पटना : पटना हाई कोर्ट ने (Hearing in Patna High Court) बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट ऑथोरिटी (बियाडा) को आवंटित भूमि के 139 यूनिटों पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. बियाडा ने आवंटित 494 यूनिटों के भूमि आवंटन को रद्द कर दिया था. इनमें से 139 यूनिटों के विवाद के सम्बन्ध में कोर्ट ने बियाडा (Bihar Industrial Area Development Authority) को शीघ्र निर्णय लेने को कहा, ताकि इन यूनिटों में औद्योगिक क्रियाकलाप जारी हो सके.
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आज कोर्ट में एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने बताया कि बियाडा 494 यूनिटों के आवंटन को रद्द किया था. इनमें 139 यूनिटों के मामले लंबित थे, जिन पर बियाडा को निर्णय लेना है. इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि राज्य में औद्योगिक विकास व लोगों को रोजगार तभी मिलेगा, जब बियाडा की जमीन का सही तौर से उपयोग किया जाए.
कोर्ट ने बियाडा के अधिवक्ता प्रशांत प्रताप से पूछा कि राज्य में कुल कितने औद्योगिक ईकाइयां हैं? इसपर उन्होंने बताया कि कुल 68 ईकाइयां हैं. कोर्ट का कहना था कि तो फिर औद्योगिक विकास क्यों नहीं हो रहा है? बियाडा के अधिवक्ता प्रशांत प्रताप का कहना था कि इस मामले में याचिकाकर्ता को वर्ष 1972 में काफी सस्ते दर पर बियाडा ने जमीन लीज पर दी थी, लेकिन उसपर कोई फैक्ट्री नहीं लगाई गई.
कई आवंटियों ने आवंटित जमीन का दुरुपयोग करते हुए व्यक्तिगत हित के लिए इस्तेमाल किया. इसीलिए बियाडा ने इनसे जमीन वापस करने को कहा, तो वे कोर्ट आ गए. इसी पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसे लोगों के चंगुल में बियाडा फंसी हुई है. जबतक उनके चंगुल से बियाडा मुक्त नहीं होगी, तबतक राज्य में औद्योगिक विकास का सपना साकार नहीं हो सकता है. हम चाहते हैं कि राज्य में औद्योगिक विकास हो और लोगों को रोजगार मिले. कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.
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