पटनाः कोरोना महामारी से जुड़े मामलों को लेकर पटना हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ की अदालत में बिहार से सबसे बड़े अस्पताल पीएसीएच ने अस्पताल की ओर से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गड़बड़ी को स्वीकार किया.
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पीएमसीएच ने कोर्ट को दिया आश्वासन
अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट में जवाब देते हुए बताया कि ऑक्सीजन आपूर्ति में गड़बड़ी मामले में कार्रवाई की गई है. साथ ही इसे सुधारने को लेकर कदम उठाए गए हैं. साथ ही हलफनामा देकर पीएमसीएच में आगे से ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देने का आश्वासन दिया है.
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'तीन महिलाओं पर 32 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत'
प्रसुती वार्ड में भर्ती तीन महिलाओं पर 32 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत कर दिए गए. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए गए रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी. पहली बार पीएमसीएच प्रबंधन ने हाईकोर्ट के सामने यह कबूल किया कि उनके यहां ऑक्सीजन सिलेंडर में घपला किया गया है. हाईकोर्ट ने पीएमसीएच को चेतावनी दी है कि इस प्रकार के कुप्रबंधन की स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं हो. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पीएमसीएच के हर वार्ड में बेड की क्षमता के अनुसार रोजाना कितने ऑक्सीजन की जरूरत है और उसे कैसे पूरा किया जाएगा इसका भी जिक्र दायर हलफनामे पर हो. पीएमसीएच अधीक्षक की तरफ से यह भी जानकारी दी गई कि इस महीने के अंत तक वहां ऑक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर देगा.
20 मई को अगली सुनवाई
बता दें कि पिछले दिनों पीएमसीएच में ऑक्सीजन सिलिंडर के खपत में गड़बड़ी की जांच एमिकस क्यूरी मृगांक मौली की टीम ने किया था. इसके बाद रिपोर्ट में पीएमसीएच में ऑक्सीजन सिलिंडर के खपत में हुई गड़बड़ी को सही पाया गया था. अब इस मामले पर 20 मई को सुनवाई की जाएगी.