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ओमीक्रोन के अफ्रीकी स्ट्रेन से अलग है बिहार में मिला वैरिएंट, जानें कितना है खतरनाक?

बिहार में ओमीक्रोन के अलग-अलग वैरिएंट मिले हैं. संख्या तेजी से बढ़ भी रही है. राज्य में जिन वैरिएंट का पता चला है, वह अफ्रीकी स्ट्रेन से थोड़ा अलग है. बीए 1, बीए 2 और बीए 3 वेरिएंट भी मिल रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट...

कोरोना के कितने वैरिएंट
कोरोना के कितने वैरिएंट
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Published : Jan 11, 2022, 7:23 PM IST

पटना: बिहार के आईजीआईएमएस पटना में ओमीक्रोन मिल चुका है. 32 सैंपल में से 27 में ओमीक्रोन पाया गया. जिसमें बिहार में ओमीक्रोन का अधिकतर स्ट्रेन अफ्रीकी स्ट्रेन से अलग है. लेकिन अफ्रीका में मिला स्ट्रेन महाराष्ट्र में मिल चुका है. अफ्रीका के ओमीक्रोन का स्ट्रेन B.1.1.529 है. बिहार में मिले ओमीक्रोन के 27 मामले में से 24 में ओमीक्रोन का BA.2 स्ट्रेन मिला है, जो अफ्रिका के ओमीक्रोन स्ट्रेन से अलग है. 3 सैंपल में ओमीक्रोन का अफ्रीकन स्ट्रेन B.1.1.529 मिला है. विशेषज्ञ ने बताया कि बिहार में मिले वैरिएंट के कितने प्रकार (Information About Different Variant of Omicron in Bihar) हैं.

यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: बीते 24 घंटे में मिले 5908 मरीज, इस उम्र वर्ग के ज्यादा लोग हो रहे संक्रमित

'ओमीक्रोन की शुरुआत अफ्रीकी देशों और साउथ अफ्रीका से हुई थी. ओमीक्रोन वैरिएंट के सबटाइप हैं, B.1.1.529, BA.2 और BA.3. ओमीक्रोन का सबसे पहले सबटाइप B.1.1.529 मिला था. लेकिन आईजीआईएमएस में हुए जीनोम सिक्वेंसिंग में अधिकतर ओमीक्रोन का सबटाइप BA.2 मिला. भारत में ही कई राज्यों में ओमीक्रोन का सबटाइप BA.3 भी मिला है. ओमीक्रोन के अलग सब टाइप में बहुत अधिक बदलाव नहीं है. चिकित्सा जगत इस बात से कंसर्न रखता है कि बीमारी का कोर्स कैसा है. इसका आदमी के शरीर पर इंपैक्ट कैसा है. अभी के समय में वायरस के जेनेटिक लेवल पर इस प्रकार का सबटाइप देखने को मिल रहा है. आने वाला समय बताएगा कि इसका असर कैसा होता है और यह साउथ अफ्रीका में मिले ओमीक्रोन वैरिएंट से नेचर में कितना अलग है.' -डॉ. नम्रता कुमारी, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, आईजीआईएमएस

विशेषज्ञ से जानिए कोरोना के कितने वैरिएंट हैं...

प्रदेश में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि संक्रमण के पीक के बारे में अभी कुछ अधिक नहीं बताया जा सकता है. प्रदेश में जिस प्रकार अभी संक्रमण चल रहा है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में संक्रमण के पीक की शुरुआत हो गई है. एकदम से कोई डेट नहीं बताया जा सकता है कि इस दिन संक्रमण पीक पर रहेगा. बिहार में कई सुदूर इलाके हैं जहां से जांच के लिए अधिक सैंपल नहीं आते हैं.

अभी ओमीक्रोन के संक्रमण में लोगों को सर्दी जुकाम के हल्के लक्षण हो रहे हैं. संक्रमण की गंभीरता नहीं बढ़ रही है. ऐसे में लोग जांच कराने में थोड़ा इग्नोर कर रहे हैं. जांच कराने के बजाय घर पर हैं. एहतियाती इंतजाम कर रहे हैं. टेली काउंसलिंग के माध्यम से डॉक्टर से संपर्क कर दवाइयां खा रहे हैं. डॉ नम्रता कुमारी ने बताया कि संक्रमण जिस प्रकार से फैल रहा है, आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी लोग इससे इनफेक्टेड होंगे. ऐसे में जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें, ताकि संक्रमण का लक्षण कम हो. अगर प्रदेश के 100% आबादी में हल्के स्तर के लक्षण से लोग संक्रमित होते हैं, तो एक तरह से यह प्रदेश के लिए अच्छी बात होगी. क्योंकि लोगों के शरीर में वायरस के खिलाफ नेचुरल एंटीबॉडी बन जाएगा और कोई भी बीमारी का नेचुरल एंटीबॉडी आर्टिफिशियल एंटीबॉडी से काफी बेहतर होता है.

डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि ओमीक्रोन का संक्रमण भले ही अभी गंभीर रोग पैदा नहीं कर रहा है लेकिन इस को हल्के में लेना लोगों की बड़ी भूल होगी. इसे हल्के में बिल्कुल ना लें और कोरोना के लेकर सरकार का जो कुछ भी गाइडलाइन है उसे गंभीरता से पालन करें, मास्क पहने हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें. उन्होंने बताया कि अगर संक्रमण हल्के वायरल लोड से होगा, तो थोड़ा बहुत सर्दी जुकाम के साथ रोग ठीक हो जाएगा. लेकिन वायरल लोड अधिक रहा और कोमोरबिडिटी है, तो यह गंभीर रोग पैदा कर सकता है. ऐसे में अगले 1 महीने तक कोरोना को लेकर काफी सावधान रहें.

इसे भी पढ़ें- बिहार में लॉकडाउन की तैयारी! DM को मिला फैसला लेने का अधिकार

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पटना: बिहार के आईजीआईएमएस पटना में ओमीक्रोन मिल चुका है. 32 सैंपल में से 27 में ओमीक्रोन पाया गया. जिसमें बिहार में ओमीक्रोन का अधिकतर स्ट्रेन अफ्रीकी स्ट्रेन से अलग है. लेकिन अफ्रीका में मिला स्ट्रेन महाराष्ट्र में मिल चुका है. अफ्रीका के ओमीक्रोन का स्ट्रेन B.1.1.529 है. बिहार में मिले ओमीक्रोन के 27 मामले में से 24 में ओमीक्रोन का BA.2 स्ट्रेन मिला है, जो अफ्रिका के ओमीक्रोन स्ट्रेन से अलग है. 3 सैंपल में ओमीक्रोन का अफ्रीकन स्ट्रेन B.1.1.529 मिला है. विशेषज्ञ ने बताया कि बिहार में मिले वैरिएंट के कितने प्रकार (Information About Different Variant of Omicron in Bihar) हैं.

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'ओमीक्रोन की शुरुआत अफ्रीकी देशों और साउथ अफ्रीका से हुई थी. ओमीक्रोन वैरिएंट के सबटाइप हैं, B.1.1.529, BA.2 और BA.3. ओमीक्रोन का सबसे पहले सबटाइप B.1.1.529 मिला था. लेकिन आईजीआईएमएस में हुए जीनोम सिक्वेंसिंग में अधिकतर ओमीक्रोन का सबटाइप BA.2 मिला. भारत में ही कई राज्यों में ओमीक्रोन का सबटाइप BA.3 भी मिला है. ओमीक्रोन के अलग सब टाइप में बहुत अधिक बदलाव नहीं है. चिकित्सा जगत इस बात से कंसर्न रखता है कि बीमारी का कोर्स कैसा है. इसका आदमी के शरीर पर इंपैक्ट कैसा है. अभी के समय में वायरस के जेनेटिक लेवल पर इस प्रकार का सबटाइप देखने को मिल रहा है. आने वाला समय बताएगा कि इसका असर कैसा होता है और यह साउथ अफ्रीका में मिले ओमीक्रोन वैरिएंट से नेचर में कितना अलग है.' -डॉ. नम्रता कुमारी, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, आईजीआईएमएस

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प्रदेश में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि संक्रमण के पीक के बारे में अभी कुछ अधिक नहीं बताया जा सकता है. प्रदेश में जिस प्रकार अभी संक्रमण चल रहा है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में संक्रमण के पीक की शुरुआत हो गई है. एकदम से कोई डेट नहीं बताया जा सकता है कि इस दिन संक्रमण पीक पर रहेगा. बिहार में कई सुदूर इलाके हैं जहां से जांच के लिए अधिक सैंपल नहीं आते हैं.

अभी ओमीक्रोन के संक्रमण में लोगों को सर्दी जुकाम के हल्के लक्षण हो रहे हैं. संक्रमण की गंभीरता नहीं बढ़ रही है. ऐसे में लोग जांच कराने में थोड़ा इग्नोर कर रहे हैं. जांच कराने के बजाय घर पर हैं. एहतियाती इंतजाम कर रहे हैं. टेली काउंसलिंग के माध्यम से डॉक्टर से संपर्क कर दवाइयां खा रहे हैं. डॉ नम्रता कुमारी ने बताया कि संक्रमण जिस प्रकार से फैल रहा है, आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी लोग इससे इनफेक्टेड होंगे. ऐसे में जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें, ताकि संक्रमण का लक्षण कम हो. अगर प्रदेश के 100% आबादी में हल्के स्तर के लक्षण से लोग संक्रमित होते हैं, तो एक तरह से यह प्रदेश के लिए अच्छी बात होगी. क्योंकि लोगों के शरीर में वायरस के खिलाफ नेचुरल एंटीबॉडी बन जाएगा और कोई भी बीमारी का नेचुरल एंटीबॉडी आर्टिफिशियल एंटीबॉडी से काफी बेहतर होता है.

डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि ओमीक्रोन का संक्रमण भले ही अभी गंभीर रोग पैदा नहीं कर रहा है लेकिन इस को हल्के में लेना लोगों की बड़ी भूल होगी. इसे हल्के में बिल्कुल ना लें और कोरोना के लेकर सरकार का जो कुछ भी गाइडलाइन है उसे गंभीरता से पालन करें, मास्क पहने हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें. उन्होंने बताया कि अगर संक्रमण हल्के वायरल लोड से होगा, तो थोड़ा बहुत सर्दी जुकाम के साथ रोग ठीक हो जाएगा. लेकिन वायरल लोड अधिक रहा और कोमोरबिडिटी है, तो यह गंभीर रोग पैदा कर सकता है. ऐसे में अगले 1 महीने तक कोरोना को लेकर काफी सावधान रहें.

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