पटनाः बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हत्या लूट अपहरण गैंग रेप जैसी वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है (crime increased in bihar). अपराधी छात्र-छात्राओं को अपना निशाना बनाते दिख रहे हैं. पिछले 24 घंटे में बिहार में गैंगरेप, किडनैपिंग और फायरिंग की घटना सामने आई है. जिले के अन्य हिस्से की बात छोड़िए राजधानी पटना ही सुरक्षित नहीं रह गया है. बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने राज्य में अपराध बढ़ने का मुख्य कारण पुलिस की लचर व्यवस्था बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस गश्ती में लापरवाही बरत रही. जिसका नतीजा है कि बिहार में आए दिन हत्या गैंगरेप लूट जैसी वारदात हाे रही है. पूर्व डीजीपी अभयानंद ने भी बिहार में गश्ती दल को और मजबूत करने की जरूरत बतायी. इस माह बिहार की कुछ चर्चित घटनाएं की चर्चा कर रहे हैं जिसने, कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये.
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मनेर में छात्रा का अपहरणः राजधानी पटना से सटे मनेर के एक निजी स्कूल की छात्रा को बोलेरो सवार अपराधियों ने जबरन उठा लिया. उसे बेहोश कर दिया गया था. बच्ची को बोलेरो से अगवा कर बदमाश भाग रहे थे, इसी दौरान आस-पास के ग्रामीणों की नजर पड़ी. ग्रामीणों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया और बोलेरो का पीछा करने लगे. पीछा करने के बाद छात्रा बेहोशी की हालत में दानापुर इलाके में मिली. जिसके बाद स्थानीय पुलिस की टीम को सूचना दी गई.
वैशाली में सामूहिक दुष्कर्म का वीडियो वायरलः वैशाली में सामूहिक दुष्कर्म का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है (gang rape in bihar). इस वीडियो में दो युवक एक महिला से दरिंदगी कर रहे हैं. वायरल करने वाले बदमाशों ने वीडियो को पीड़िता के पति और गांव वालों को भी भेज दिया है. यह मामला जंदाहा थाना क्षेत्र के एक गांव का है. दुष्कर्म का वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता मामले की शिकायत करने जंदाहा थाना पहुंची. लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाए पीड़िता को एससी-एसटी थाने भेज दिया.
जब पीड़िता एससी-एसटी थाने पहुंची तो वहां से भी बिना शिकायत दर्ज किए बैरंग लौटा दिया गया. ऐसे में पीड़िता न्याय की गुहार लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गयी. जहां पीड़िता को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आश्वासन मिला. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. यही नहीं बिहार के वैशाली में हाल के दिनों में 3 गैंगरेप की घटना घटित हुई है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में 28 अगस्त की रात को अंधेरे में निकली 13 वर्षीय किशोरी को गांव के ही 3 किशोरों ने मुंह दबाकर उठा लिया. स्कूल के बगल की झाड़ी में ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद उसकी मौत हो गई.
बेगूसराय में फिर हुई फायरिंगः बिहार के बेगूसराय में 13 सितंबर काे हथियारबंद अपराधियों ने जिस तरह से गोलियों की बौछार की थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हाे गयी थी और 10 लोग घायल हाे गये थे. यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि बेगूसराय में 21 सितंबर काे एक बार फिर फायरिग हुई (firing in bihar). मटिहानी थाने से 500 मीटर पहले दो बाइक सवार 4 बदमाशों ने फिर अंधाधुंध फायरिंग कर मौके से फरार हो गये. बदमाशों ने इस दौरान पांच राउंड फायरिंग की. गनीमत रही कि किसी को गोली नहीं लगी. बेगूसराय में फायरिंग की घटना के बाद पुलिस सड़क पर उतरी और मटिहानी थाने के पास सघन जांच अभियान चलाया गया. खोरमपुर ढाला की ओर से दो बाइक पर सवार चार बदमाश मेथो चौक और स्कूल के सामने पांच राउंड फायरिंग करते हुए थाना के सामने से भाग निकले.
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बिहार में अपराधियों का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि आम इंसान तो छोड़िए बिहार में लगातार पुलिसकर्मियों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है. हाल के दिनों में बिहार के कटिहार, छपरा, सिवान, पटना सहित कई स्थानों पर पुलिस पर हमले हुए हैं. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस और सरकारी कर्मचारियों पर हमले मामले में बिहार देश में पहले स्थान पर हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में जहां 334 कांड दर्ज किए गए हैं वहीं बिहार में सबसे अधिक 97 कांड पुलिस पर हमले के दर्ज हुए हैं.
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि किसी भी सूरत में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं होगी. पुलिस ऐसे लोगों को साथ सख्ती से पेश आ रही है. बिहार में बढ़ रहे अपराध को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हाल ही के दिनों में एनसीआरबी का डाटा आया है. एनसीआरबी द्वारा क्राइम इन इंडिया 2021 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में अपराध की दर के राज्यों के मुकाबले कम हैं.
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बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि बिहार की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि बिहार में अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि यह से बिहार की बात नहीं है देश के अधिकांश राज्यों में यही स्थिति है. बिहार में अपराध बढ़ने का मुख्य कारण उन्होंने पुलिस की लचर व्यवस्था को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि पुलिस गस्ती में कहीं ना कहीं पुलिस से लापरवाही बरत रहे जिसका नतीजा है कि बिहार में आए दिन हत्या गैंगरेप लूट जैसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं.
"बिहार सरकार का ध्यान अपराध से ज्यादा शराबबंदी पर है, जिस वजह से सारी पुलिस फोर्स को शराबबंदी की ओर लगा दिया गया है. सबसे पहले बिहार पुलिस को अपनी गश्ती बढ़ानी हाेगी. अपराधियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें ट्रायल करा कर जल्द से जल्द सजा दिलवाने का प्रयास करना चाहिए"- अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस अधिकारी
बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने एटीवी भारत से टेलीफोन पर बताया कि अपराध की रोकथाम के लिए शहर के सबसे बड़े जेल में बंद अपराधियों को पुलिस को अपना स्पाइ बनाना पड़ेगा तभी वह बाहर हो रही घटनाओं को रोक सकेंगे. उन्होंने बताया कि पुलिस और आम इंसान के बीच में जो समन्वय होना चाहिए वह नहीं देखने को मिल रहा है उसके साथ-साथ बिहार पुलिस को कहीं ना कहीं गश्ती दल को और मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अन्य राज्य जहां पर क्राइम का ग्राफ कम है उन राज्यों में पुलिस की गश्ती सक्रिय होती है तभी जाकर अपराधियों को पकड़ा जा सकता है.
"जब 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनी थी और उस समय जिस तरह से लॉ एंड ऑर्डर मजबूत हुआ था. इसका सबसे बड़ा कारण था कि जेल से छूटे अपराधियों की बेल को कैंसिल करवा कर उन्हें वापस से जेल में भेज देना. मौजूदा समय में इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है" - अभयानंद, पूर्व डीजीपी