीर पार्टी : ललन सराफ ने बताया कि झारखंड में हम लोग विस्तार कर रहे हैं और मध्यप्रदेश में भी स्थानीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो इसके लिए धन की जरूरत होगी. राष्ट्रीय पार्टी के लिए भी काम हो रहा है. हम लोगों को कारपोरेट से, सांसद, विधायक, जिला अध्यक्षों से विभिन्न माध्यमों से धन प्राप्त हुआ है. सबसे अधिक 10 करोड़ का बांड मिला है. हालांकि ललन सराफ का यह भी कहना है कि पूरी जानकारी हम नहीं दे सकते हैं. हम लोग इसे ऑडिट में भेजे हैं.
JDU के अमीर पार्टी बनने पर विपक्ष का तंज : जदयू के अमीर पार्टी बनने पर विपक्ष आश्चर्य जता रहा है. आरजेडी और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि ताज्जुब है, वोट कम हो रहे हैं, नोट बढ़ रहे हैं. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि- 'लोकतंत्र में वोट ही ज्यादा मायने रखता है.'
'17 सालों में जो लाभान्वित हुए हैं. वह तो नहीं मदद कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. ईमानदार मुख्यमंत्री के शासन में जदयू का वोट घट रहा है लेकिन धन बढ़ रहा है.' - राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस
'जदयू के सबसे अमीर पार्टी बनने से पार्टी के नेता गदगद हैं. जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि- 'अच्छा काम हो रहा है. नीतीश कुमार हर वर्ग के लिए काम कर रहे हैं. लगातार विकास के कार्य कर रहे हैं तो सहयोग करने वाले लोगों को लगता है कि यह सरकार और चले.' - उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड
'यह सब लोगों का विश्वास है. चुनाव के समय हम लोगों को भी लोग बढ़कर मदद करते हैं तो यह लोगों का प्यार है जदयू के प्रति.' - जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
जदयू को 2004 5 से 2014 15 के बीच चंदा और अन्य माध्यमों से जो आय हुई उसमें भी साफ दिख रहा है कि सबसे बड़ी पार्टी रही है.
2004-05- -2014-15 धन मिला
जदयू 54 करोड़
राजद 23 करोड़
लोजपा 7 करोड़
देश में जदयू क्षेत्रियों पार्टियों में सबसे अमीर : बिहार में जदयू धन के मामले में सबसे अमीर पार्टी होने के बावजूद चुनावी खर्च में बीजेपी कांग्रेस जैसी पार्टियों से काफी पीछे है. 2020 विधानसभा चुनाव की ही बात करें तो जदयू को 55 करोड़ से अधिक राशि चुनावी चंदा के रूप में मिला लेकिन खर्च केवल 9.8 करोड़ ही पार्टी ने की. वहीं भाजपा को 35 करोड़ से अधिक की राशि चंदा के रूप में मिला लेकिन खर्च 54 करोड़ से अधिक की राशि हुई. कांग्रेस को 44 करोड़ से अधिक की राशि मिली लेकिन खर्च 12 करोड़ से अधिक की राशि की. खर्च के मामले में जदयू कंजूसी करता रहा है.
क्षेत्रीय दलों में ADR रिपोर्ट के अनुसार चंदे में कमी : देशभर के क्षेत्रीय दलों में एडीआर रिपोर्ट के अनुसार चंदे में कमी आई है. लेकिन बिहार की सत्ताधारी दल भले ही तीन नंबर की पार्टी हो गई हो लेकिन चंदा इकट्ठा करने में अमीर बनी हुई है और राशि लगातार बढ़ रही है. 2004-5 से लेकर 2021-22 तक के आंकड़ों से स्पष्ट है कि हर बार चंदा लेने में जदयू बिहार में सभी दलों को पीछे छोड़ती रही है. पार्टी के कोषाध्यक्ष इसका बड़ा कारण नीतीश कुमार का चेहरा तो बता ही रहे हैं. साथ ही पारदर्शी ढंग से खर्च किए जाने की बात भी कह रहे हैं.