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BIADA Land Case: पटना हाईकोर्ट ने बियाडा को डिफॉल्टरों की सूची पेश करने का दिया आदेश

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court On BIADA Land Case) ने बियाडा को डिफॉल्टरों की सूची पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास और लोगों को रोजगार तभी मिलेगा, जब बियाडा की जमीन का सही तौर से उपयोग किया जाए. पढ़ें पूरी खबर

BIADA Land Case
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Published : Dec 21, 2021, 9:34 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट ऑथोरिटी (Bihar Industrial Area Development Authority) को डिफॉल्टरों की सूची अगली सुनवाई में पेश करने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास और लोगों को रोजगार तभी मिलेगा, जब बियाडा की जमीन का सही तौर से उपयोग किया जाए.

ये भी पढ़ें- अब घर बैठे देख सकेंगे पटना हाईकोर्ट की कार्यवाही, यूट्यूब पर होगी लाइव स्ट्रीमिंग

कोर्ट ने बियाडा के अधिवक्ता से पूछा कि राज्य में कुल कितने औद्योगिक ईकाइयां है? इस पर उन्होंने बताया कि कुल 68 ईकाइयां है. कोर्ट का कहना था कि तो फिर औद्योगिक विकास क्यों नहीं हो रहा है? जिस पर बियाडा के अधिवक्ता का कहना था कि इस मामले में याचिकाकर्ता को वर्ष 1972 में काफी सस्ते दर पर बियाडा ने जमीन लीज पर दी थी, लेकिन उस पर कोई फैक्ट्री नहीं लगाई गई.

जमीन का दुरुपयोग करते हुए व्यक्तिगत हित के लिए इस्तेमाल किया गया, इसलिए बियाडा ने इन से जमीन वापस करने को कहा, तो वो कोर्ट आ गए. इसी पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के चंगुल में बियाडा फंसी हुई है. जब तक उनके चंगुल से बियाडा मुक्त नहीं होगी, तब तक राज्य में औद्योगिक विकास का सपना साकार नहीं हो सकता है. हम चाहते हैं कि राज्य में औद्योगिक विकास हो और लोगों को रोजगार मिले.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट ने सड़क निर्माण विभाग के बर्खास्त कर्मचारी पर 10 हजार का अर्थदंड लगाया

कोर्ट ने अगली सुनवाई में एडवोकेट जनरल को खुद उपस्थित होकर बियाडा का पक्ष रखने को कहा है. साथ ही साथ याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास कुमार को भी 23 दिसंबर 2021 को हलफनामा के साथ अंडरटेकिंग देने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा है कि वो दो महीनों में फैक्ट्री को चालू कर उत्पादन शुरू कर देगा. अंडरटेकिंग का पालन नहीं करने की स्थिति में जमीन तो जाएगी ही, साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा. अब इस मामले पर आगे की सुनवाई 23 दिसंबर 2021 को होगी.

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पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट ऑथोरिटी (Bihar Industrial Area Development Authority) को डिफॉल्टरों की सूची अगली सुनवाई में पेश करने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास और लोगों को रोजगार तभी मिलेगा, जब बियाडा की जमीन का सही तौर से उपयोग किया जाए.

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कोर्ट ने बियाडा के अधिवक्ता से पूछा कि राज्य में कुल कितने औद्योगिक ईकाइयां है? इस पर उन्होंने बताया कि कुल 68 ईकाइयां है. कोर्ट का कहना था कि तो फिर औद्योगिक विकास क्यों नहीं हो रहा है? जिस पर बियाडा के अधिवक्ता का कहना था कि इस मामले में याचिकाकर्ता को वर्ष 1972 में काफी सस्ते दर पर बियाडा ने जमीन लीज पर दी थी, लेकिन उस पर कोई फैक्ट्री नहीं लगाई गई.

जमीन का दुरुपयोग करते हुए व्यक्तिगत हित के लिए इस्तेमाल किया गया, इसलिए बियाडा ने इन से जमीन वापस करने को कहा, तो वो कोर्ट आ गए. इसी पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के चंगुल में बियाडा फंसी हुई है. जब तक उनके चंगुल से बियाडा मुक्त नहीं होगी, तब तक राज्य में औद्योगिक विकास का सपना साकार नहीं हो सकता है. हम चाहते हैं कि राज्य में औद्योगिक विकास हो और लोगों को रोजगार मिले.

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कोर्ट ने अगली सुनवाई में एडवोकेट जनरल को खुद उपस्थित होकर बियाडा का पक्ष रखने को कहा है. साथ ही साथ याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास कुमार को भी 23 दिसंबर 2021 को हलफनामा के साथ अंडरटेकिंग देने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा है कि वो दो महीनों में फैक्ट्री को चालू कर उत्पादन शुरू कर देगा. अंडरटेकिंग का पालन नहीं करने की स्थिति में जमीन तो जाएगी ही, साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा. अब इस मामले पर आगे की सुनवाई 23 दिसंबर 2021 को होगी.

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