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एईएस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, टीम ने प्रभावित जिलों का किया दौरा - ETV BHARAT NEWS

बिहार में एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि AES से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर काम कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा AES की रोकथाम के लिए विभाग पूरी तरह से काम कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों की टीम को प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Apr 8, 2022, 11:11 PM IST

पटना: बिहार में एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि एईएस से लड़ने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से (Health department alert for prevention of AES)अलर्ट है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि एईएस की रोकथाम को लेकर विभाग के तरफ से प्राथमिक उपचार पर विशेष बल दिया जा रहा है. शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों की टीम विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के नेतृत्व में एईएस प्रभावित विभिन्न जिलों में (AES affected districts in Bihar) गई. अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह और विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर सहित अन्य वरीय अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया. वहीं एसकेएमसीएच (SKMCH) के पीकू अस्पताल में एईएस को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा की. एसकेएमसीएच के अधीक्षक समेत अन्य चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इन सबके अलावा टीम ने जिला प्रशासन के साथ भी एईएस की तैयारियों को लेकर चर्चा की.

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आंगनबाड़ी सेविकाओं को अनिवार्य दवाएं बांटी जा रही: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि एईएस के प्राथमिक उपचार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं को अनिवार्य दवाएं बांटी जा रही हैं. इन के माध्यम से राज्य के एईएस प्रभावित 12 जिलों में अनिवार्य दवाओं का वितरण किया जाएगा ताकि एईएस से सुरक्षात्मक निवारण हो सके. एईएस के प्रभाव को देखते हुए प्राथमिक स्तर पर कार्य को प्रभावी बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इन 12 जिलों में 48218 आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस कार्य में लगाया गया है जिनको 482180 ओआरएस पाउच और 48218 पेरासिटामोल सिरप का बोतल प्रदान किया गया है. सभी दवाएं प्राथमिक उपचार के तौर पर बीमारी से लड़ने में कारगर है और इन 12 जिलों में इन दवाओं की आपूर्ति भी कर दी गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस कार्य में 37871 आशा कार्यकर्ता को लगाया गया है और बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरत पड़ने पर और भी दवाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से भेजा जाएगा.


12 जिलों में दवा बांटी जाएगी:स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि एईएस की रोकथाम और इसके शीघ्र प्राथमिक उपचार की व्यवस्था को अत्यधिक प्रभावी बनाने के दृष्टिकोण से विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है. दवा वितरण कार्य में आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी लगाया गया है. जिन 12 जिलों में दवा बांटी जाएगी उनमें पटना, गोपालगंज, सारण, सिवान, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली जिला शामिल है.

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पटना: बिहार में एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि एईएस से लड़ने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से (Health department alert for prevention of AES)अलर्ट है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि एईएस की रोकथाम को लेकर विभाग के तरफ से प्राथमिक उपचार पर विशेष बल दिया जा रहा है. शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों की टीम विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के नेतृत्व में एईएस प्रभावित विभिन्न जिलों में (AES affected districts in Bihar) गई. अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह और विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर सहित अन्य वरीय अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया. वहीं एसकेएमसीएच (SKMCH) के पीकू अस्पताल में एईएस को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा की. एसकेएमसीएच के अधीक्षक समेत अन्य चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इन सबके अलावा टीम ने जिला प्रशासन के साथ भी एईएस की तैयारियों को लेकर चर्चा की.

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आंगनबाड़ी सेविकाओं को अनिवार्य दवाएं बांटी जा रही: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि एईएस के प्राथमिक उपचार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं को अनिवार्य दवाएं बांटी जा रही हैं. इन के माध्यम से राज्य के एईएस प्रभावित 12 जिलों में अनिवार्य दवाओं का वितरण किया जाएगा ताकि एईएस से सुरक्षात्मक निवारण हो सके. एईएस के प्रभाव को देखते हुए प्राथमिक स्तर पर कार्य को प्रभावी बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इन 12 जिलों में 48218 आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस कार्य में लगाया गया है जिनको 482180 ओआरएस पाउच और 48218 पेरासिटामोल सिरप का बोतल प्रदान किया गया है. सभी दवाएं प्राथमिक उपचार के तौर पर बीमारी से लड़ने में कारगर है और इन 12 जिलों में इन दवाओं की आपूर्ति भी कर दी गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस कार्य में 37871 आशा कार्यकर्ता को लगाया गया है और बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरत पड़ने पर और भी दवाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से भेजा जाएगा.


12 जिलों में दवा बांटी जाएगी:स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि एईएस की रोकथाम और इसके शीघ्र प्राथमिक उपचार की व्यवस्था को अत्यधिक प्रभावी बनाने के दृष्टिकोण से विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है. दवा वितरण कार्य में आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी लगाया गया है. जिन 12 जिलों में दवा बांटी जाएगी उनमें पटना, गोपालगंज, सारण, सिवान, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली जिला शामिल है.

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