पटना: बालिका गृह कांड (Girl Home Scandal) से सरकार (Bihar Government) की किरकिरी देश और दुनिया में हुई थी. सरकार अब उस दाग को खत्म करने के दिशा में काम करने में जुटी है. बालिका गृह की 16 लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए बाहर प्रदेश में जाकर कोर्स कर रही हैं उसमें से 12 लड़कियां जॉब भी पा ली हैं. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सरकार कोशिश कर रही है कि बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाया जाए जिससे इन लड़कियों को नई जिंदगी और समाज में पहचान मिल सके. इस दिशा में काम भी हो रहा है.
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बता दें कि बालिका गृह की छह लड़कियां अब अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए पटना में Monginis सेंटर में काम करेगी. समाज कल्याण विभाग लड़कियों को अपने स्तर से मोग्नीज कंपनी से बात करके उनको काम पर रखवाने का काम करेगी. यह लड़कियां Monginis कंपनी में सेल्स से लेकर सप्लाई तक का काम करेंगी. समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया कि विभाग लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह का प्रयास कर रही है कि लड़कियां काम के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करें. साथ ही साथ अपने पैरों पर खड़ा होकर समाज के साथ-साथ वो खुद का निर्णय लेने के लिए सक्षम हो सकें.
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बालिका गृह की 6 लड़कियां को Monginis में रखवाया जा रहा है, उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में बालिका गृह के और लड़कियों को सिलेक्शन किया जाएगा. जो काम कर सकें और अपनी जिम्मेदारी को निष्ठा पूर्वक निर्वाह कर सकें. सरकार इस और आगे बढ़ रही है. बालिका गृह की लड़कियां भी बाहरी दुनिया को देखें और वह समाज से कदम से कदम मिलाकर चल सकें.
जानकारी के अनुसार इस पर Monginis से बातचीत चल रही है. अगले माह तक 6 लड़कियां काम शुरू कर देंगी. ये अपने पैरों पर खड़ा हो सकें और समाज के वो कुरुतियों को धो सकें. काम के दौरान विभाग के तरफ से देख-रेख किया जाता रहेगा और अगर 6 लड़कियां अगर काम करने में सफल रही तो आने वाले दिनों में सरकार का यह प्रयास है कि बालिका गृह की लड़कियां हर क्षेत्र में लोगों से कदम से कदम मिलाकर अपने पैरों पर खड़ी होंगी जिससे कि इनके आने वाले दिनों में किसी प्रकार की कोई कठिनाई या समस्या हो तो वो खुद सूझबूझ से इसका हल कर सकें.
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6 लड़कियां जो काम करने जाएंगीं वो सभी 18 वर्ष की हैं जिनको समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. अगले साल 2022 में विभाग के द्वारा फिर बाल गृह की लड़कियां दूसरे टीम में उचित शिक्षा प्राप्त करने के लिए उड़ान भरेंगी. समाजिक कुरीतियों के चलते लड़कियों को समाज में तिरस्कार झेलना पड़ता है. तिरस्कार और प्रताड़ना से ये लड़कियां पिछले कई सालों से बालिका गृह की निवासी बनी हुई हैं. सरकार ने अब इन लड़कियों को हुनरमंद योजना से जोड़ने की शुरुआत कर दिया है.
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