पटना: तीन कृषि कानूनों (Three Agricultural Laws) को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठन ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है. बिहार में सभी विपक्षी पार्टियों ने इसका समर्थन किया है. आज सुबह से ही बिहार के विभिन्न जिलों में महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. कई स्थानों पर आगजनी कर वाहनों का आवागमन बाधित किया गया.
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इधर, पटना की सड़कों पर ऑटो नहीं हैं. निजी बस चालकों ने भी आज बस बंद रखा है. किसानों के समर्थन में कई संगठन भी सड़क पर उतर चुके हैं. आज राजद (RJD), कांग्रेस (Congress), माले सहित सभी वाम दल भी सड़क पर उतरकर कृषि कानून को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.
इस आंदोलन को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने कहा है कि नौकरी और टिकट के लिए किसानों की जमीन लिखवाने वाली पार्टी आज अपने आपको किसान हितैषी साबित करने में लगी है. किसानों ने उनके जंगलराज को काफी करीब से देखा है जब सामूहिक हत्याएं हुआ करती थीं.
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दानिश रिजवान ने कहा कि उनके राज में किसानों के हालात कैसे थे, वो सब जानते हैं. आज देश में किसान खुशहाल हैं. कुछ राजनीतिक पार्टियां इन्हें शह देकर आंदोलन करवा रही हैं. देश की जनता सब देख रही है. बिहार की जनता ने इन्हें सत्ता से दूर रखा है और 20 साल से ये सत्ता से दूर हैं. इसीलिए किसी भी मुद्दे को लेकर ये राजनीति करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि किसान इनके आचरण को अच्छे से समझ चुके हैं. अब बिहार के किसान इनके झांसे में नहीं आने वाले हैं. ये कुछ भी कर लें, बिहार के किसानों का साथ आज के भारत बंद में इन्हें नहीं मिलेगा. इन्हें मुंह की खानी पड़ेगी.
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