पटना: कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने सड़क निर्माण के लिए काम करने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के मामले में 50 हजार रुपये एक महीने के अंदर याचिकाकर्ता को देने का आदेश इंजीनियर इन चीफ को दिया.
ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट ने बिहार में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर जताई नाराजगी
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने स्टार बिल्ड मैक्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. याचिका कंपनी के प्रोपराइटर परवेज अहमद खान ने यह याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता बिहार कॉन्ट्रैक्टरस रजिस्ट्रेशन रूल्स 2007 के अंतर्गत क्लास-l कॉन्ट्रैक्टर की तरह रजिस्टर्ड कंपनी है.
कंपनी को वर्ष 2015 में सड़क निर्माण के संबंध में कुछ काम दिए गए थे. 27 दिसंबर 2019 को सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ द्वारा जारी किए गए आदेश से याचिकाकर्ता को 15 सालों तक के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था. पूर्व में ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को याचिकाकर्ता द्वारा पटना हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करके चुनौती दी गई थी. इस याचिका को निष्पादित करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को विभागीय सचिव के समक्ष अपील करने की छूट दी थी.
ये भी पढ़ें- हाईवे निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई पर पटना HC में हुई सुनवाई, रिज्वाइंडर दायर करने का निर्देश
याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट के समक्ष अपील भी दायर की थी, जिसे खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए निष्पादित कर दिया था. अपने आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि एक अर्ध न्यायिक प्राधिकार को अपने निष्कर्ष के समर्थन में कारण को आवश्यक रूप से रिकार्ड करना चाहिए. कोर्ट का कहना था कि इस मामले में इंजीनियर इन चीफ ने याचिकाकर्ता के स्पष्टीकरण के विषय को बगैर संक्षिप्त रूप से उल्लेख करते हुए याचिकाकर्ता के स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया गया था.
साथ ही कोर्ट ने सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ द्वारा 27 दिसंबर 2019 को जारी आदेश और अपील में सड़क निर्माण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी द्वारा 11 सितंबर 2020 को पारित आदेशों को रद्द कर दिया.